भारतीय सेना को मिलेंगे 382 युवा अफसर, मित्र देशों के 77 कैडेट भी होंगे पासआउट
देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी में आठ जून को पासिंग आउट परेड का आयोजन होगा। इनमें 382 कैडेट भारतीय सेना का हिस्सा बनेंगे जबकि 77 कैडेट मित्र देशों के हैं।
देहरादून, जेएनएन। 'हिम्मत तेरी बढ़ती रहे, खुदा तेरी सुनता रहे। जो सामने तेरे खड़े, तू खाक में मिलाए जा। कदम-कदम बढ़ाए जा...।' आत्मविश्वास व जोश से लबरेज 459 जेंटलमैन कैडेट्स ने पासिंग आउट परेड के रैतिक पूर्वाभ्यास में देशभक्ति से भरपूर इस गीत पर कदम से कदम मिलाते हुए आइएमए के ड्रिल स्क्वायर पर परेड की। जब उन्होंने अंतिम पग भरा तो हेलीकॉप्टरों ने उन पर पुष्प वर्षा की। मौका था डिप्टी कमांडेंट परेड का। आइएमए के डिप्टी कमांडेंट एवं मुख्य प्रशिक्षक मेजर जनरल जीएस रावत ने परेड की सलामी ली।
भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) से शनिवार को 459 कैडेट पास आउट होंगे, जिसमें 382 भारतीय सेना का हिस्सा बनेंगे, जबकि अन्य 77 विदेशी कैडेट हैं। इन कैडेटों ने सोमवार को डिप्टी कमांडेंट परेड में कदमताल की। डिप्टी कमांडेंट ने कैडेटों में जोश भरते हुए कहा कि अच्छे आचरण व पराक्रम के साथ एक योद्धा की जिम्मेदारिया निभाएं। एक सैन्य अफसर की अपने हरेक जवान के प्रति जिम्मेदारी बनती है। उसके भरोसे पर खरा उतरने की कोशिश करें। ऐसे उदाहरण स्थापित करें कि वे गर्व से आपकी ओर देखें। यही अकादमी में सिखाया भी गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय सैन्य दस्ता दुनिया में सबसे अच्छा, दिल से सरल, निर्विवाद, वफादार और देशभक्ति से भरा है। पर एक अधिकारी के रूप में आपको अपने इरादे और कार्यों की सत्यता व पवित्रता के आधार पर उनका सम्मान और विश्वास अर्जित करना होगा। यह विश्वास अगर बन गया तो वह 'नरक' तक भी आपके साथ जाएंगे और इसे भी जीत लेंगे। उन्होंने प्रशिक्षण के सफल समापन पर विदेशी कैडेटों को भी बधाई दी। डिप्टी कमान्डेंट परेड में बड़ी संख्या में स्कूली छात्र, स्थानीय लोग और सैन्य परिवार उपस्थित रहे।
वीर सैनिकों के साहस और शौर्य को किया याद
12 गढ़वाल राइफल्स पूर्व सैनिक संगठन ने रविवार को बटालियन का 49वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया। इस दौरान रण के किस्से एक बार फिर जीवंत हो उठे। वहीं देश की रक्षा के लिए जान न्योछावर करने वाले वीर जवानों को श्रद्धांजलि भी दी गई।
जोगीवाला स्थित एक वेडिंग प्वाइंट में आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित कर की गई। इसके बाद महिलाओं ने गढ़वाली गीतों पर शानदार नृत्य प्रस्तुत किया। मुख्य अतिथि बटालियन के रिटायर कर्नल एनएस सामंत ने सभी को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि 12वीं गढ़वाल राइफल्स वीरता की मिसाल है। इससे जुड़े वीर सैनिकों ने 1971 से अब तक के ऑपरेशनों में दुश्मन के हौसले पस्त कर देश का नाम रोशन किया। रिटायर्ड सूबेदार मेजर तीरथ सिंह रावत ने ईसीएचएस, जिला सैनिक कल्याण बोर्ड, राज्य एवं केंद्रीय सैनिक कल्याण की योजनाओं के बारे में जागरूक किया। चीड़बाग में बन रहे वॉर मेमोरियल और रुद्रप्रयाग में बनाए जा रहे सैनिक स्कूल के धीमे निर्माण पर नाराजगी जताई गई। वहीं प्रेमनगर में ठाकुरपुर रोड पर पूर्व सैनिकों के आवासों के पास कैंट बोर्ड द्वारा कूड़ा फेंके जाने पर भी पूर्व सैनिकों में रोष दिखा।
इस दौरान 12 गढ़वाल के कैप्टन राम, रिटायर सूबेदार मेजर एमपी जोशी, सूबेदार मेजर ज्ञान सिंह रावत, कैप्टन राजेंद्र सिंह गुसाईं, कैप्टन एसएस बिष्ट, कैप्टन जसवंत सिंह कुंवर, कैप्टन बलवंत सिंह, कैप्टन बालम सिंह, सूबेदार लक्ष्मण सिंह, कुलवंत सिंह, बीजेपी जिला सैनिक कल्याण प्रकोष्ठ के संयोजक जीवन प्रकाश आदि मौजूद रहे।
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