Move to Jagran APP

उत्‍तराखंड में कांग्रेस के भीतर नई जुगलबंदी शुरू, दबदबे को लेकर जोर आजमाइश तेज

प्रदेश में कांग्रेस के भीतर नई जुगलबंदी के साथ ही सियासी तौर पर दबदबे को लेकर जोर-आजमाइश तेज हो गई है।

By Edited By: Published: Sun, 06 May 2018 03:01 AM (IST)Updated: Mon, 07 May 2018 04:58 PM (IST)
उत्‍तराखंड में कांग्रेस के भीतर नई जुगलबंदी शुरू, दबदबे को लेकर जोर आजमाइश तेज
उत्‍तराखंड में कांग्रेस के भीतर नई जुगलबंदी शुरू, दबदबे को लेकर जोर आजमाइश तेज

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: प्रदेश में कांग्रेस के भीतर नई जुगलबंदी के साथ ही सियासी तौर पर दबदबे को लेकर जोर-आजमाइश तेज हो गई है। पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के डालनवाला थाने में शनिवार को प्रदर्शन में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के समर्थकों की अच्छी-खासी तादाद रही तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह के समर्थकों ने इससे कन्नी काटना ही बेहतर समझा। 

loksabha election banner

प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ मुलाकात तय होने के दौरान दून में किशोर और हरीश रावत समर्थकों की एकजुटता ने पार्टी के भीतर सियासत को गर्मा दिया है। प्रदेश कांग्रेस में गाहे-बगाहे गुटबाजी सिर उठाती रहती है। थराली विधानसभा सीट पर उपचुनाव और नगर निकाय चुनाव के मौके पर एक बार फिर पार्टी के भीतर नए तरीके से खींचतान तेज हो गई है।

इस खींचतान को सियासी तौर पर एक दूसरे गुटों पर दबदबा बनाने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के बीच जुगलबंदी के चलते प्रदेश में कांग्रेस के अन्य दिग्गजों के बीच भी एका की कोशिशें परवान चढ़ने लगी हैं। 

दिल्ली में जनाक्रोश रैली के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और किशोर उपाध्याय के बीच उत्तराखंड सदन में हुई मुलाकात के बाद दोनों नेता एक दूसरे से मतभेदों को भुलाकर एकजुट नजर आ रहे हैं। रावत और किशोर की जुगलबंदी को प्रीतम और इंदिरा की जुगलबंदी का जवाब माना जा रहा है। यही वजह है कि किशोर उपाध्याय की ओर से राज्य सरकार पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए शनिवार को डालनवाला थाने में किए गए प्रदर्शन और उसमें हरीश रावत समर्थकों की बड़ी संख्या में मौजूदगी ने प्रदेश में कांग्रेस की सियासत में नए धु्रवीकरण की झलक दिखा दी है।

इस प्रदर्शन में पूर्व मुख्यमंत्री रावत के करीबियों में शुमार राजीव जैन, सुरेंद्र कुमार, जसबीर रावत, गरिमा दसौनी के साथ ही किशोर समर्थकों में महानगर अध्यक्ष पृथ्वीराज चौहान शामिल हुए, जबकि प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के करीबियों ने इससे दूरी बनाए रखी। पार्टी की इस सियासी खींचतान को नगर निकाय चुनाव में चहेते दावेदारों के लिए दबाव बनाने के साथ ही अगले वर्ष लोकसभा चुनाव के लिए सियासी जमीन मजबूत करने के रूप में लिया जा रहा है।

यह भी पढ़ें: मोदीराज में अब तो खिलाफ बात करना भी गुनाह हो गया: हरीश रावत

यह भी पढ़ें: पीएम मोदी गंगाजल लेकर खाएं कसम, कोर्इ भी वादा किया है पूरा

यह भी पढ़ें: चाल बदलने को तैयार नहीं नौकरशाही, रवैये से सीएम खफा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.