Move to Jagran APP

फ्लाइओवर ने छीना प्रवासी परिंदों का आशियाना, नदी की धारा में परिवर्तन से सूखी कई झीलें

सौंग नदी में बन रहे नए फ्लाईओवर की वजह से नदी की धारा में परिवर्तन किया गया है। इसका सीधा असर प्रवासी पक्षियों के प्राकृतिक वास स्थल पर पड़ा है।

By Edited By: Published: Sat, 14 Dec 2019 06:32 PM (IST)Updated: Mon, 16 Dec 2019 04:31 PM (IST)
फ्लाइओवर ने छीना प्रवासी परिंदों का आशियाना, नदी की धारा में परिवर्तन से सूखी कई झीलें
फ्लाइओवर ने छीना प्रवासी परिंदों का आशियाना, नदी की धारा में परिवर्तन से सूखी कई झीलें

देहरादून, जेएनएन। हरिद्वार-दून हाईवे के चौड़ीकरण ने प्रवासी पक्षियों का प्राकृतिक वास स्थल को छीन लिया है। हम बात कर रहे हैं राजाजी टाइगर रिजर्व की सौंग नदी की। इस नदी में बन रहे नए फ्लाईओवर की वजह से नदी की धारा में परिवर्तन किया गया है। इसका सीधा असर प्रवासी पक्षियों के प्राकृतिक वास स्थल पर पड़ा है। धारा परिवर्तन से नदी में प्राकृतिक रूप से बनने वाली कई झील सूख गई हैं। 

loksabha election banner
राजाजी टाइगर रिजर्व की सौंग नदी में सत्यनारायण मंदिर के पास फ्लाइओवर बनाने का काम चल रहा है। यह क्षेत्र गौहरी-मोतीचूर वन्य जीव गलियारा भी है। फ्लाइओवर के लिए सौंग नदी की धारा परिवर्तन की गई। इसका विपरीत असर प्रवासी परिंदों के प्राकृतिक वास स्थल पर पड़ा। नदी में कई जगहों पर प्राकृतिक रूप से बनी गहरे पानी की झील थी जो इस परिवर्तन से सूख गई। इन जगहों पर प्रति वर्ष बड़ी संख्या में प्रवासी परिंदे आते रहे हैं, लेकिन इस बार सौंग नदी तट वीरान है। यह स्थिति तब है जब दुनिया भर में जैव-विविधता व वन्य जीव संरक्षण के लिए चिंता जताई जा रही है। 
नवंबर से मार्च तक यहां प्रवास करते हैं प्रवासी पक्षी 
शीतकाल में मध्य एशिया से चकोर, वॉल क्रीपर, सैंड पाइपर, जलकाग, सुर्खाब, साइबेरियन आदि विभिन्न प्रजाति के प्रवासी पक्षी हजारों किलोमीटर की यात्रा तय कर राजाजी टाइगर रिजर्व में प्रवास के लिए आते हैं। यह सौंग और गंगा नदी किनारों पर नंवबर से लेकर करीब मार्च महीने तक रहते हैं।
बिना अनुमति के बदली धारा 
बिना वन्य जीव बोर्ड की अनुमति के पार्क क्षेत्र में नदी की धारा में बदलाव या छेड़छाड़ नहीं की जा सकती, लेकिन पार्क सूत्रों के मुताबिक फ्लाइओवर के लिए सौंग नदी की धारा परिवर्तन के लिए अनुमति नहीं ली गई, जबकि स्थानीय वन अधिकारी इसकी जानकारी न होने की बात कहकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। 
वन्यजीव प्रतिपालक दिनेश प्रसाद उनियाल का कहना है कि प्रवासी पक्षी अच्छी संख्या में आ रहे हैं। अब ठंड बढ़ने से इनके आने का क्रम भी तेजी से बढ़ेगा। सौंग नदी की धारा परिवर्तन की जानकारी नहीं है। इस की जांच की जाएगी। 

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.