Move to Jagran APP

सीएम रावत बोले, उत्तराखंड में पिछले चार माह में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को किया मजबूत

सीएम रावत ने कहा है कि पिछले चार माह में राज्य में हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को काफी मजबूत किया गया है। संक्रमण को देखते हुए समय-समय पर परिस्थिति के अनुरूप आवश्यक फैसले भी लिए।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 06:07 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jul 2020 06:07 PM (IST)
सीएम रावत बोले, उत्तराखंड में पिछले चार माह में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को किया मजबूत

देहरादून, जेएनएन। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि पिछले चार माह में राज्य में हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को काफी मजबूत किया गया है। कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए समय-समय पर हालातों को देखते हुए  आवश्यक फैसले भी लिए गए। प्रदेश में सुनियोजित तरीके से कोविड-19 से लड़ाई लड़ी जा रही है। राज्य स्तर पर लगातार स्थिति की समीक्षा की जाती है और जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाती हैं। आज राज्य में कोविड-19 नियंत्रित अवस्था में है। पॉजिटिव केस आ रहे हैं, लेकिन हमारा रिकवरी रेट भी बेहतर है। अब सर्विलांस, टेस्टिंग, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, क्लिनीकल मैनेजमेंट और जन जागरूकता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। 

loksabha election banner

कोरोना से लड़ाई लंबी, अनुशासन से जीत संभव

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से लड़ाई बहुत लंबी है। हम अपने दैनिक व्यवहार में बदलाव लाकर ही इस लड़ाई को जीत सकते हैं। मास्क का प्रयोग, दो गज की दूरी और हाथों को बार-बार धोना इन छोटी-छोटी लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बातों को अपनी आदत में लाना होगा। इसमें सबको जागरूक बनना होगा। 

बढी स्वास्थ्यगत सुविधाएं, जरूरी उपकरण पर्याप्त संख्या में उपलब्ध

मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच सरकारी और दो प्राइवेट लैब में कोरोना के सैंपल की जांच की जा रही है। इसके अलावा एनसीडी दिल्ली और पीजीआई चंडीगढ़ में भी सैंपल टेस्टिंग के लिए भेजे जा रहे हैं। कुछ अन्य प्राइवेट लेब को भी मंजूरी दी गई है। मार्च में हमारे यहां कोरोना संक्रमण की टेस्टिंग सुविधा नहीं थी। सैंपल टेस्टिंग की सुविधा जिला स्तर पर कराने के लिए जिलों को 16 ट्रूनेट मशीनें उपलब्ध करा दी गई हैं। प्रदेश के चिकित्सालयों में फ्लू क्लिनीक के माध्यम से आ रहे समस्त श्वास और इंफ्लूएंजा जैसे लक्षणों वाले मरीजों का सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं।

प्रदेश में पांच डेडिकेटेड कोविड अस्पताल(डीसीएच), 12 डेडिकेटेड कोविड-19 हेल्थ सेंटर (डीसीएचसी), 331 डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर्स हैं, जिनमें 24327 आइसोलेशन बेड, 273 आइसीयू बेड और 161 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। राज्य के कोविड चिकित्सालयों में 95550 एन 95 मास्क और 144911 पीपीई किट उपलब्ध हैं। राज्य में कोविड फेसिलिटी में आक्सीजन सपोर्ट बेड संख्या बढ़कर 1126, आइसीयू बेड की संख्या 279 और वेंटिलेटर की संख्या 179 हो गई।

सभी जनपदों में आइसीयू स्थापित

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए तीन राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम कार्यरत हैं। सभी जिलों में बीआरटी और सीआरटी सक्रिय हैं। वर्ष 2017 में राज्य में जहां केवल तीन मेडिकल कालेजों में 62 आइसीयू, 37 वेंटिलेटर और चार बाईपैप मशीनें ही थी, जबकि वर्तमान में कुल 251 आइसीयू, 113 वेंटिलेटर और 33 बाईपैप मशीनें स्थापित की जा चुकी हैं। वर्ष 2017 में जहां प्रदेश में सिर्फ तीन जिलों में आइसीयू स्थापित थे, वहीं अब राज्य के सभी जिलों में आइसीयू बना दिए गए हैं। 

कोरोना की सैंपलिंग और टेस्टिंग बढ़ाने पर जोर

कोविड की टेस्टिंग बढ़ाने के लिए दून, हल्द्वानी और श्रीनगर मेडिकल कालेज के लिए तीन हाईटेक टेस्टिंग मशीनें खरदने के लिए 11.25 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई है। कोरोना सैंपलिंग बढ़ाने के लिए प्राइवेट संस्थानों का सहयोग भी लिया जाएगा। प्राइवेट संस्थानों से राज्य सरकार जो भी सैंपल करवाएगी, उसका खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। 13 जिला चिकित्सालयों और उपजिला चिकित्सालयों में ऑक्सीजन सप्लाई पाइप लाइन के निर्माण कार्य के लिए कुल 578 लाख 34 हजार रुपए की राशि अनुमन्य की गई है।

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए उत्तराखंड में चार चिकित्सालयों में आइसीयू की स्थापना के लिए 1267.40 लाख रूपये की स्वीकृति दी गई है। इसमें उप जिला चिकित्सालय कोटद्वार के लिए 356.70 लाख, उप जिला चिकित्सालय रानीखेत 343.19 लाख, जिला चिकित्सालय टिहरी 274.51 लाख और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मसूरी के लिए 293 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई है। 

कोरोना वॉरियर्स को प्रोत्साहन

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में ई-संजीवनी टेलीमेडिसीन सेवा शुरू की गई है। 400 से अधिक चिकित्सकों की नियुक्ति की गई है। आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं, कोरोना वॉरियर्स के रूप में फ्रंटलाइन में बहुत ही बेहतर काम कर रही है। प्रत्येक आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं के खाते में एक-एक हजार रुपए की सम्मान राशि हस्तांतरित की जा रही है। प्रदेश में इनकी संख्या 50 हजार से अधिक है। केंद्र पोषित योजना के तहत राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में यू स्किल सेंटर की स्थापना के लिए 140 लाख रुपए की वित्तीय स्वीकृति दी गई। कोविड-19 से बचाव और रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से कुल 124 करोड़ रुपए की राशि अवमुक्त की गई है। जिला योजना में 260 करोड़ रुपए अवमुक्त किए गए हैं। 

यह भी पढ़ें: कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज बोले, बाहरी राज्यों के लोगों के लिए तीन दिन हो क्वारंटाइन अवधि

तीन लाख 27 हजार से अधिक प्रवासियों को लाने की व्यवस्था की गई

मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य राज्यों से लगभग 3.27 लाख प्रवासियों को विभिन्न माध्यमों से वापस लाया गया है। उत्तराखंड से दूसरे राज्यों के लगभग एक लाख लोगों को भेजा गया है। ट्रेनों से भी प्रवासियों को लाया गया है। अहमदाबाद, मुंबई, सूरत, पुणे, दिल्ली, चेन्नई, बंगलौर आदि स्थानों से प्रवासियों को लाया गया है या लाने की प्रक्रिया गतिमान है। व्यय भार सरकार वहन करेगी। राज्य सरकार ने रेल मंत्रालय को एडवांस भी जमा कराया। पूरी सतर्कता और सावधानी के साथ बाहर से प्रवासियों को लाने की व्यवस्था की गई। केंद्र सरकार के सारे प्रोटोकाल का सख्ती से पालन किया गया। बाहर से आने वाले लोग होम क्वारंटाइन का पूरा पालन करें, इसके लिए ग्राम प्रधानों को डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट में कुछ अधिकार दिए गए हैं। क्वारंटाइन सेंटरों में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं।

यह भी पढ़ें: सीएम रावत ने दिए निर्देश, होम क्वारंटाइन किए गए लोगों पर रखी जाए कड़ी निगरानी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.