कोश्यारी के हमले पर हरीश का पलटवार, बाड़े को तहस-नहस करेगा वानर
बीते रोज भगतदा यानी भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने जुबानी हमला बोला तो वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी पलटवार कर दिया।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। .और जैसी उम्मीद थी, वही हुआ। बीते रोज भगतदा यानी भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने जुबानी हमला बोला तो वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत यानी हरदा ने भी पलटवार करने में देर नहीं लगाई। उन्होंने कहा कि जब तक वानर को बाड़े में डाला जाएगा, तब तक तो वह बाड़े को ही तहस-नहस कर देगा।
कोश्यारी पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कुमाऊंनी भाषा में ही तंज कसा, 'मगर भीजी घुघुतक के होल, उसको तो तब तक बिराव खे जाल।' पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने जब से नैनीताल संसदीय सीट पर ताल ठोकी है, इस सीट से मौजूदा भाजपा सांसद भगत सिंह कोश्यारी के साथ रह-रहकर उनकी जुबानी जंग चल रही है।
इस कड़ी में बीते रोज भगतदा ने हरीश रावत पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वह खुद को हनुमान और वानर कहने लगे हैं। हरीश रावत ने खुद की लंका जला डाली थी। 23 मई को यानी चुनाव परिणाम आने के बाद वानर को बाड़े में डाल दिया जाएगा।
जवाब में हरदा ने ट्वीट कर कहा कि जब तक वानर को बाड़े में डाला जाएगा, तब तक वानर भाजपा के बाड़े को तो तहस-नहस कर ही देगा। साथ ही उन्होंने कहा कि मगर भीगी घुघुती का क्या होगा। उसको तो तब तक बिल्ली खा जाएगी। तो इसलिए महाराज भीजी घुघुतक ख्याल करो।
हालांकि, हरदा की टिप्पणी ने सियासी माहौल गर्मा दिया है। भगतदा को जिसतरह उन्होंने बिल्ली का खौफ दिखाया है, उसके सियासी निहितार्थ भी तलाश किए जा रहे हैं। वहीं इसके बाद दूसरे ट्वीट में हरीश रावत ने कहा कि भगत सिंह कोश्यारी मेरे बड़े भाई हैं और उन्होंने मेरे लिए ठीक ही बाड़ा तजबीज किया होगा। मुझे विश्वास है कि वो बाड़े से उनका अर्थ पार्लियामेंट हाउस है। वह उन्हें 23 मई के बाद पार्लियामेंट में देखना चाहते हैं।
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