राज्य की सुरक्षा को लेकर सरकार सतर्क, सीमा पर चेकिंग; रक्षा संस्थानों की चौकसी
एयर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण हुए माहौल को देखते हुए देहरादून में पुलिस और खुफिया एजेंसियां बुधवार सुबह से ही अलर्ट मोड में है।
देहरादून, जेएनएन। एयर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण हुए माहौल को देखते हुए देहरादून में पुलिस और खुफिया एजेंसियां बुधवार सुबह से ही अलर्ट मोड में है। केंद्रीय व रक्षा संस्थानों के इर्द-गिर्द सघन चेकिंग के साथ अंतरराज्यीय और जनपदों की सीमाओं से गुजरने वाले वाहनों और लोगों की सघन चेकिंग की जा रही है। वहीं रेलवे व बस स्टेशन के साथ-साथ भीड़भाड़ वाले स्थानों पर सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है।
पुलवामा हमले में चालीस से अधिक सीआरपीएफ जवानों और सैन्य अधिकारियों की शहादत के बाद हरतरफ से एक ही आवाज उठ रही थी के पड़ोसी दुश्मन देश से बदला लो। मंगलवार को पाक अधिकृत कश्मीर में हुए एयर सर्जिकल स्ट्राइक उसी कड़ी का हिस्सा था, जिस पर बुधवार को कार्रवाई की गई।
ऐसे में तनावपूर्ण हुए माहौल के बीच मंगलवार से ही केंद्रीय व रक्षा संस्थानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। कई इलाकों में पीएसी की भी तैनाती कर दी गई है। वहीं, पुलिस मुख्यालय स्तर से भी सभी जिलों के कप्तानों को निर्देश देकर अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। पुलिस टीमों की पेट्रोलिंग के साथ ही एलआइयू और खुफिया विभाग को सतर्क किया गया है।
एसपी सिटी श्वेता चौबे ने बताया कि आइएमए से लेकर रक्षा संस्थानों के आसपास के इलाके में लगातार चेकिंग की जा रही है। सीमाओं पर आने जाने वाले वाहनों पर विशेष नजर रखी जा रही है।
भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) के आसपास चेकिंग अभियान चलाया गया। इसके अतिरिक्त रायपुर ऑर्डनेंस फैक्ट्री, डील जैसे संस्थानों को ध्यान में रखते हुए चेकिंग के साथ ही पीएसी को भी तैनात किया गया है। प्रेमनगर इलाके, आइएमए के पास पंडितवाड़ी क्षेत्र के अलावा सुद्धोवाला चेक पोस्ट पर पुलिस फोर्स की मौजूदगी बढ़ा दी गई है।
सहस्रधारा क्रासिंग, आइएसबीटी, रेलवे स्टेशन, आजाद नगर कॉलोनी में भी चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। जौलीग्रांट एयरपोर्ट के पास वाले इलाकों में भी एहतियात बरती जा रही है। मिलिट्री पुलिस के साथ भी स्थानीय पुलिस और एलआइयू लगातार संपर्क में है।
छावनी क्षेत्रों में मुस्तैदी, बरती जा रही अतिरिक्त सतर्कता
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए उत्तराखंड में भी खासी सतर्कता बरती जा रही है। खासकर सीमावर्ती क्षेत्रों, सीमांत चौकियों एवं पोस्ट पर तैनात सेना व अर्द्ध सैनिक बल की टुकड़ियों को सतर्क किया गया है। देहरादून स्थित सैन्य छावनियों में भी खास एहतियात बरती जा रही है।
सैन्य सूत्रों के मुताबिक पीस एरिया में रहने वाली सैन्य टुकड़ियों को रिजर्व फोर्स के रूप में प्रयुक्त किया जाता है। हालांकि उच्च स्तर से इन्हें लेकर अब तक कोई दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं। इतना जरूर है कि छावनी क्षेत्र के साथ ही दून के प्रमुख सैन्य संस्थानों में सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं।
बता दें, भारतीय वायुसेना की स्ट्राइक से पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान पूरी तरह बौखला गया है। प्रतिक्रिया स्वरूप पाकिस्तान की एयरफोर्स ने बुधवार सुबह भारतीय वायुसीमा का उल्लंघन कर घुसपैठ की कोशिश भी की। हालांकि एयर कांबेट में मुस्तैद भारतीय वायुसेना ने घुसपैठ कर रहे पाकिस्तान के एक एफ-16 फाइटर प्लेन को ढेर कर दिया।
इसके बाद सीमा पर दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया। हालांकि रक्षा मामलों के जानकार मान रहे हैं कि मौजूदा हालात में पाकिस्तान किसी भी तरह आमने-सामने की जंग करने की स्थिति में नहीं है। प्रॉक्सी वॉर के जरिये भारत में आतंक फैलाना उसकी पुरानी फितरत रही है। फिर भी सुरक्षा के लिहाज से हर स्तर पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
इसी के तहत देहरादून में भी सभी प्रमुख संस्थानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। यहां पर गढ़ी कैंट व क्लेमेनटाउन में स्थित सैन्य टुकड़ियों को एहतियातन सतर्क रहने के लिए कहा गया है। वहीं भारतीय सैन्य अकादमी में भी सुरक्षा चाक-चौबंद कर दी गई है। सशस्त्र सेनाओं के लिए महत्वपूर्ण रक्षा उपकरण तैयार करने वाले डीआरडीओ के संस्थान डील, आइआरडीइ के साथ ही ओएलएफ व आर्डनेंस में भी सुरक्षा का घेरा बढ़ा दिया गया है।
रक्षा मामलों के जानकार कहते हैं कि वैसे तो रक्षा संस्थानों व सैन्य छावनियों में हर मर्तबा सुरक्षा व्यवस्था मुस्तैद रहती है। सैन्य छावनियों में रहने वाले जवान चौबीस घंटे मुस्तैद रहते हैं। यदि दो देशों के बीच आपसी रिश्ते बिगड़ते हैं और तनाव बढ़ता है तो ऐसे समय में विशेष सतर्कता बरती भी जानी चाहिए। इतना जरूर है कि किसी भी तरह की अफवाहों से बचा जाए।
राज्य की सुरक्षा को लेकर सरकार सतर्क
भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव के चलते उत्तराखंड सरकार भी सतर्क है। सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की और प्रदेश की सीमाओं पर भी निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए। उत्तराखंड सामरिक दृष्टि से बेहद ही अहम प्रदेश है। यहां सेना के कई अहम बेस होने के साथ ही सामरिक रूप से कई महत्वपूर्ण रक्षा संस्थान भी हैं। यहां तक कि प्रदेश की सीमाएं भी दो अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से लगती हैं। ये दोनों सीमाएं नेपाल और चीन की हैं। किसी भी आपात स्थिति में सीमा पर सतर्कता बढ़ाना बेहद जरूरी हो जाता है।
संभवतया यही कारण रहा कि उत्तर भारत के जिन प्रदेशों में हवाई सेवाओं पर कुछ समय के लिए रोक लगाई गई, उनमें देहरादून का जॉलीग्रांट एयरपोर्ट भी शामिल था, हालांकि, इसकी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हो पाई। उच्च पदस्थ अधिकारियों ने इतना जरूर कहा कि संभवतया ऐसी नौबत आ सकती है।
सचिवालय में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, डीजी अशोक कुमार और सचिव गृह नितेश झा के साथ एक बैठक भी की। माना जा रहा है कि इस बैठक में उन्होंने प्रदेश के सुरक्षा व्यवस्था के मामलों पर चर्चा की। इस दौरान पुलिस व गृह विभाग के अधिकारियों ने प्रदेश में उठाए गए सुरक्षा कदमों के संबंध में जानकारी दी। हालांकि, सरकार की ओर से इस बैठक के संबंध में मीडिया से कोई जानकारी साझा नहीं की गई।
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