भारत नेट फेज- 2: उत्तराखंड की 5991 ग्राम पंचायतों में बिछेगा इंटरनेट का जाल, अर्थव्यवस्था को मिलेगी गति
उत्तराखंड के 12 जिलों में भारत नेट फेज- 2 के जरिए इंटरनेट पहुंचाया जाएगा। परियोजना को केंद्र से मंजूरी मिल गई है। इसके लिए दो हजार करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड के 12 जिलों में भारत नेट फेज- 2 के जरिए इंटरनेट पहुंचाया जाएगा। परियोजना को केंद्र से मंजूरी मिल गई है। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि केंद्र सरकार ने इसके लिए करीब दो हजार करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है। उन्होंने पीएम मोदी और केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी व दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद का आभार जाताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में इंटरनेट पहुंचने से विकास के एक नए युग आरंभ होगा और ग्रामीण अंचलों की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
भारत नेट फेज-2 परियोजना में राज्य के 12 (हरिद्वार में पहले से संचालित हो रही योजना) के 65 ब्लॉक के अंतर्गत 5991 ग्राम पंचायतों में इंटरनेट पहुचाया जाएगा। मीडिया सेंटर, सचिवालय में आयोजित प्रेस वार्ता में यह जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्रीय दूरसंचार मंत्रालय अंतर्गत यूनिवर्सल सर्विसेज ऑबलिगेशन फंड द्वारा यह परियोजना वित्त पोषित है और भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड इस परियोजना को दो चरणों में क्रियान्वित कर रहा है।
उत्तराखंड में भारत नेट फेज-1 परियोजना का कार्य भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड ने स्वयं विभिन्न संस्थाओं और अन्य कंपनियों के माध्यम से कराया है। पहले चरण में 11 जिलों के 25 ब्लॉक की 1865 ग्राम पंचायतों को जोड़ा जाना था। मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने केंद्रीय दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद से व्यक्तिगत रूप से भेंट कर उत्तराखंड राज्य के लिए भारत नेट फेज-2 परियोजना प्राथमिकता पर स्वीकृत किए जाने का अनुरोध किया था। दूरसंचार मंत्रालय ने भारत नेट 2.0 परियोजना पर स्टेट लेड मॉडल के तहत सहमति प्रदान की है। इसका क्रियान्वयन आइटीडीए के जरिए किया जाएगा।
भारत नेट परियोजना से पहुंचेगा लाभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत नेट 2.0 परियोजना के क्रियान्वयन राज्य में ई-गवर्नेस, ई-ऑफिस, ई-डिस्ट्रिक्ट, ई-हेल्थ, टेली मेडिसन, ई-एजुकेशन, ई-बैंकिंग, ई-नाम, इंटरनेट और अन्य सुविधाएं लोगों को मिलेंगी। इससे उन्हें स्वावलंबी बनने में न केवल सहायता मिलेगी, बल्कि स्वरोजगार के कई अवसर भी प्राप्त हो सकेंगे। जैसे ई-हेल्थ के माध्यम से दूरदराज के गावों के लोग सीधे अस्पतालों से जुड़कर अपना इलाज करा सकेंगे, विद्यार्थी घर बैठ कर पढाई कर सकत हैं, बिना बैंक में गए बैंक की सुविधा प्राप्त कर सकते है, किसानों को फसलों, दवाओं, भंडारण और फसल मूल्य को लेकर भी जानकारी मिल सकेगी। किसान अपनी फसलों और कृषि उत्पादों को ई-नाम के माध्यम से अपने गांव से भी ऑनलाइन बेच सकेंगे। छोटे-छोटे व्यवसायी भी अपने व्यवसाय को लेकर ई-मार्केटिंग आदि के संबंध में जानकारी हासिल करते हुए कर सकेंगे।
पिछले तीन सालों में भाजपा सरकार ने किए कई महत्वपूर्ण काम
सीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने पिछले तीन सालों में राज्य में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं। सीएम डैश बोर्ड इसके जरिए राज्य की प्राथिमिकता के कार्यक्रमों की समीक्षा व उनकी वित्तीय और भौतिक प्रगति की समीक्षा जनपद स्तर से लेकर मुख्यमंत्री के कार्यालय तक की जाती है। राज्य के पहले स्टेट डाटा सेंटर का निर्माण किया गया, जिससें सभी विभागों के डाटा को राज्य में संरक्षित किया जा सकता है। ड्रोन के क्षेत्र में काफी प्रगति की है। हर साल न सिर्फ दो फेस्टिवल का सफल आयोजन किया जा रहा है। वहीं, छात्रों आदि को ड्रोन से संबंधित प्रशिक्षण भी दिया जाता है, जिससे वह रोजगार के नए अवसर प्राप्त कर सकते हैं।
उत्तराखंड में किसी भी सरकार के जरिए बनाया गया यह पहला ड्रोन सेंटर है। ड्रोन के माध्यम से आपदा के समय आपदा राहत कार्यों में भी तेजी आएगी। स्वान के माध्यम से राज्य मुख्यालय से समस्त जिलों, तहसीलों और ब्लॉकों को जोड़ा गया है, जिससे विभागीय समीक्षा मुख्यालय ब्लॉक या तहसील तक सीधे की जा सकती है। सरकार के जरिए ये सुविधा ग्राम पंचायत स्तर तक किए जाने का लक्ष्य है। वर्तमान में मुख्यालय से लेकर ब्लॉक स्तर तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठकें आयोजित की जा सकती हैं।
सीएम ने कहा कि कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से लोगों को कई सेवाएं दी जा रही हैं। वर्तमान में लगभग 8350 सीएससी केंद्र संचालित है, लेकिन सभी ग्राम पंचायतों और गावों में डाटा नेटवर्क न होने के कारण और हाई स्पीड इंटरनेट से न जुड़े होने के कारण सुविधाएं सही तरीके से लोगों तक नहीं पहुंच पा रही है। पर इस परियोजना के जरिए सभी मुश्किलें खत्म हो जाएंगी।
ई-मंत्रिमंडल सेव की गई लागू
मंत्रिमंडल की सभी बैठकों को पेपरलेस करते हुए ई-मंत्रिमण्डल सेवा लागू कर की गई। ई-ऑफिस और ई-कलेक्ट्रेट के जरिए सचिवालय के लगभग 20 विभागों के ई-ऑफिस का कार्य शुरू किया जा चुका है और जनपद स्तर तक ई-ऑफिस, ई-कलेक्ट्रेट के क्रियान्वयन को जल्द ही लागू किए जाने का फैसला लिया गया है। देहरादून में इसका शुभारंभ भी कर लिया गया है। इससे लोगों को कार्यालयों के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होगी।
विद्यार्थियों को आइटी के सेक्टर में बनाया जाएगा आत्मनिर्भर
सीएम ने कहा, युवाओं को आइटी के क्षेत्र में स्किल्ड किए जाने को लेकर अभी दो ग्रोथ सेंटर देहरादून और पिथौरागढ़ में बनाए गए हैं। इन्हें समस्त जिलों में विकसित किए जाने की योजना है, जिससे विद्यार्थियों को आइटी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया जा सके। सीएम हेल्पलाइन 1905 लोगों के लिए बहुत ही उपयोगी हेल्पलाइन है, जिसके जरिए सीमांत जिलों और दूरदराज के नागरिक भी अपने घर से ही समस्याओं का समाधान पा रहें है। खासकर कोरोना वायरस संक्रमण के समय जब प्रदेशवासी विभिन्न समयस्याओं से जूझ रहे थे, तब सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से कुछ ही घंटों के भीतर उन्हें पूरी तरह सहायता पहुंचाई गई।
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राज्य को पूरी तरह से डिजिटल बनाने का सपना होगा साकार
राज्य सरकार के जरिए ई-गवर्नेंस के तहत कई अन्य ऐसे कदम उठाए गए हैं, जिसका सीधा लाभ जनता को मिल सके। जैसे कॉमर्शियल टैक्स, लैंड रिकॉर्ड, पुलिस(सीसीटीएनएस), रोड़ ट्रांसपोर्ट, ट्रैजरी कम्प्यूटराइजेशन, पीडीएस, ई-कोर्ट, ई-प्रोक्योरमेन्ट, ई-डिजिटल लॉकर, ई-विधान आदि जैसे डिजिटल लॉकर के माध्यम से जितने भी प्रमाण-पत्र हैं, वो ईलेक्ट्रोनिक माध्यम से अपने डाक्यूमेंट अपने मोबाइल मे रख सकता है। सीएम ने कहा भारत नेट 2.0 के माध्यम से दूर-दराज के गांव भी डिजिटल गांव बन सकेंगे और राज्य को पूरी तरह डिजिटल बनाने का उद्देश्य साकार होगा।
इस दौरान भाजपा के पूर्व महानगर अध्यक्ष विनय गोयल, मुख्यमंत्री के आइटी सलाहकार रविंद्र दत्त, निदेशक आइटीडीए अमित सिन्हा, अपर सचिव आइटी विजय कुमार यादव, वित्त नियंत्रक आइटी मनीष उप्रेती भी उपस्थित थे।
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