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अच्छी नस्ल के जानवरों से होगी किसानों की आय दोगुनी

उत्‍तराखंड में किसानों की आय को दोगुना करने में गोवंश भी अहम भूमिका निभाएगा। पशुपालन विभाग की अतिहिमीकृत वीर्य उत्पादन तकनीक के जरिये किसान मादा जानवर पैदा करा सकते हैं।

By Edited By: Published: Sat, 09 Mar 2019 07:57 PM (IST)Updated: Sun, 10 Mar 2019 12:48 PM (IST)
अच्छी नस्ल के जानवरों से होगी किसानों की आय दोगुनी
अच्छी नस्ल के जानवरों से होगी किसानों की आय दोगुनी

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में किसानों की आय को दोगुना करने में गोवंश भी अहम भूमिका निभाएगा। पशुपालन विभाग की सेक्स सॉर्टेड सीमन (अतिहिमीकृत वीर्य उत्पादन) तकनीक के जरिये किसान मादा जानवर पैदा करा सकते हैं। मादा जानवर दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में मदद करेंगी। इसके साथ ही विदेशों से अच्छे नस्ल के नर जानवरों को लाया जा रहा है ताकि उनसे गर्भाधान कराकर उच्च क्वालिटी की ऊन के साथ ही मांस भी मिल सके। इस तकनीक का उत्तराखंड में प्रयोग शुरू हो गया है और आने वाले पांच सालों में इसके परिणाम भी मिलने शुरू हो जाएंगे। पशुपालन विभाग किसानों की आय को बढ़ाने के अब नई तकनीकों का सहारा ले रहा है।

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शनिवार को सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत में सचिव पशुपालन आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि सेक्स सॉर्टेड सीमन तकनीक को इस्तेमाल करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य है। अभी भी प्रदेश में कृत्रिम गर्भाधान की तकनीक है लेकिन इसमें नर व मादा होने की 50-50 फीसद संभावना रहती है। गोवंश में इस तकनीक का इस्तेमाल करने से 90 फीसद बछिया ही होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए लगाई जाने वाली स्ट्रा की कीमत सारी सब्सिडी मिलाकर किसानों को तकरीबन 350 तक पड़ेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीक का भी प्रयोग किया जा रहा है। 

इससे अच्छे नसल के जानवर मिल सकेंगे। जो किसान उन्नत प्रजाति के पशु नहीं खरीद सकते थे उन्हें अब इसमें काफी सहूलियत होगी। उन्होंने कहा कि नर गोवंश पैदा न होने से इनके सड़कों में आवारा घूमने और पर्वतीय क्षेत्रों में इनके द्वारा खेती को पहुंचाए जा रहे नुकसान को रोकने में भी मदद मिलेगी। अच्छी ऊन और मिलेगा मीट सचिव पशुपालन ने कहा कि प्रदेश में अभी भेड़ों से साधारण ऊन ही मिल पाती है। अब प्रदेश सरकार आस्ट्रेलिया से मेरिडो ब्रीड की अच्छी नस्ल की विदेशी भेड़ लाकर उसके जरिए गर्भाधान कराएंगे। 

लक्ष्य कुछ समय तक इनकी संख्या बढ़ाने का है ताकि बाद में इन्हें किसानों के समूह को नस्ल बढ़ाने के लिए दिया जा सके। उन्होंने बताया कि अच्छे नस्ल के बकरे और भेड़ लाकर बकरी पालक समूहों को दिया जाएगा। बाद में इनसे ही इन्हें खरीदा भी जाएगा, इससे लोगों को अच्छा मीट मिलेगा। इसके लिए ऊधमसिंह नगर में आधुनिक तकनीकयुक्त एक स्लॉटर हाउस भी खोला जा रहा है।

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