हरिद्वार: सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम बेल मिलने पर जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी जेल से रिहा, भड़काऊ भाषण मामले में हुई थी गिरफ्तारी
हरिद्वार में भड़काऊ भाषण व आपत्तिजनक टिप्पणी के दो अलग-अलग मामलों में हरिद्वार की पुलिस ने नारसन बार्डर से जितेंद्र नारायण ङ्क्षसह त्यागी को गिरफ्तार किया था। निचली अदालत से जमानत खारिज होने के बाद उन्हें नैनीताल हाईकोर्ट से भी जमानत नहीं मिल पाई थी।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र नारायण त्यागी (पूर्व का नाम वसीम रिजवी) को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बाद गुरुवार को हरिद्वार जिला कारागार रोशनाबाद से रिहा कर दिया गया। त्यागी को भड़काऊ भाषण और आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में बीते 13 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। सुप्रीम कोर्ट से उन्हें तीन महीने के लिए सशर्त जमानत मिली है।
हरिद्वार में भड़काऊ भाषण व आपत्तिजनक टिप्पणी के दो अलग-अलग मामलों में हरिद्वार की पुलिस ने नारसन बार्डर से जितेंद्र नारायण ङ्क्षसह त्यागी को गिरफ्तार किया था। निचली अदालत से जमानत खारिज होने के बाद उन्हें नैनीताल हाईकोर्ट से भी जमानत नहीं मिल पाई थी। जिसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। हृदय रोग के इलाज के लिए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें तीन माह के लिए अंतरिम जमानत दी है। गुरुवार को सीजेएम कोर्ट में जमानत के दस्तावेज दाखिल करने के बाद रिहाई का परवाना जिला कारागार रोशनाबाद भेजा गया। जिसके बाद उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया।
दरअसल, जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी को जेल से जाने से पहले ही उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सुरक्षा मिली हुई थी। इसलिए रिहाई होने पर उत्तर प्रदेश पुलिस का सुरक्षा दस्ता जिला कारागार रोशनाबाद पहुंच गया। यहां से वह लखनऊ रवाना हो गए। वहीं, गुरुवार को रिहाई से पहले इसी मामले में सीजेएम कोर्ट में उनकी पेशी भी हुई। कोर्ट ने अग्रिम कार्रवाई के लिए 26 मई की तारीख निर्धारित की है।
प्राधिकरण के संयुक्त सचिव ने की 35 मामलों की सुनवाई
रुड़की: हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण कार्यालय में गुरुवार को संयुक्त सचिव एवं ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अंशुल सिंह ने 35 वाद पर सुनवाई की। उन्होंने वाद से संबंधित दस्तावेज भी तलब किए। वहीं, वाद संबंधित जो लोग सुनवाई में अनुपस्थित रहे उनके संबंधित भवन आदि को सील करने के निर्देश दिए हैं।
हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण स्थित कार्यालय में गुरुवार को संयुक्त सचिव अंशुल ङ्क्षसह ने वाद पर सुनवाई की। जिसमें बिना नक्शा पास कराए भवन का निर्माण, नक्शे के अनुरूप भवन न बनाना व अवैध रूप से प्लाङ्क्षटग किए जाने संबंधी मामलों पर सुनवाई की गई। संबंधित व्यक्तियों से उनका पूरा पक्ष जाना गया। संयुक्त सचिव ने वाद संबंधित व्यक्तियों से दस्तावेज तलब किए हैं।
एई डीएस रावत ने बताया कि सुनवाई में न आने वालों पर संयुक्त सचिव ने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उनके वाद से संबंधित भवन को सील करने के लिए कहा है। जिसके चलते उनकी सूची तैयार की जा रही है। जिसके बाद प्राधिकरण कार्रवाई करेगा। इस मौके पर सहायक अभियंता यूपी भट्ट, अवर अभियंता संजीव अग्रवाल एवं शीशपाल राणा आदि मौजूद रहे।