यहां बहन निभा रही 'रक्षा' का वचन, कोरोना से लड़ते हुए रखा लकवाग्रस्त भाई का ख्याल
गोपेश्वर निवासी एक युवती की जो दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोना से लड़ते हुए भाई-बहन के रिश्ते की नई परिभाषा गढ़ रही हैं।
देहरादून, जेएनएन। भाई-बहन का रिश्ता बेहद खूबसूरत होता है। हमेशा एक भाई अपनी बहन की रक्षा और हर मुसीबत में साथ देने का वचन देता है, लेकिन यहां एक भाई नहीं, बल्कि एक बहन इस वचन को पूरा कर रही है। हम बात कर रहे हैं गोपेश्वर निवासी एक युवती की, जो दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोना से लड़ते हुए भाई-बहन के रिश्ते की नई परिभाषा गढ़ रही हैं। दरअसल, वह गोपेश्वर से अपने छोटे भाई का इलाज कराने एम्स ऋषिकेश आई थी। इस बीच वह कोरोना संक्रमित हो गई। इस बीमारी का नाम सुनते ही जहां लोग तनाव में आ जा रहे हैं। वहीं, इस युवती ने हिम्मत नहीं हारी और कोरोना से लड़ते हुए अपने लकवाग्रस्त भाई का ख्याल रखा।
युवती को हाल ही में दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती किया गया है। युवती ने बताया कि दस दिन पहले एम्स से उसे दून अस्पताल भेजा गया। उसके 18 साल के भाई को भी अस्पताल प्रबंधन ने साथ रख दिया। उनके साथ कोई और न होने के कारण तब से पूरी सुरक्षा के बीच उसने ही भाई का ख्याल रखा। बताया कि गांव में उसके माता-पिता रहते हैं और वह यहां भाई का इलाज कराने आई थी। वॉर्ड में चिकित्सक उसे देखने नहीं आ रहे थे। कोई ड्रेसिंग तक करने को तैयार नहीं था। पर अब जब भाई आइसीयू में है, तो वह थोड़ी निश्चिंत है। युवती ने बताया कि उसमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं है और उसका स्वास्थ सामान्य है। अस्पताल प्रबंधन ने सुरक्षा की दृष्टि से युवती के भाई के भी सैंपल कोरोना जांच के लिए भेज दिए हैं।
युवक अब आइसीयू में भर्ती
युवक को पैरालाइसिस के साथ ही बेडसोर की दिक्कत है। घाव ज्यादा हो जाने की वजह से उसे अब आइसीयू में भर्ती कर दिया है। डिप्टी एमएस डॉ. एनएस खत्री ने बताया कि बहन की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव है। मानवता के नाते बहन को भाई के साथ रहने दिया गया, जिससे वो उसका ख्याल रख सके। अब आइसीयू में विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में उसका उपचार किया जा रहा है।
कोरोना से बचाव को भीड़ वाले स्थल होंगे चिह्नित
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पुलिस ऐसे स्थानों को चयनित करेगी, जहां पर अधिक भीड़भाड़ रहती है। इन जगहों पर शारीरिक दूरी नियमों का पालन कैसे करवाया जाए, इसे लेकर एसओपी तैयार की जाएगी। डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने शनिवार को पुलिस अधिकारियों के साथ इस संबंध में गोष्ठी की।
इस दौरान डीआइजी ने कहा कि यदि कोई संक्रमित व्यक्ति सार्वजनिक स्थल पर है। उससे दूसरों को संक्रमण न फैले इसको लेकर कार्ययोजना बनाई जाए। जिन स्थानों पर कार्ययोजना को लागू करने के लिए सख्ती की आवश्यकता होगी, वहां सख्त कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान पूर्व में सरकार ने जिन व्यावसायिक सेवाओं के संचालन पर प्रतिबंध लगाया था, उन्हें केंद्र सरकार की ओर से जारी किए गए अनलॉक प्रोग्राम के तहत धीरे-धीरे खोला जा रहा है।
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जल्द ही होटल, मॉल, पब्लिक ट्रांसपोर्ट सहित अन्य व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन को भी शुरू किया जाएगा। इससे सार्वजनिक स्थल पर लोगों की आवाजाही में वृद्धि होने के साथ-साथ वायरस के संक्रमण का खतरा भी बढ़ेगा। डीआइजी ने कहा कि जिन स्थानों पर संक्रमित होने की संभावना अधिक हो उन्हें चिह्नित करें।