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Coronavirus: ग्रीन जोन के लिए कसरत पूरी, हसरत अभी रहेगी अधूरी

उत्तराखंड में वर्तमान में कोरोना संक्रमण की दर सैंपलिंग और एक्टिव केस के आधार पर आकलन करें तो सभी जिले किसी न किसी मानक के चलते ग्रीन जोन की मंजिल से अभी दूर दिख रहे हैं।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Published: Mon, 25 May 2020 01:02 PM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 01:02 PM (IST)
Coronavirus: ग्रीन जोन के लिए कसरत पूरी, हसरत अभी रहेगी अधूरी
Coronavirus: ग्रीन जोन के लिए कसरत पूरी, हसरत अभी रहेगी अधूरी

देहरादून, सुमन सेमवाल। कोरोना के संक्रमणकाल में हर जिला ग्रीन जोन का तमगा हासिल करने की हसरत पाले बैठा है। अधिक से अधिक जिले व क्षेत्र इस तमगे को हासिल कर पाएं, इसके लिए केंद्र सरकार ने फार्मूला जारी कर इसका अधिकार राज्यों को दे दिया। पिछले सप्ताह 18 मई को उत्तराखंड शासन की ओर से जारी जोनिंग में प्रदेश के सात जिले ग्रीन, जबकि छह जिले ऑरेंज जोन में थे। इस बीच प्रवासियों की आमद बढ़ने के साथ ग्रीन जोन के जिलों में भी कोरोना संक्रमण के मामले दर्ज होने के बाद अब सभी जिले ऑरेंज श्रेणी में आ चुके हैं।

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वर्तमान में कोरोना संक्रमण की दर, सैंपलिंग और एक्टिव केस के आधार पर आकलन करें तो सभी जिले किसी न किसी मानक के चलते ग्रीन जोन की मंजिल से अभी दूर दिख रहे हैं। इतनी राहत जरूर है कि अभी रेड कैटेगरी जैसे हालात किसी जिले में नहीं हैं।

राजधानी देहरादून की बात करें तो यहां सैंपलिंग की रफ्तार सबसे अधिक है। ग्रीन जोन के लिए यह दर प्रति लाख जनसंख्या पर 200 से ऊपर होनी चाहिए। दून में यह दर 410 से भी ऊपर है। मगर, जिस ग्रीन जोन के लिए कोरोना से मृत्यु की दर एक फीसद से कम होनी चाहिए, वहां यह आंकड़ा रविवार को चार फीसद को पार कर गया है।

वहीं, कुल सैंपलिंग में पॉजिटिव आने की रफ्तार दो फीसद से कम होनी चाहिए और दून में अभी भी 1.09 फीसद से ऊपर कोरोना पॉजिटिव नहीं पाए गए हैं। इसी तरह जोनिंग के छह मानकों में से कोई किसी में पीछे है तो कोई दूसरे मानक पूरे नहीं कर पा रहा। 

इस तरह हो रहा जोन का निर्धारण

रेड जोन 

कुल एक्टिव केस, 200 से अधिक

प्रति लाख जनसंख्या पर एक्टिव केस, 15 से अधिक

केस डबल होने की दर (साप्ताहिक आकलन) 14 दिन से कम समय पर

कोरोना से मृत्यु दर, 06 से ऊपर

प्रति लाख जनसंख्या पर सैंपलिंग, 65 से कम

सैंपलिंग में पॉजिटिव की दर, 06 फीसद से अधिक

ऑरेंज जोन

कुल एक्टिव केस, एक से 200 के बीच

प्रति लाख जनसंख्या पर एक्टिव केस, एक से 15 के बीच

केस डबल होने की दर (साप्ताहिक आकलन) 14 से 28 दिन के भीतर

कोरोना से मृत्यु दर, एक से छह फीसद के बीच

प्रति लाख जनसंख्या पर सैंपलिंग, 65 से 200 के बीच

सैंपलिंग में पॉजिटिव की दर, 02 से 06 फीसद के बीच

ग्रीन जोन

कुल एक्टिव केस, 21 दिन में कोई केस न मिलना

प्रति लाख जनसंख्या पर एक्टिव केस, निल

केस डबल होने की दर (साप्ताहिक आकलन) 28 दिन से अधिक

कोरोना से मृत्यु दर, एक फीसद से कम

प्रति लाख जनसंख्या पर सैंपलिंग, 200 से अधिक

सैंपलिंग में पॉजिटिव की दर, 02 फीसद से कम

ऐसे होता है आकलन

अगर किसी क्षेत्र या जिले में छह मानकों में से तीन व उससे अधिक मानक रेड श्रेणी के हैं तो उसे रेड श्रेणी में माना जाएगा। इसी तरह तीन व इससे अधिक मानक ग्रीन श्रेणी में होने पर क्षेत्र को ग्रीन जोन में माना जाएगा। अन्य सभी स्थिति में संबंधित क्षेत्र को ऑरेंज श्रेणी में माना जाएगा। 

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ग्रीन जोन की कसौटी

सैंपलिंग दर: देहरादून व हरिद्वार में ही यह आंकड़ा मानक से ऊपर।

संक्रमण दर: देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, ऊधमसिंहनगर, उत्तरकाशी, टिहरी में मानक पूरा।

डबलिंग दर: कोई भी जिला मानक पूरा नहीं करता।

एक्टिव केस: कोई भी जिला मानक पूरे नहीं करता।

कुल केस: शून्य केस न होने से मानक पूरे नहीं।

मृत्यु दर: देहरादून में तीन मौत के अलावा सभी की दशा अभी दुरुस्त।

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