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उत्तराखंड: राज्यपाल गुरमीत सिंह बोले, बेटियों का सैन्य परंपरा का हिस्सा बनना गर्व का विषय

राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि बेटों के साथ आज बेटियां भी सैन्य परंपरा का हिस्सा बन रही हैं। हर क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल करते हुए बेटों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ते हुए देश का नाम रोशन कर रही हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 09:25 AM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 09:25 AM (IST)
उत्तराखंड: राज्यपाल गुरमीत सिंह बोले, बेटियों का सैन्य परंपरा का हिस्सा बनना गर्व का विषय
उत्तराखंड: राज्यपाल गुरमीत सिंह बोले, बेटियों का सैन्य परंपरा का हिस्सा बनना गर्व का विषय।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि बेटों के साथ आज बेटियां भी सैन्य परंपरा का हिस्सा बन रही हैं। वे जीवन के हर क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल करते हुए बेटों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ते हुए देश का नाम रोशन कर रही हैं।

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सैनिक स्कूल कपूरथला (पंजाब) के ओल्ड ब्वायज एसोसिएशन मीट कार्यक्रम में रविवार को मुख्य अतिथि के रूप में उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह ने यह बात कही। उनकी प्रारंभिक शिक्षा भी सैनिक स्कूल कपूरथला से हुई है। इस दौरान राज्यपाल ने उपस्थित विद्यार्थियों से अपने छात्र जीवन के अनुभव व संस्मरण साझा किए। राज्यपाल ने कहा कि सेना की यह नई परंपरा बालिकाओं के व्यक्तित्व को नए आयाम देने वाली है।

बेटियों को आगे बढ़ने के अवसर मिलने से हमारा देश और समाज जल्द ही प्रगति की नई मिसाल बनेगा। राज्यपाल ने कहा कि स्कूल का हर क्षण महत्वपूर्ण होता है। यहां मिली सीख हमें जीवन में सफलता के शिखर तक पहुंचा सकती है। स्कूल में प्राप्त की गई शिक्षा उच्च मार्गदर्शन करती है। शिक्षा जीवन की चुनौतियां का सामना करने के लिए तैयार करती है। उन्होंने कहा कि हमारे देश के सपने को पूरा करने के लिए जोशीले और उत्साही युवाओं की आवश्यकता है।

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उन्होंने कहा कि सैन्य सेवा एक दूरदर्शी योजना है। इसके माध्यम से युवाओं को समाज और दश की सेवा से जुड़ने का अवसर जीवन भर प्राप्त होता है। सेना की शिक्षा हमें आत्म-अनुशासित और परिश्रम बनाती हैं। कार्यक्रम में सैनिक स्कूल कपूरथला के प्रधानाचार्य, शिक्षक और पूर्व तथा मौजूदा विद्यार्थी उपस्थित थे।

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