राज्यापाल बेबी रानी मौर्य ने दिए निर्देश, coronvirus सक्रमण रोकने को रेडक्रॉस का हो ज्यादा उपयोग
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कोरोना संक्रमण रोकने के लिए रेडक्रॉस कार्यों को ज्यादा सक्रिय करने के निर्देश दिए हैं।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कोरोना संक्रमण रोकने के लिए रेडक्रॉस कार्यों को ज्यादा सक्रिय करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही जिलेवार रेडक्रॉस स्वयंसेवकों की सूची डीएम को उपलब्ध कराई जाएंगी।
राज्यपाल ने सोमवार को राजभवन में कोरोना की रोकथाम को रेडक्रॉस कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि रेडक्रास का पूरा सहयोग लें। खासतौर पर हरिद्वार, चंपावत, रुद्रप्रयाग और नैनीताल जिलों में रेडक्रॉस इकाइयों को तेजी से काम करना होगा। राज्यपाल ने सभी जिलाधिकारियों से किसानों के कल्याण, कृषि कार्य से संबंधित अन्य तैयारियों की सूचना राजभवन को भेजने के निर्देश दिए। साथ में केंद्र सरकार की ओर से कोरोना संकट से उबरने को गरीबों, महिलाओं, किसानों के लिए मंजूर की गई योजनाओं की अद्यतन रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था अशोक कुमार से दूरभाष पर वार्ता कर पुलिस के कार्यों को सराहा। रेडक्रास के महासचिव डॉ एमएस अंसारी ने बताया कि जिलों में रेडक्रास के सक्रिय स्वयंसेवकों व पदाधिकारियों की संख्या 405 है।
ओएलएफ ने राजभवन को दिए सैनिटाइजर और मास्क
ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक्स फैक्ट्री ने सोमवार को राजभवन में 100 एमएल सेनिटाइजर की 2500 बोतल, 500 एमएल सैनिटाइजर की 50 बोतल, 1000 मास्क भेंट किए। राज्यपाल ने इस सामग्री को स्वास्थ्य महानिदेशक, मिलिट्री अस्पताल और रेडक्रॉस को उपलब्ध कराया। ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक्स फैक्ट्री के महाप्रबंधक शरद कुमार यादव ने राज्यपाल को बताया कि संस्थान 23 मार्च से से लगातार 500 खाने के पैकेट जरूरतमंद को देने के लिए पुलिस को उपलब्ध करा रहा है। इस अवसर पर सचिव राज्यपाल ब्रजेश संत, महिला कल्याण समिति ओएफ दून की अध्यक्ष अनीता यादव, सुरक्षा अधिकारी कर्नल जितेंद्र कुमार बिष्ट उपस्थित थे।
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अनुमान 250 का, घटा 280 मेगावाट लोड
कोरोना के खिलाफ जंग में रविवार रात घर की लाइटें बंद कर दीप और टॉर्च जलाने के प्रधानमंत्री के आह्वान का उत्तराखंड में व्यापक असर दिखा। यूपीसीएल का अनुमान था कि इससे राज्य में करीब 250 मेगावाट लोड की कमी आएगी, लेकिन जब ऊर्जा की खपत का आंकलन किया गया तो 280 मेगावाट की कमी पाई गई।
लोगों के उत्साह से ऊर्जा निगम सकते में था कि कहीं लोग लाइटों के साथ अन्य विद्युत उपकरण भी न बंद कर दें। इसका असर ग्रिड पर पड़ सकता था। इसे देखते हुए अधिकारियों को लोगों से अपील करनी पड़ी कि रात नौ बजे केवल लाइटें ही बंद करें।