जिम में वर्कआउट करने के साथ फूड सप्लीमेंट लेना है खतरनाक
जिम में वर्कआउट करने के साथ स्टेरॉइड व फूड सप्लीमेंट लेना खतरनाक है। इससे युवाओं में हार्मोनल डिसऑर्डर व हड्डी, जोड़ों से संबंधी समस्या व कई रोग समय से पहले हो रहे हैं।
देहरादून, [जेएनएन]: जिम में वर्कआउट करने के साथ स्टेरॉइड व फूड सप्लीमेंट का इस्तेमाल भी बढ़ गया है। लेकिन, सुडौल शरीर की चाहत में युवा यह भूल जाते हैं कि इनका सेहत पर किस कदर बुरा असर पड़ रहा है।
चिकित्सकों का कहना है कि इससे युवाओं में हार्मोनल डिसऑर्डर व हड्डी, जोड़ों से संबंधी समस्या व कई रोग समय से पहले हो रहे हैं। जल्द मसल्स बनाने के लिए फूड सप्लीमेंट और स्टेरॉइड्स मिश्रित दवाओं के इस्तेमाल का शॉर्टकट शरीर के लिए घातक है। किसी भी तरह के फूड सप्लीमेंट डॉक्टर या हेल्थ ट्रेनर की निगरानी के बिना नहीं लेना चाहिए।
प्रतिरोधक क्षमता घटाता है
स्टेरॉइड्स और फूड सप्लीमेंट का अनुचित इस्तेमाल शरीर को नुकसान पहुंचाता है। दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल की डायटीशियन रिचा कुकरेती के अनुसार प्रोटीन के रूप में अतिरिक्त रसायन का प्रयोग किडनी को कमजोर करता है। भोजन में इतना प्रोटीन होता है कि अतिरिक्त चीजों की जरूरत ही नहीं होती।
सामान्य व्यक्ति को उसके एक किलो वजन के हिसाब लिए एक ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है। यानि 70 किलो वजन के व्यक्ति को दिनभर में 70 ग्राम प्रोटीन चाहिए। खिलाड़ी के लिए इसकी जरूरत दोगुनी होती है। जहां तक स्टेरॉइड्स की बात है तो वह शरीर में डेढ़ साल तक रहती है।
फीजियोथेरेपिस्ट डॉ. उदयन के अनुसार आनुवांशिकता में मिले गुणों को बदलने, घटाने या बढ़ाने के लिए सप्लीमेंट लेने से शरीर पर दुष्प्रभाव निश्चित रूप से पड़ता है। ये दवाएं किसी एक प्रोटीन या हॉर्मोन को बढ़ाती हैं, लेकिन इससे बाकी हॉर्मोन डिस्टर्ब हो जाते हैं। जितने भी बॉडी, पावर सब्स्टीट्यूट्स होते हैं उनका ब्रेन और स्पाइनल कॉर्ड पर सीधा असर पड़ता है। इनसे नींद, भूख और डिप्रेशन संबंधी समस्याएं पैदा होती हैं। दवाओं का तात्कालिक असर तो सकारात्मक दिखता है, लेकिन आगे जाकर दुष्परिणाम भी सामने आते हैं।
अधिकता से शरीर को नुकसान
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. प्रवीण पंवार के अनुसार स्टेरॉइड्स का अत्यधिक उपयोग हॉर्मोन्स को क्षति पहुंचाता है। इससे नपुंसक होने का खतरा भी बढ़ जाता है और हॉर्मोनल डिसऑर्डर होता है। शरीर में शुगर लेवल बढ़ता है। यह मोटापे का कारण बनता है। इससे सिरदर्द, ब्लड प्रेशर ज्यादा होना और भविष्य में डाइबिटीज का खतरा हो सकता है।
सप्लीमेंट के साइड इफेक्ट
- शरीर में कई तरह के संक्रमण हो जाना
- अचानक ब्लड प्रेशर लो हो जाना
- मांसपेशियों का शिथिल हो जाना
- जोड़ों में दर्द, हड्डियों का कमजोर होना
- शरीर में पानी और नमक का असंतुलन
- शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होना
- पेट में अल्सर। पाचन तंत्र कमजोर होना
- पेन्क्रियाज पर दुष्प्रभाव, मधुमेह का खतरा
- अनिद्रा, आंखों में दर्द और दृष्टि कम होना
- किडनी पर विपरीत असर
- शरीर में यूरिया, किरैटिन लेवल बढ़ना
- युवाओं में हॉर्मोनल डिसऑर्डर
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