Forest Fire की चपेट में उत्तराखंड के जंगल, वन विभाग की चुनौतियां बढ़ीं; दो दिन में 40 घटनाएं
Forest Fire तापमान बढ़ने के साथ ही उत्तराखंड के जंगलों में आग की घटनाएं बढ़ रही हैं। तमाम प्रयासों के बावजूद जंगल की आग पर काबू पाने में वन कर्मियों के हाथ-पांव फूल रहे हैं। दो दिन के भीतर प्रदेश में आग की 40 घटनाएं हुईं। जिनमें कुल 48 हेक्टेयर वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचा। अगले ढाई से तीन माह तक प्रदेश में भीषण गर्मी के आसार हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून: Forest Fire: उत्तराखंड के जंगल धधक रहे हैं और वन विभाग के तमाम प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। शुष्क मौसम के चलते जंगल में आग की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं।
दो दिन के भीतर प्रदेश में आग की 40 घटनाएं हुईं। जिनमें कुल 48 हेक्टेयर वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचा। इसके साथ ही फायर सीजन (15 फरवरी से) में अब तक कुल 173 घटनाओं में 188 हेक्टेयर वन क्षेत्र जल चुका है। अब रिहायशी क्षेत्रों के पास भी जंगल की आग पहुंचने लगी है।
तापमान बढ़ने के साथ ही उत्तराखंड के जंगलों में आग की घटनाएं बढ़ रही हैं। तमाम प्रयासों के बावजूद जंगल की आग पर काबू पाने में वन कर्मियों के हाथ-पांव फूल रहे हैं। खासकर रिहायशी क्षेत्रों के आसपास फायर ब्रिगेड की भी मदद ली जा रही है।
जंगल में आग लगने से हड़कंप
देहरादून के रायपुर क्षेत्र में भी जंगल में आग लगने से बुधवार को हड़कंप मच गया। जिसे बामुश्किल काबू किया जा सका। इसी दिन प्रदेश में जंगल की आग की कुल 31 घटनाएं हुईं, जिनमें 38 हेक्टेयर वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचा। वहीं, गुरुवार को भी आरक्षित वन क्षेत्रों में जंगल की आग की नौ नई घटनाएं दर्ज की गईं। जिसमें 10 हेक्टेयर वन क्षेत्र जल गया।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, अप्रैल से जून तक उतराखंड में भीषण गर्मी पड़ सकती है। शुष्क मौसम का असर जंगल में अभी से दिख रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में तपिश बढ़ने से जंगल में आग की घटनाएं बढ़ रही हैं। जिससे वन संपदा को नुकसान पहुंच रहा है। आने वाले दिनों में वन विभाग की चुनौतियां और बढ़ सकती हैं। वन विभाग की ओर से मुख्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। साथ ही जंगल की आग की सूचना देने के लिए नंबर भी जारी किए हैं।
इन नंबरों पर दें सूचना
- 18001804141, 01352744558 नंबरों पर जंगल में आग लगने की सूचना दे सकते हैं।
- 9389337488 व 7668304788 पर वाट्सएप के माध्यम से भी सूचित कर सकते हैं।
प्रदेश में अब तक जंगल की आग की स्थिति
- क्षेत्र, घटना, प्रभावित क्षेत्र
- आरक्षित वन, 131, 133
- सिविल क्षेत्र, 42, 55
- कुल, 173, 188
- (प्रभावित क्षेत्र हेक्टेयर में है।)
शरारती तत्वों को रोकने की चुनौती
मौसम की बेरुखी के कारण शीतकाल में वर्षा-बर्फबारी बेहद कम हुई, जिससे वातावरण और भूमि में नमी समाप्त हो गई है। ऐसे में जंगलों में सूखे पत्ते तुरंत आग पकड़ रहे हैं।
अगले ढाई से तीन माह तक प्रदेश में भीषण गर्मी के आसार हैं। जिसमें जंगलों में आग की घटनाएं बढ़ने की आशंका है। सीमित संसाधनों के अलावा वन विभाग के सामने शरारती तत्वों को रोकने की भी दोहरी चुनौती है। इसके लिए विभाग ने ग्रामीणों से भी सहयोग की अपील की है।