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हार्इकोर्ट ने रोका सीमांकन का काम, गफलत में दावेदार

शहर के विस्तार और परिसीमन प्रक्रिया निरस्त करने के हाईकोर्ट के फैसले को लेकर ग्रामीण जनप्रतिनिधि खुश हैं, जबकि पार्षदों में गफलत मची है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 10 Mar 2018 04:26 PM (IST)Updated: Sat, 10 Mar 2018 04:26 PM (IST)
हार्इकोर्ट ने रोका सीमांकन का काम, गफलत में दावेदार
हार्इकोर्ट ने रोका सीमांकन का काम, गफलत में दावेदार

देहरादून, [जेएनएन]: शहर के विस्तार और परिसीमन प्रक्रिया निरस्त करने के हाईकोर्ट के आदेश के बाद नगर निगम की सभी तैयारी अटक गई है। पिछले दिनों नए वार्डों के गठन के साथ ही आरक्षण को लेकर रैपिड सर्वे तक कराया जा चुका है। आजकल मतदाता सूची बनाने का काम भी चल रहा था, लेकिन फिलहाल इस प्रक्रिया को रोक दिया गया है। नगर आयुक्त विजय कुमार जोगदंडे की मानें तो दून के विस्तार में कोई आपत्ति नहीं थी, लिहाजा हाईकोर्ट के आदेश का खास असर नहीं होगा। नया नोटिफिकेशन होने पर यदि आपत्तियां आती हैं तो अलग बात है। 

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सरकार के पुराने नोटिफिकेशन के हिसाब से शहर से सटे 71 गांवों को नगर निगम में शामिल किया गया था। पहले निगम में साठ वार्ड थे, लेकिन नए गांव शामिल होने से यह संख्या 100 पहुंच गई। नगर निगम ने इसी के हिसाब से परिसीमन करके वार्डों का सीमांकन भी कर दिया व वार्डों के नए नंबर भी जारी कर दिए। इसके अलावा इन वार्डों में आरक्षण का रैपिड सर्वे कराने के बाद फाइनल सूची जारी होनी बाकी थी पर अब पूरी प्रक्रिया ही ठप हो गई है। दोपहर में हाईकोर्ट के आदेश की जानकारी मिलते ही भाजपा व कांग्रेस के पार्षदों समेत कईं दावेदार निगम पहुंच गए और चर्चाओं का दौर चल पड़ा।  

ग्रामीण जनप्रतिनिधि खुश, पार्षदों में मची गफलत 

हाईकोर्ट के ताजा फैसले से ग्रामीण जनप्रतिनिधि खुश हैं। डांडा लखौंड गांव के प्रधान अभिषेक पंत ने कहा कि सरकार ने मनमर्जी से सीमा विस्तार किया। प्रक्रिया में कोई जनसुनवाई नहीं हुई न ही आपत्ति सुनी गई। अगर सरकार पहले तय प्रक्रिया के तहत काम करती तो ऐसा नहीं होता जो अब हुआ। पंत ने कहा कि अब सरकार से उम्मीद है कि जनसुनवाई के बाद ही सीमा विस्तार पर फैसला ले, अन्यथा फिर विरोध झेलना पड़ेगा। वहीं, वर्तमान पार्षदों और पार्षद पद के दावेदारों में खलबली मच गई है। सभी ने नए वार्ड के हिसाब से खुद के लिए गोटियां फिट कर ली थी लेकिन अब उनकी तैयारियां धरीं रह गईं। 

चुनाव में देर होने की चर्चा 

पार्षदों में अब चुनाव में देर होने की चर्चा चल पड़ी है। उनका कहना है कि नई प्रक्रिया में वक्त लगेगा, ऐसे में अब अप्रैल में निकाय चुनाव होना संभव नहीं लग रहा है। कोई छह महीने चुनाव आगे खिसकने की बात कर रहा तो कोई दो माह। महापौर विनोद चमोली की मानें तो चुनाव वक्त पर  हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार समय से प्रक्रिया पूरी कर ले तो चुनाव को अप्रैल के अंत में कराने में कोई परेशानी नहीं होगी। 

महापौर विनोद चमोली ने बताया कि अभी मैने पूरा आदेश नहीं पढ़ा है मगर जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार दो हफ्ते में नई प्रक्रिया संभवत: पूरी करनी है। ऐसा है तो मार्च के अंत तक प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और चुनाव अप्रैल के अंत में कराने के लिए सरकार के पास पूरा समय रहेगा। चुनाव के लिए 21 दिन पूर्व आचार संहिता लग सकती है। 

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