कुंभ के दौरान हरिद्वार में तैनात होंगी पांच रैपिड रिस्पांस टीमें, हाथियों के नजर आने पर खदेड़ेंगी उन्हें
Haridwar Kumbh 2021 राजाजी टाइगर रिजर्व से सटे हरिद्वार में कुंभ के आयोजन की तारीख नजदीक आने के साथ ही वन महकमे की चिंता बढ़ गई है। वजह है क्षेत्र में हाथियों का उत्पात जिसे थामना चुनौती बना हुआ है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। Haridwar Kumbh 2021 राजाजी टाइगर रिजर्व से सटे हरिद्वार में कुंभ के आयोजन की तारीख नजदीक आने के साथ ही वन महकमे की चिंता बढ़ गई है। वजह है क्षेत्र में हाथियों का उत्पात, जिसे थामना चुनौती बना हुआ है। ऐसे में कुंभ के दौरान गजराज कहीं कोई खलल न डालें, इसे देखते हुए महकमा अब नई रणनीति बनाने में जुट गया है। हाथियों की निगरानी तेज की गई है तो कुंभ के अवधि के दरम्यान पांच रैपिड रिस्पांस टीमें मेला क्षेत्र में तैनात करने का निर्णय लिया गया है। राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग के अनुसार ये टीमें कुंभ मेला क्षेत्र से लगे इलाकों में हाथियों के नजर आने पर उन्हें जंगल की तरफ खदेड़ने में जुटेंगी।
हरिद्वार से लेकर श्यामपुर और ऋषिकेश तक के क्षेत्रों में लंबे समय से हाथियों ने नाक में दम किया हुआ है। ये सड़क और आबादी वाले क्षेत्रों में गाहे-बगाहे धमक रहे हैं। हालांकि, वन महकमे ने इस पूरे क्षेत्र में 13 उत्पाती हाथी चिह्नित किए हैं। निगरानी के लिए इन पर रेडियो कॉलरिंग का क्रम शुरू किया गया है और अब तक तीन हाथियों को रेडियो कॉलर लगाया जा चुका है। अलबत्ता, 10 बिगड़ैल हाथी अभी और भी चिह्नित हैं।इस सबको देखते हुए क्षेत्र में हाथीरोधी सुरक्षा दल की तैनाती की गई है। पेट्रोलिंग बढ़ाने के साथ ही कंट्रोल रूम भी हरिद्वार में स्थापित कर दिया गया है, लेकिन कुंभ के मद्देनजर चिंता कम होने का नाम नहीं ले रही।
दरअसल, फरवरी से हरिद्वार में कुंभ शुरू होने जा रहा है। जाहिर है कि इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ेंगे। ऐसे में चिंता ये साल रही कि यदि इस दौरान भी हाथी मेला क्षेत्र या इसके आसपास धमके तो दिक्कतें बढ़ सकती हैं।अब हाथियों को जंंगल में रोके रखने के दृष्टिगत नई रणनीति तैयार की जा रही है। मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग के मुताबिक कुंभ मेले के दौरान मेला क्षेत्र में पांच रैपिड रिस्पांस टीमें तैनात की जाएंगी।
प्रत्येक टीम में पांच-पांच सशस्त्र वनकर्मी होंगे। ये मेला क्षेत्र के इर्द-गिर्द कहीं भी हाथियों की सक्रियता की सूचना मिलने पर तुरंत सक्रिय हो जाएंगी। इसके अलावा संयुक्त गश्त के लिए हरिद्वार वन प्रभाग और राजाजी टाइगर रिजर्व के वनकर्मियों की टीमें लगाई जाएंगी। सूचना तंत्र को सशक्त बनाने की कवायद भी तेज की जा रही है।
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