इस अमेरिकी युगल ने गंगातट पर अग्नि को साक्षी मान लिए सात फेरे
अमेरिकी युगल ने गंगातट पर हिंदू रीति रिवाज से शादी की। उन्होंने देवोत्थान एकादशी के महत्व को देखते हुए शादी के लिए इसदिन को चुना।
ऋषिकेश, जेएनएन। पश्चिम की भौतिकता से दूर विदेशी मेहमान गंगा के उद्गम स्थल उत्तराखंड हिमालय के हमेशा से कायल रहे हैं। यही कारण है कि गंगातट पर भारतीय संस्कृति से प्रभावित विदेशी यहां हिंदू रीति रिवाज से विवाह बंधन में बंधते आते रहे हैं। सोमवार को देव एकादशी पर अमेरिकी युगल ने गंगातट पर अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए।
परमार्थ निकेतन गंगातट पर सोमवार को अमेरिका निवासी एडम जेम्स मॉरो और न्यूजर्सी निवासी एग्नीच्का सबासे हिंदू रीति-रिवाज से शादी के बंधन में बंधे। परमार्थ निकेतन के आचार्य प्रेमलाल नवानी ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ विधि-विधान से दोनों का विवाह संपन्न कराया।
इस दौरान दोनों ने अग्नि को साक्षी मानते हुए सात फेरे लिए और एक-दूसरे को वरमाला डाली। नव दंपती ने हवन में भी आहूती डाली। उन्होंने बताया कि देवोत्थान एकादशी के महत्व के बारे में उन्होंने पढ़ा था। यही कारण है कि उन्होंने इस दिन को अपने विवाह के लिए चुना।
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