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    अनब्रांडेड नमकीन से अनपैक्ड की शर्त हटाई जाए

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    Updated: Sat, 28 Jul 2018 08:36 AM (IST)

    वित्त मंत्री से मुलाकात कर उत्तराखंड इंडस्ट्रियल वेलफेयर एसोसिएशन ने जीएसटी के मुद्दे को उनके सामने रखा। उनका कहना है कि अनब्रांडेड नमकीन से अनपैक्ड की शर्त हटाई जाए।

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    अनब्रांडेड नमकीन से अनपैक्ड की शर्त हटाई जाए

    देहरादून, [जेएनएन]: उत्तराखंड इंडस्ट्रियल वेलफेयर एसोसिएशन ने जीएसटी काउंसिल स्तर पर विभिन्न समस्याओं के हल के लिए वित्त मंत्री प्रकाश पंत से मुलाकात की। 

    गुरुवार को वित्त मंत्री से हुई मुलाकात में एसोसिएशन अध्यक्ष अनिल मारवाह ने कहा कि लंबे समय से अनब्रांडेड नमकीन पर जीएसटी की दर 12 से घटाकर पांच फीसद करने की मांग की जा रही थी। काउंसिल ने इसे माना भी, मगर साथ में नमकीन के अनपैक्ड होने की शर्त जोड़ दी। जबकि नमकीन जैसे उत्पाद को अनपैक्ड के रूप में बेच पाना संभव नहीं है। ऐसे में काउंसिल के समक्ष इस बात को रखकर निराकरण किया जाना जरूरी है। इसके अलावा जीएसटी के ऑनलाइन भुगतान में सिर्फ 14 बैंकों का विकल्प आ रहा है, जबकि बड़ी संख्या में कारोबारियों के खाते संबंधित बैंकों से इतर भी हैं। ऐसे में कारोबारियों को भुगतान में दिक्कत आ रही है। 

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    जीएसटी पोर्टल की समस्या को भी कारोबारियों ने वित्त मंत्री के समक्ष उठाते हुए कहा कि इसमें ई-वे बिल जनरेट करते समय फर्म के नाम की जगह प्रोपराइटर या पार्टनर का नाम आ रहा है। जबकि जीएसटी नंबर फर्म के नाम पर होता है। पोर्टल में प्रोपराइटर व पार्टनर के अलावा फर्म के नाम का भी उल्लेख जरूरी है। 

    पोर्टल के विभिन्न स्तर पर भी फर्म के नाम की जगह सिर्फ नंबर आ रहा है। वहीं, महासचिव पवन अग्रवाल ने कहा कि एमएसएमई की हिल पॉलिसी के अंतर्गत एसजीएसटी कंपोनेंट को बी टू सी तक सीमित कर दिया गया है, जिसे बी टू बी भी किया जाना जरूरी है।

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