Online दोस्ती बन रही जान का खतरा, देहरादून में सामने आया सनसनीखेज मामला, अभिभावक ऐसे रखें बच्चों पर नजर
Internet Media Tips देहरादून में रहने वाली छात्रा द्वारा इंटरनेट मीडिया पर एक युवक से दोस्ती की गई जो उसके लिए जान का खतरा साबित हुई। इस मामले के सामने आने के बाद अब अन्य अभिभावकों में अपने बच्चों के प्रति चिंता है।
टीम जागरण, देहरादून : Internet Media Tips : उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में रहने वाली छात्रा द्वारा इंटरनेट मीडिया पर एक युवक से दोस्ती की गई, जो उसके लिए जान का खतरा साबित हुई। एक तरफा प्यार में पड़ा वह युवक छात्रा से मिलने देहरादून पहुंच गया और छात्रा ने मिलने से मना किया तो उस पर तमंचे से फायर कर दिया।
गनीमत रही कि छात्रा बाल-बाल बच गई। पुलिस उस युवक को गिरफ्तार को कर लिया है, लेकिन इस मामले के सामने आने के बाद अब अन्य अभिभावकों में अपने बच्चों के प्रति चिंता है। जिसके लिए उन्हें कुछ बातों का खास ध्यान रखना होगा।
दोस्त बनाते समय सावधानी बरतना बेहद जरूरी
आज हर हाथ में मोबाइल और लैपटाप है। बच्चों से लेकर बड़े तक फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर सक्रिय हैं, जहां हर कदम पर अंजान लोग मिलते हैं। ऐसे में आवश्यक है कि उन्हें दोस्त बनाते समय सावधानी बरती जाए।
खासकर जब तक संबंधित व्यक्ति से अच्छी तरह परिचय न हो, तब तक उससे अपनी व्यक्तिगत जानकारियां साझा नहीं करनी चाहिए। बच्चों के मामलों में अभिभावकों को भी इस तरफ ध्यान देने की जरूरत है कि इंटरनेट मीडिया पर वह किससे दोस्ती कर रहे हैं और उनके बीच क्या बातचीत हो रही है।
अभिभावकों को किन बातों का रखना चाहिए ध्यान
एसएसपी दलीप सिंह कुंवर का कहना है कि अभिभावकों को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि उनके बच्चे किस तरह के व्यक्तियों से मिल रहे हैं।
बच्चों की सलामती के लिए यह मालूम होना जरूरी है कि उनके दोस्त कौन हैं और किस प्रकृति के हैं, फिर चाहे वो आस पड़ोस और स्कूल-कालेज के मित्र हों या आभासी दुनिया यानी इंटरनेट मीडिया के। वह मोबाइल पर क्या कर रहे हैं, किससे और कितनी देर तक बात कर रहे हैं, इसकी जानकारी भी रखें।
अभिभावकों के लिए ये टिप्स भी दिए एसएसपी ने
- बच्चा यदि ट्यूशन जाता है तो इस बात की जानकारी जरूर करें कि वह ट्यूशन जा भी रहा है या नहीं।
- बच्चे का मोबाइल समय-समय पर चेक करें और देखें कि उसमें कौन से एप डाउनलोड हैं।
- बच्चे के इंटरनेट मीडिया पर बनने वाले दोस्तों पर भी नजर रखें, जिससे वह गलत संगत में न पड़ने पाएं।
- बच्चे ने दिनभर इंटरनेट मीडिया पर क्या-क्या देखा, इसकी जानकारी भी अभिभावक को रखनी चाहिए।
- बच्चा यदि मोबाइल पर ज्यादा समय बिता रहा है तो उसकी मनोचिकित्सक से काउंसिलिंग करवाएं।
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