JEE Advanced 2020 Result: रुड़की जोन की कनिष्का ने बालिका वर्ग में किया ऑल इंडिया टॉप, जानिए क्या कहती हैं
JEE Advanced 2020 Result जेईई एडवांस का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया गया है। रुड़की जोन की कनिष्का मित्तल ने बालिका वर्ग में ऑल इंडिया टॉप किया है। कनिष्का ने 315/396 अंक हासिल किए हैं। वो मुरादाबाद की रहने वाली हैं।
देहरादून, जेएनएन। JEE Advanced 2020 Result जेईई एडवांस का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया गया है। रुड़की जोन की कनिष्का मित्तल ने बालिका वर्ग में ऑल इंडिया टॉप किया है। कनिष्का ने 315/396 अंक हासिल किए हैं। वो मुरादाबाद की रहने वाली हैं। इसके साथ ही रुडकी जोन में 15 छात्र टॉप-100, 25 छात्र टॉप-200, 38 छात्र टॉप-300, 50 छात्र टॉप-400 और 56 छात्र टॉप-500 में शामिल हैं। वहीं, हर्षवर्धन अग्रवाल, ध्वनित बेनिवाल, कनिष्का मित्तल, शाश्वत गर्ग और गुरप्रीत सिंह वाधवा टॉप-5 में शामिल हैं।
जेईई एडवांस्ड में बालिका वर्ग की टॉपर मुरादाबाद निवासी कनिष्का मित्तल एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता अनुज कुमार मित्तल फोटोस्टेट की दुकान चलाते हैं और मां गृहिणी हैं। वह बताती हैं कि इंजीनियर बनने की प्रेरणा उन्हें अपने भाई से मिली। उनका भाई भी बीटेक कर रहा है। उसी को देखकर कनिष्का ने आइआइटियन बनने की ठानी और दो साल कोटा में रहकर तैयारी की। आइआइटी में दिलचस्पी की एक और बडी वजह उनका गणित प्रेम है। कनिष्का का कहना है कि मेरी प्रतिस्पर्धा कभी किसी और से नहीं बल्कि खुद से ही थी। यही कारण था कि उन्होंने हमेशा ही सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास किया।
कनिष्का बताती हैं कि जेईई की तैयारी के लिए उन्होंने अधिकाधिक प्रश्न प्रैक्टिस किए, क्योंकि परीक्षा में हर साल कुछ नया रहता है। किसी भी विषय से और कहीं से भी सवाल आ सकते हैं। तैयारी शुरू करने से पहले उनकी गणित काफी अच्छी थी, लेकिन फिजिक्स कमजोर थी। पर अब फिजिक्स उनका सबसे मजबूत विषय है। कनिष्का की काबिलियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बाहरवीं में उनके 98.4 और दसवीं में 99 फीसद अंक थे।
कमजोर पक्ष पर किया काम, शिक्षकों ने दिया साथ
वह बताती हैं कि लॉकडाउन के कारण इस बार जेईई एडवांस्ड की परीक्षा काफी देर से हुई और तारीख आगे खिसकती चली गई। पर इस समय का उन्होंने पूरा सदुपयोग किया और रोजाना 8-10 घंटे पढाई की। इस दौरान उन्होंने कमजोर पक्ष पर काम किया और शिक्षकों ने भी यह कमियां दूर करने में पूरी मदद की। यानी इस रैंक में कहीं न कहीं लाकडाउन का भी अहम रोल है। उन्हें नोवल पढने और चित्रकारी का बहुत शौक है, लेकिन जेईई की तैयारी के कारण पिछले दो साल में बस एक ही नोवल पढ पाई हैं।