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ग्लैडियोलस के फूल किसानों को बना रहे सक्षम

रंग बिरंगे ग्लैडियोलस के फूल लोगों की आर्थिकी संवार रहे है। शादी और समारोह में आकर्षण का केंद्र बन रहे इन फूलों की डिमांड बहुत है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 06 Feb 2018 10:30 AM (IST)Updated: Thu, 08 Feb 2018 11:46 AM (IST)
ग्लैडियोलस के फूल किसानों को बना रहे सक्षम

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v>डोईवाला(देहरादून),[हरीश कोठारी]: रंग बिरंगे ग्लैडियोलस के फूल लोगों की आर्थिकी संवार रहे है। शादी और समारोह में आकर्षण का केंद्र बन रहे इन फूलों की डिमांड बहुत है। इसका अंदाजा इस इससे ही लगाया जा सकता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में व्यवसायी दृष्टि से ग्लैडियोलस की खेती का कारोबार तेजी से बढ़ने लगा है।
रंग बिरंगे ग्लैडियोलस के फूल सजावट में काम आते है। इतना ही नहीं यह फूल देश-विदेश में भी एक्सपोर्ट होने लगे हैं। डोईवाला विकासखंड के ग्रामीण इलाकों में ग्लैडियोलस की खेती को अपनाकर लोग लाभ अर्जित कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में कई किसान गन्ने व गेहूं धान की खेती के साथ आज ग्लैडियोलस फूल की विभिन्न किस्मों का उत्पादन कर रहे हैं।
डोईवाला विकासखंड के श्यामपुर व हरिपुरकलां क्षेत्र में कई वर्षों से इस खेती को कारोबार के रूप में चला रहे डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंक देहरादून के चेयरमैन डॉ. केएस राणा ने बताया कि कई लोग पोली हाउस मे भी इन फूलों की खेती कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा कई वर्षों से ग्लैडियोलस फूल की खेती की जा रही है। खासकर खुले खेतों में यह खेती मई जून के महीने में होती है। बताया कि उनके द्वारा इन फूलों को दिल्ली भेजा जाता है। इस व्यवसाय से कई लोग भी जुड़े हुए हैं।
वहीं, नकरौंदा निवासी सरोज शर्मा ने बताया कि उनके द्वारा 20 बीघा कृषि क्षेत्र में फूलों की खेती की जा रही है। उनके द्वारा तीन लाख 50 हजार बल्बों की रोपाई की जा रही है। जिससे बीज उत्पादन और स्पाइक पुष्प का उत्पादन होगा। उन्होंने बताया कि वह लंबे समय से ग्लैडियोलस की खेती कर लाभ अर्जित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कम खर्चे में अधिक आय प्राप्त करने का यह अच्छा जरिया है।
डोईवाला उद्यान सचल दल केंद्र प्रभारी चित्रमणि कोटिया ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में कई किसान इस खेती को अपना रहे है। बताया कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत सरकार भी ग्लैडियोलस फूलों की खेती को बढ़ावा देने के साथ पुष्प उत्पादन, फल उत्पादन, सब्जी, मसाला, उद्यान के लिए पचास फीसदी सब्सिडी भी दे रही है। इसके अलावा कीटनाशक दवाओं के लिए भी सरकार छूट दे रही है। जिससे ग्रामीण क्षेत्र के किसान इनको रोजगार से जोड़ने के साथ आर्थिक लाभ उठा सकें। उनका कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में फूलों की खेती भी रोजगार का सशक्त माध्यम बन रही है।

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