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नहीं थम रही प्याज की बढ़ती कीमतें, जमाखोरों पर छापे मारने के आदेश

उत्‍तराखंड सरकार ने जिलाधिकारियों को प्याज के स्टॉक पर छापे मारने के निर्देश दिए हैं। थोक और फुटकर विक्रेताओं के पास ज्यादा प्याज मिला तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

By Edited By: Published: Mon, 11 Nov 2019 08:34 PM (IST)Updated: Tue, 12 Nov 2019 08:35 PM (IST)
नहीं थम रही प्याज की बढ़ती कीमतें, जमाखोरों पर छापे मारने के आदेश

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में प्याज की बढ़ती कीमतें थम नहीं रही हैं। मौजूदा हालात के लिए सरकार प्याज की जमाखोरी को बड़ी वजह मान रही है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने कंट्रोल ऑर्डर जारी कर जिलाधिकारियों को प्याज के स्टॉक पर छापे मारने के निर्देश दिए हैं। थोक और फुटकर विक्रेताओं के पास निर्धारित से ज्यादा प्याज मिला तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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प्याज के लगातार बढ़ते दाम से सरकार की पेशानी पर बल पड़े हैं। प्याज के दाम 60 रुपये से लेकर 80 रुपये प्रति किलो तक बने हुए हैं। बीते सितंबर माह से प्याज की कीमत पर अंकुश लगाने के लिए बाजार पर नजर रखी जा रही है। इस बीच कुछ समय बाद ही प्याज की कीमतें कम हो गईं। अब प्याज के दाम लंबे समय से कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। राज्यों में प्याज के दाम पर केंद्र सरकार भी नजर रखे है। उत्तराखंड सरकार को भी प्याज के दाम काबू में रखने के निर्देश दिए गए हैं। केंद्र ने कंट्रोल ऑर्डर जारी करने को भी कहा है। केंद्र के निर्देश मिलते ही राज्य सरकार ने भी आनन-फानन में प्रदेश में प्याज के कंट्रोल ऑर्डर जारी कर दिया। खाद्य सचिव सुशील कुमार ने इस संबंध में जिलाधिकारियों और जिलापूर्ति अधिकारियों को सोमवार को आदेश जारी किए हैं। 

कंट्रोल ऑर्डर के मुताबिक थोक विक्रेता अधिकतम 500 कुंतल और फुटकर विक्रेता अधिकतम 100 कुंतल प्याज का स्टॉक ही रख सकता है। सरकार को ऐसी जानकारी मिली है कि प्याज की कीमतें कम न हों, इसे देखते हुए जमाखोरी की जा रही है। सरकार ने जिलाधिकारियों को जमाखोरों पर कार्रवाई करते हुए छापे मारने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जमाखोरी रुकने से प्याज की कीमतें कम होने में मदद मिलेगी। इसके बाद अन्य विकल्पों को भी आजमाया जाएगा। जरूरत पड़ी तो राज्य सरकार प्याज की कीमतें नियंत्रित करने के लिए केंद्रीय एजेंसी नैफेड के माध्यम से कदम उठा सकती है। प्याज की कालाबाजारी पर तो नजर रखी ही जा रही है।

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22 वस्तुओं पर केंद्र की सीधी नजर

गौरतलब है कि केंद्र सरकार देश के हर हिस्से में स्थानीय स्तर पर गेहूं, चावल, दाल, आलू और प्याज समेत जरूरी 22 खाद्य व आवश्यक वस्तुओं के दामों पर सीधे नजर रखे हुए है। यह कार्य स्टेट प्राइस मॉनीटरि‍ंग सेल के माध्यम से अंजाम दिया जा रहा है। मूल्य नियंत्रण के दायरे में प्रमुख वस्तुओं में गेहूं, आटा, चावल, अरहर, मलका, चना, उड़द, मूंग, मसूर, सरसों का तेल, सन फ्लावर तेल, रिफाइंड, चीनी, गुड़, दूध, चायपत्ती, नमक, आलू, प्याज व टमाटर शामिल है।

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