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भ्रष्टाचार में रोडवेज के पांच यातायात निरीक्षकों पर गिरी गाज, पढ़िए पूरी खबर

भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे रोडवेज के देहरादून मंडल के प्रवर्तन दल के पांच यातायात निरीक्षकों पर आखिरकार सोमवार को गाज गिर ही गई।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 23 Dec 2019 08:42 PM (IST)Updated: Mon, 23 Dec 2019 08:42 PM (IST)
भ्रष्टाचार में रोडवेज के पांच यातायात निरीक्षकों पर गिरी गाज, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, जेएनएन। बसों में चेकिंग के दौरान भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे रोडवेज के देहरादून मंडल के प्रवर्तन दल के पांच यातायात निरीक्षकों पर आखिरकार सोमवार को गाज गिर ही गई। सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत इन पांचों को अब ऑफिसों में लिपिक पद पर बैठा दिया गया है। इसके साथ ही श्रीनगर डिपो में निजी बसों और टैक्सी को पार्किंग स्थल देकर अवैध वसूली के आरोपित परिचालक के विरुद्ध एजीएम ऋषिकेश को जांच कर तीन दिन में रिपोर्ट देने को कहा गया है। आरोपित परिचालक का दो दिन पहले ही श्रीनगर तबादला हुआ था और अवैध पार्किंग बनाने का उसका वीडियो वायरल हो गया था। 

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रोडवेज में प्रवर्तन दलों पर अक्सर उंगली उठती रही है। आरोप रहते हैं कि टीम में तैनात निरीक्षक चेकिंग के दौरान बस चालक-परिचालक से सांठगांठ कर बेटिकट मामलों को रफादफा कर देते हैं। इसके अलावा सांठगांठ ना होने पर परिचालकों को झूठे मामलों में फंसाने के आरोप भी लगते रहते हैं। ऐसे मामलों को लेकर उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने सोमवार से देहरादून मंडल में बेमियादी कार्य-बहिष्कार शुरू कर दिया था। मंडलीय प्रबंधक सीपी कपूर के कार्यालय में देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, रुड़की, कोटद्वार आदि डिपो के कर्मचारियों ने धरना-प्रदर्शन किया। 

देर शाम मंडलीय प्रबंधक सीपी कपूर ने भ्रष्टाचार के आरोपित ऋषिकेश डिपो के यातायात निरीक्षक महेंद्र सिंह और मुन्नालाल, रुड़की डिपो के निरीक्षक देवेंद्र कुमार और ओमपाल सिंह और मंडलीय प्रबंधक टीम के निरीक्षक आनंदपाल को प्रवर्तन दल से हटाने के आदेश जारी कर दिए। इन सभी को कार्यलयों में दूसरे पटलों पर बैठा दिया गया है। रुड़की डिपो में सहकारी समिति एवम वेतन घोटाले में तबादले के बावजूद तीन लिपिकों द्वारा आदेश ना मानने पर उन्हें तीन दिन में नए तैनातिस्थल पर जाने के आदेश दिए गए। आदेश ना मानने पर तीनों को निलंबन की चेतावनी दी गयी।

श्रीनगर डिपो में दिल्ली रुट की ऑनलाइन बुक बस को फर्जी दस्तखत कर एक कर्मचारी संगठन के कार्यक्रम में कोटद्वार ले जाने के आरोपित परिचालक का वेतन रोकने के आदेश दिए गए। मई-2019 में हुई इस घटना के बाद परिचालक को श्रीनगर डिपो से हटाकर कोटद्वार भेज दिया गया था, लेकिन जुगाड़बाजी से दो दिन पहले वह वापिस श्रीनगर आ गया। आरोप हैं कि उसने आज तक कभी बस पर परिचालक की ड्यूटी नहीं की और वह श्रीनगर में रोडवेज बस अड्डे पर अवैध पार्किंग चलाता है। मंडलीय प्रबंधक ने आदेश दिए कि बस पर ड्यूटी के बिना आरोपित परिचालक का वेतन ना जारी किया जाए। अवैध पार्किंग मामले में उसके विरुद्ध जांच बैठाई गयी है।

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एक हफ्ते में जारी होगा वेतन

मंडलीय प्रबंधक सीपी कपूर और कर्मचारी यूनियन के बीच हुई वार्ता में एक हफ्ते में अक्टूबर और नवंबर के वेतन जारी करने पर सहमति बनी। वार्ता में रोडवेज एजीएम अरुण अवस्थी, आरएन पैन्यूली और राजीव गुप्ता, जबकि यूनियन से हरेंद्र कुमार, दीपक शाह, प्रवीण सैनी, केपी सिंह और उदयवीर शामिल रहे। यूनियन ने 20 बिंदुओं में से पांच में सहमति बन पर अपना आंदोलन 20 दिन के लिए स्थगित कर दिया है।

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