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जहरीली शराब कांड: नेता, पुलिस व आबकारी के गठजोड़ से चल रहा शराब का अवैध धंधा

जहरीली शराब कांड के बाद सरकार से लेकर समूचा तंत्र हरकत में आ गया है। दून में अवैध शराब का कारोबार सफेदपोशों खाकी और आबकारी महकमे के संरक्षण में चल रहा है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 21 Sep 2019 11:07 AM (IST)Updated: Sat, 21 Sep 2019 11:07 AM (IST)
जहरीली शराब कांड: नेता, पुलिस व आबकारी के गठजोड़ से चल रहा शराब का अवैध धंधा
जहरीली शराब कांड: नेता, पुलिस व आबकारी के गठजोड़ से चल रहा शराब का अवैध धंधा

देहरादून, जेएनएन। देहरादून के पथरिया पीर में जहरीली शराब से हुई छह मौतों के बाद एक बार फिर नेता-पुलिस और आबकारी विभाग की गठजोड़ पर बहस छिड़ गई है। इस पर अब खुलेआम लोगों ने मौजूद पुलिस कर्मियों से सवाल दागे तो उनके पास कोई जवाब नहीं था। हो भी कैसे, कोतवाली क्षेत्र का एक शराब माफिया महीनों से पुलिस की रडार पर है, वह शहर में ही है। पर पुलिस की क्या मजाल उसकी गिरेबां पर हाथ डाल दे। कुल मिलाकर जो तस्वीर सामने आई है, उससे यही संदेश जा रहा है कि राजधानी में अवैध शराब का कारोबार सफेदपोशों, खाकी और आबकारी महकमे के संरक्षण में चल रहा है।

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पथरिया पीर कांड के बाद सरकार से लेकर समूचा तंत्र हरकत में आ गया है। लोगों का गुस्सा कम करने के लिए चंद मोहरों पर कार्रवाई भी कर दी गई है, लेकिन सवाल यह कि क्या जहरीली शराब से पहली बार मौत हुई है। यदि नहीं तो फरवरी में रुड़की और मार्च में टिहरी के मरोड़ा में हुई मौतों के बाद क्यों सख्त कार्रवाई नहीं की गई। आंखों के सामने तड़पते हुए अपनों को दम तोड़ते देख चुके परिवारों और पथरिया पीर के बाशिंदों का आरोप है कि क्यों तमाम शिकायतों के बाद भी इलाके में शराब की अवैध बिक्री क्यों नहीं रोकी गई। 

यह आरोप भी उन्हीं के हैं कि यहां तो सब नेता, पुलिस और आबकारी की शह पर चल रहा था। दो रोज पहले वसंत विहार पुलिस ने चंडीगढ़ से आ रही शराब की बड़ी खेप पकड़ी थी। यह शराब पंचायत चुनाव में खपाने को लाई जा रही थी। शराब लदे ट्रक को वसंत विहार में पकड़ा गया। ऐसे में सवाल यह भी है कि कुल्हाल या फिर खोदरी के रास्ते दून में दाखिल हो रही थी, तब वहां तैनात पुलिस कर्मियों को क्यों शक नहीं हुआ।

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तड़ीपार के पोस्टर और पुलिस के हाथ खाली

कोतवाली क्षेत्र के एक शराब माफिया के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी हो रखा है। उसके पोस्टर भी शहर में लगे हैं, लेकिन वह पुलिस के हाथ नहीं लग रहा है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि उसे एक रसूखदार नेता का संरक्षण प्राप्त है। अब पथरिया पीर कांड के बाद पुलिस के सामने इस माफिया से भी निपटने की चुनौती आ गई है।

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