गुड्डू ने दिखाए बागी तेवर, भाजपा की मुश्किलें बढ़ी
विधानसभा की थराली सीट के उपचुनाव से ऐन पहले हाल में पार्टी का दामन थामने वाले गुड्डू लाल शाह के बागी तेवरों से भाजपा की मुश्किलें खासी बढ़ गई हैं।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: विधानसभा की थराली सीट के उपचुनाव से ऐन पहले हाल में पार्टी का दामन थामने वाले गुड्डू लाल शाह के बागी तेवरों से भाजपा की मुश्किलें खासी बढ़ गई हैं। उस पर तुर्रा यह कि थराली में एक और दावेदार बलवीर घुन्याल ने भी ताल ठोक दी है। हालांकि, इस बीच गुड्डू लाल को मनाने की कोशिशें भी हुई, मगर ये परवान नहीं चढ़ पाई।
गुड्डू का कहना है कि वह प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के साथ हुई वार्ता से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने देहरादून में ऐलान किया कि यदि पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो वह बतौर निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में उतरेंगे। वहीं, माना जा रहा कि इस सबके कारण ही पार्टी प्रत्याशी के नाम की घोषणा करने को लेकर भाजपा नेतृत्व ऊहापोह की स्थिति में है।
भाजपा विधायक मगनलाल शाह के निधन के कारण रिक्त हुई थराली सीट पर वर्चस्व कायम रखना भाजपा के लिए चुनौती बन गया है। हालांकि, पार्टी ने वर्ष 2017 के विस चुनाव में करीब आठ हजार वोट हासिल करने वाले गुड्डू लाल शाह को भाजपा में शामिल कर जमीन मजबूत करने की कोशिश की, मगर अब यह गरम दूध बन गई है।
वजह है गुड्डू लाल के बागी तेवर। गुड्डू लाल को उम्मीद थी कि भाजपा का दामन थामने पर उपचुनाव में पार्टी उन्हें प्रत्याशी बनाएगी। इस बीच पूर्व विधायक मगनलाल शाह की पत्नी एवं जिला पंचायत चमोली की अध्यक्ष मुन्नी देवी का नाम फाइनल होने की चर्चा से उनकी उम्मीदों को झटका लगा।
इसके साथ ही गुड्डू ने बागी तेवर अख्तियार कर लिए। हालांकि, भाजपा नेतृत्व ने डेमेज कंट्रोल के मद्देनजर रविवार को गुड्डू लाल को वार्ता के लिए देहरादून बुलाया, मगर बात नहीं बन पाई। गुड्डू लाल शाह ने कहा कि उन्होंने अपनी बात सीएम और प्रदेश अध्यक्ष के समक्ष रख दी है। बकौल गुड्डू लाल, 'मुझे बताया गया कि भाजपा ने प्रत्याशियों का पैनल केंद्रीय नेतृत्व को भेज दिया है।
इसमें उनका नाम भी है। अब केंद्रीय नेतृत्व को ही प्रत्याशी का नाम फाइनल करना है।' गुड्डू लाल के अनुसार उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय जनता की अपेक्षाओं के मद्देनजर उन्हें मौका दिया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उन्हें पहले बता दिया जाता कि टिकट केंद्रीय नेतृत्व तय करता है तो वह अपने समर्थकों से विमर्श कर कोई निर्णय लेते।
देहरादून लाए और माला पहना दी
गुड्डू लाल ने उन्हें भाजपा में शामिल कराने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि उन्हें देहरादून लाया गया और फिर माला पहनाकर पार्टी ज्वाइन करा दी गई। उन्होंने दो टूक कहा कि यदि पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।
दूध पीते बच्चे नहीं हैं गुड्डू
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के मुताबिक गुड्डू लाल शाह कोई दूध पीते बच्चे नहीं हैं। शाह ने खुद बिना शर्त पार्टी ज्वाइन की और तब कहा था कि अब वह घर लौट आए हैं। जहां तक टिकट का सवाल है तो प्रांतीय नेतृत्व ने अपना पैनल तय कर केंद्रीय नेतृत्व को भेज दिया है। इसमें शाह का नाम भी है। केंद्रीय नेतृत्व जो भी फैसला लेगा, वह सभी को मान्य होगा।
उन्होंने कहा कि भाजपा एक अनुशासित पार्टी है और पार्टी के निर्णय के विरुद्ध जाना अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। साथ ही पार्टी किसी दबाव में काम नहीं करती।
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