घर में रहकर अपने सपनों को करें पूरा: अनुकृति गुसाईं
पूर्व मिस इंडिया ग्रैंड इंटरनेशनल अनुकृति गुसाईं का कहना है कि कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचा दी है। इससे बचाव का एकमात्र उपाय है घर में रहें।
देहरादून, जेएनएन। पूर्व मिस इंडिया ग्रैंड इंटरनेशनल अनुकृति गुसाईं का कहना है कि कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचा दी है। इससे बचाव का एकमात्र उपाय है घर में रहें। बावजूद इसके कुछ लोग अभी भी रोड पर दिख रहे हैं। बेवजह घर से निकल रहे हैं। सुबह भी जब आवश्यक सामग्री के लिए ढील दी जा रही है, तब भी बड़ी संख्या में लोग झुंड बनाकर निकल रहे हैं, जो किसी भी कीमत पर सही नहीं है।
यदि ऐसे लोग तीन घंटे के लिए बाहर निकलेंगे तो फिर 21 घंटे घर में रहने का कोई फायदा नहीं है। यदि आप एक दिन घर से सामान लेने के लिए निकल गए हैं तो फिर कम से कम एक सप्ताह तक बाजार न जाएं। यदि बाजार जा भी रहें तो मुंह पर मास्क लगाएं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। क्योंकि ये आपके लिए तो जरूरी है ही, आपके परिवार के लिए भी जरूरी है। अधिक से अधिक समय घर में बिताएं, अपने परिवार को पूरा समय दें। सबसे ज्यादा जरूरी है, अपने उन सपनों को साकार करें, जिनके लिए आप हमेशा कहा करते थे कि काश! मेरे पास समय होता तो मैं यह करता। आज आपके पास समय है, आप अपने समय का सदुपयोग करें, उन सपनों को साकार करें। अपने अंदर कोई न कोई हॉबी डेवलप करें।
यह आपको लिखना पसंद है तो लिखें, कविता लिखें। आपको डांस पसंद है तो नए-नए डांस के तरीके सीखे। पेंटिंग सीखे, खाना बनाना सीखें। किताबें पढ़ें। घर में ही रहकर वे सब करें जो आप करना चाहते हैं। यदि आप घर पर रहेंगे तो जो बाहर अपनी ड्यूटी कर रहे हैं, उन्हें भी मदद मिलेगी। चाहे फिर वह डॉक्टर हों, पुलिसकर्मी हों, मीडियाकर्मी हों या फिर सफाईकर्मी हों। सभी तो आप से घर में रहने की अपील कर रहे हैं, सोचिए जब आप घर पर हैं तो वे लोग बाहर रहकर आपकी सेवा कर रहे हैं। तो प्लीज एक बार फिर घर पर रहें और स्वस्थ रहें।
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सुन सकते हैं पक्षियों को गाते हुए: रस्किन बांड
आराम करें और लॉकडाउन का आनंद लें। अब आप पक्षियों को गाते हुए भी सुन सकते हैं। गुरुवार को अंग्रेजी के प्रसिद्ध लेखक रस्किन बांड ने सोशल मीडिया पर देशवासियों के नाम यह संदेश जारी किया। देखा जाए तो इस छोटे से संदेश का व्यापक भाव है। प्रकारांतर से रस्किन यही कर रहे हैं कि भले ही यह बेहद कठिन दौर हो, लेकिन हम चाहें तो सकारात्मक रहते हुए इसका भी आनंद ले सकते हैं। आराम करना और लॉकडाउन का आनंद लेने के मायने भी यही हैं कि हम कोरोना महामारी के खिलाफ छेड़ी गई जंग में एक कर्मठ सिपाही की भूमिका निभा रहे हैं। जबकि, पक्षियों को गाते हुए सुनने के पीछे का भाव यह है कि इस माहौल को तनावपूर्ण न बनाएं।
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