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कार्मिकों की समस्याओं के समाधान को गठित होगी उच्चस्तरीय कमेटी

उत्तराखंड कार्मिक, शिक्षक, आउटसोर्स संयुक्त मोर्चे की मांगों का निराकरण करने के लिए प्रमुख सचिव वित्त राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय कमेटी गठित होगी।

By BhanuEdited By: Published: Fri, 25 May 2018 12:54 PM (IST)Updated: Sat, 26 May 2018 05:20 PM (IST)
कार्मिकों की समस्याओं के समाधान को गठित होगी उच्चस्तरीय कमेटी

देहरादून, [जेएनएन]: उत्तराखंड कार्मिक, शिक्षक, आउटसोर्स संयुक्त मोर्चे की मांगों का निराकरण करने के लिए प्रमुख सचिव वित्त राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय कमेटी गठित होगी। कमेटी अधिकतम डेढ़ माह में रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपेगी। यह निर्देश गुरुवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मोर्चे के प्रतिनिधि मंडल से वार्ता के दौरान दिए।

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मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को भी निर्देश दिए कि वह भी अपने-अपने विभागों से संबंधित कर्मचारी संगठनों के साथ उनकी समस्याओं पर नियमित चर्चा करें। वार्ता के दौरान मोर्चे के मुख्य संयोजक ठाकुर प्रह्लाद सिंह ने कहा कि कई मांगें तो ऐसी हैं, जिसमें कार्मिक वही सुविधा मांग रहे हैं, जो उन्हें पहले से दी जा रही थी। पदोन्नति वेतनमान की पुरानी व्यवस्था और पुरानी पेंशन नीति को बहाल करना की मांग हो या वाहन भत्ते की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार कर्मचारियों के हितों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है। कर्मचारियों को समय पर पदोन्नति और आगे बढ़ने का अवसर मिलना चाहिए। एक पद पर लंबे समय तक काम करने से मनोबल गिरता है। इसके बाद मोर्चे के प्रतिनिधि मंडल ने आउटसोर्स कर्मचारियों के संबंध में 27 अप्रैल को जारी शासनादेश को निरस्त करने की मांग की। 

कहा कि इसमें नियमितीकरण व समान कार्य के लिए समान वेतन से इन्कार किया गया है और कर्मचारियों की सेवा के लिए 11 महीने का अनुबंध की भी बात है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई कर्मचारी हटाया नहीं जाएगा और वह संबंधित अधिकारियों को बुलाकर उक्त शासनादेश की समीक्षा करेंगे। 

मोर्चे ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में वेतन विसंगतियों का निस्तारण करने, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पदोन्नत वेतनमान में 4200 ग्रेड पे देने, जिला पंचायत कार्मिकों को राज्य कर्मचारी घोषित करने, 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुकी महिला कार्मिकों को स्थानांतरण नियमावली से अलग रखने और कर्मचारियों व शिक्षकों को सेवाकाल में न्यूनतम तीन पदोन्नति देने समेत तमाम मांगों को भी रखा। 

ठाकुर प्रह्लाद सिंह का कहना है कि वार्ता में मुख्यमंत्री का रवैया पूरी तरह सकारात्मक रहा। सभी मांगों पर गंभीरता से विचार करने का भरोसा दिया गया। साथ ही स्पष्ट रूप से कहा कि जो सुविधा पहले से मिल रही थी, उन्हें वापस किया जाएगा। एक मई को हरिद्वार में होने वाली मोर्चे के संयोजक मंडल में सभी बातों को रखा जाएगा और आंदोलन को लेकर कोई निर्णय होगा। 

मुख्यमंत्री से वार्ता से पहले प्रतिनिधिमंडल प्रमुख सचिव वित्त राधा रतूड़ी से भी मिला था। प्रतिनिधिमंडल में संयोजक सचिव रवि पचौरी, संतोष रावत, गजेंद्र कपिल, अरुण पांडे, भावेश जगूड़ी, दीपक चौहान, ओमवीर सिंह, इंसारुल हक आदि मौजूद रहे।

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