उत्तराखंड के 105 डिग्री कॉलेजों में जल्द एकीकृत इंटरनेट कनेक्टिविटी, ये कंपनी उठाएगी बीड़ा
कोरोना ने सरकारी डिग्री कॉलेजों में इंटरनेट कनेक्टिविटी देने की योजना को नया अवसर दे दिया है। एकीकृत तरीके से दी जाने वाली इंटरनेट कनेक्टिविटी सभी 105 कॉलेजों में मुहैया कराई जाएगी। जियो कंपनी ने ये बीड़ा उठाने पर हामी भर दी है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। कोविड-19 आपदा ने सरकारी डिग्री कॉलेजों में इंटरनेट कनेक्टिविटी देने की योजना को नया अवसर दे दिया है। एकीकृत तरीके से दी जाने वाली इंटरनेट कनेक्टिविटी सभी 105 कॉलेजों में मुहैया कराई जाएगी। जियो कंपनी ने ये बीड़ा उठाने पर हामी भर दी है। कोरोना संकट काल में सरकारी डिग्री कॉलेजों में ऑनलाइन पढ़ाई जारी है। इस सुविधा का लाभ इंटरनेट सुविधा के लिहाज से सुगम क्षेत्रों को मिल रहा है, लेकिन पर्वतीय क्षेत्रों के कॉलेजों में कनेक्टिविटी की दिक्कत बनी हुई है। इस समस्या के समाधान के लिए अब सभी सरकारी डिग्री कॉलेजों को एकीकृत इंटरनेट कनेक्टिविटी से जोड़ा जाएगा। इस मुहिम की शुरुआत पहले नवरात्र से होगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत रायपुर डिग्री कॉलेज को इंटरनेट कनेक्टिविटी से जोड़ने की योजना का उद्घाटन करेंगे। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ धन सिंह रावत ने बताया कि कॉलेजों को नेट सुविधा से जोड़ने की योजना के क्रियान्वयन का जिम्मा सूचना प्रौद्योगिकी विकास अभिकरण (आइटीडीए) को दिया गया है। आइटीडीए ने इसके लिए टेंडर किया था। कॉलेजों में इंटरनेट कनेक्टिविटी के लिए जियो कंपनी के साथ करार हुआ है। एकीकृत नेट कनेक्टिविटी से उच्च शिक्षा निदेशालय के साथ ही सभी डिग्री कॉलेज आपसे में नेट के जरिये जुड़े रह सकेंगे।
उन्होंने बताया कि दूरदराज के कॉलेजों में छात्र-छात्राओं को ई-ग्रंथालय, स्मार्ट क्लास, बायोमेट्रिक्स समेत नेट कनेक्टिविटी से संबंधित कई सुविधाएं मिलेंगी। इससे स्नातक व स्नातकोत्तर कक्षाओं की पढ़ाई के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे। छात्रों को दो नेटवर्क का मिलेगा लाभआइटीडीए निदेशक अमित सिन्हा ने बताया कि कम छात्रसंख्या वाले कॉलेजों में 10 मेगाबाइट्स प्रति सेकंड या इससे अधिक स्पीड और ज्यादा छात्रसंख्या वाले कॉलेजों में 100 मेगाबाइट्स प्रति सेकंड तक इंटरनेट स्पीड मुहैया कराई जाएगी। बाद में इन कॉलेजों को स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क (स्वान) से भी जोड़ने की योजना है। बाद में जियो और स्वान दोनों को साथ में संचालित रखा जा सकता है, जिससे कॉलेज छात्र-छात्राओं को नेट कनेक्टिविटी में दिक्कत न आए।