परिसंपत्ति मामले में उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड को मिलेंगे 177 करोड़ रुपये
दोनों सरकारों के स्तर पर हुए प्रयासों के फलस्वरूप उप्र वन निगम के पास जमा उत्तराखंड की 425 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी में से 177 करोड़ की रकम जल्द ही सूबे को मिल जाएगी।
देहरादून, केदार दत्त। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मध्य परिसंपत्तियों के बंटवारे के मसले सुलझने की उम्मीद जगी है। इस कड़ी में दोनों सरकारों के स्तर पर हुए प्रयासों के फलस्वरूप उप्र वन निगम के पास जमा उत्तराखंड की 425 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी में से 177 करोड़ की रकम जल्द ही सूबे को मिल जाएगी। उप्र ने प्रथम चरण में यह राशि देने पर सहमति जताई है। शेष धनराशि को लेकर दोनों राज्यों के बीच विमर्श चल रहा है। उप्र से हिस्सेदारी की रकम मिलने से उत्तराखंड वन विकास निगम को अपनी माली हालत सुधारने में मदद मिलेगी।
उप्र से अलग होने के बाद बंटवारे में उत्तराखंड वन विकास निगम के हिस्से में 425.23 करोड़ रुपये की राशि आई थी। कार्मिकों के मामले में जो जहां कार्यरत है, उसे वहीं का मान लिया जाए, को आधार बनाया गया। तब उप्र ने भरोसा दिलाया था कि उत्तराखंड को उसके हिस्से की 425.23 करोड़ की रकम जल्द उसे दी जाएगी। कई दौर के मंथन के बावजूद मसला अनसुलझा ही रहा। उप्र से न तो राशि जारी हुई, न इसका कारण बताया गया।
उत्तराखंड वन विकास निगम के भी लाभ में चलने के कारण उसने इसे ज्यादा तवज्जो नहीं दी। अब जबकि निगम की वित्तीय स्थिति खराब हुई तो उसने यह मसला भी प्रमुखता से रखा। परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर बीती 17 अगस्त को दोनों प्रदेशों के मुख्य सचिव स्तर की बैठक में भी ये मसला उठा।
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वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत के अनुसार उप्र से वन विकास निगम की हिस्सेदारी चरणबद्ध ढंग से मिलेगी। प्रथम चरण में उप्र वन निगम ने रिजर्व एंड सरप्लस मद में उत्तराखंड को 177.04 करोड़ देने पर सहमति दी है। जल्द ही यह राशि मिल जाएगी। उधर, निगम के प्रबंध निदेशक मोनिष मल्लिक के अनुसार उप्र से मिलने वाली राशि निगम की वित्तीय सेहत सुधारने में मददगार साबित होगी।
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