Move to Jagran APP

दून में प्राधिकरण कर्मी चुनाव ड्यूटी में, अवैध निर्माण जोरों पर

मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के कार्मिकों की ड्यूटी चुनाव में लग जाने के चलते वे फील्ड में निगरानी नहीं कर पा रहे हैं और अवैध निर्माण करने वाले इसका फायदा उठा रहे हैं।

By BhanuEdited By: Published: Mon, 25 Mar 2019 12:29 PM (IST)Updated: Mon, 25 Mar 2019 12:29 PM (IST)
दून में प्राधिकरण कर्मी चुनाव ड्यूटी में, अवैध निर्माण जोरों पर

हरादून, जेएनएन। हाई कोर्ट के आदेश के बाद देहरादून में अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई तो की गई, लेकिन चुनाव घोषित होते ही एक बार फिर अतिक्रमण का खेल शुरू हो गया है। मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के कार्मिकों की ड्यूटी चुनाव में लग जाने के चलते वे फील्ड में निगरानी नहीं कर पा रहे हैं और अवैध निर्माण करने वाले इसका फायदा उठा रहे हैं। 

loksabha election banner

यहां तक कि कृषि भूमि पर भी अवैध रूप से प्लॉटिंग की जा रही है। खुद अफसर भी स्वीकार कर रहे हैं कि चुनाव में ड्यूटी के कारण निगरानी व्यवस्था प्रभावित हुई है। एमडीडीए का कहना है कि चुनाव के बाद फिर से सर्वे कराया जाएगा।

एमडीडीए में करीब 80 फीसद कार्मिकों की ड्यूटी चुनाव में लगाई गई है। इनमें अधिकतर फील्ड पर नजर रखने वाले अवर व सहायक अभियंता हैं। इसके अलावा प्रवर्तन टीम के भी ज्यादातर कार्मिक निर्वाचन कार्य में व्यस्त चल रहे हैं। इसका असर साफ देखा जा सकता है। 

खासकर देहरा खास, कारगी व बंजारावाला क्षेत्र में छोटे स्तर के बिल्डर अवैध निर्माण में लिप्त  हैं। रातों-रात कृषि भूमि पर सिंगल ईंट की दीवारें खड़ी कर निर्माण किए जा रहे हैं। कायदे से ऐसी भूमि पर निर्माण नहीं किया जा सकता। शहर के बाहरी इलाकों में भी अवैध प्लॉटिंग की जा रही है। सहस्रधारा रोड, शिमला बाइपास रोड, रायपुर क्षेत्र, चकराता रोड आदि क्षेत्रों में ले-आउट पास कराये बिना ही प्लॉटिंग कर उनकी बिक्री की जा रही है। 

एमडीडीए सचिव जीसी गुणवंत का कहना है कि कार्मिकों की कमी के चलते निगरानी व्यवस्था पर असर जरूर पड़ा है। अभी प्रशिक्षण आदि में भी कार्मिकों को जाना पड़ा रहा है। ऐसे में निर्देश दिए जा रहे हैं कि जैसे भी समय मिले, सभी कार्मिक अपने कार्यस्थल पर भी ध्यान दें। उन्होंने बताया कि चुनाव के बाद सर्वे कराकर इस दौरान अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई तेज की जाएगी।

यह भी पढ़ें: वोट बैंक से बिगड़ी रिस्पना और बिंदाल नदी की सूरत, पढ़िए पूरी खबर

यह भी पढ़ें: गंगा-यमुना के मायके में सूखे कंठों को तर होने इंतजार, पढ़िए पूरी खबर

यह भी पढ़ें: सियासत के कारण नहीं मिली किसानों को सुरक्षा, पढ़िए पूरी खबर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.