उत्तराखंड में स्कूल खोलने को लेकर जिलेवार अभिभावकों से फीडबैक ले रही सरकार
स्कूलों को खोलने के संबंध में सरकार ने अभिभावकों से जिलेवार सुझाव लेना शुरू कर दिया है। इन सुझावों को जल्द केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेजा जाएगा।
By Edited By: Published: Mon, 20 Jul 2020 09:01 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jul 2020 06:20 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। राज्य में स्कूलों को खोलने के संबंध में सरकार ने अभिभावकों से जिलेवार सुझाव लेना शुरू कर दिया है। इन सुझावों को जल्द केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेजा जाएगा। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने शिक्षा महानिदेशक को अभिभावकों से फीडबैक लेने का काम तेजी से पूरा करने निर्देश दिए हैं। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने राज्यों को पत्र भेजकर अगस्त, सितंबर या अक्टूबर में स्कूल खोलने के संबंध में अभिभावकों से फीडबैक लेने को कहा है। बीती 17 जुलाई को भेजे गए इस पत्र के मद्देनजर राज्य सरकार ने जिलों के माध्यम से फीडबैक लेना प्रारंभ कर दिया है।
शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि समग्र शिक्षा अभियान राज्य परियोजना निदेशालय के माध्यम से जिलेवार फीडबैक लिया जा रहा है। मैदानी और पर्वतीय जिलों से अभिभावकों का फीडबैक जल्द जुटाने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य सरकार स्कूलों को खोलने के संबंध में प्राप्त सुझावों को जल्द केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेजेगी। उन्होंने कहा कि ये सुझाव सोमवार तक भेजना मुमकिन नहीं होगा। स्कूलों को खोलने के संबंध में विभिन्न परिस्थितियों पर गौर करने के बाद ही राज्य सरकार अपनी सिफारिश भेजेगी। माना जा रहा है कि अभिभावकों के सुझावों के आधार पर केंद्र सरकार तमाम परिस्थितियों का आकलन करने के बाद अगस्त या सितंबर से सीमित और सुरक्षित शारीरिक दूरी के मानकों को ध्यान में रखते हुए फैसला ले सकता है।
पिछले चार महीनों से प्रदेश में स्कूल बंद पड़े हैं। चालू माह जुलाई में भी 31 तक स्कूल बंद रहने हैं। राज्य सरकार इससे पहले भी सुरक्षित तरीके से स्कूल खोलने के पक्ष में अपनी राय एमएचआरडी को दे चुकी है। कोरोना संक्रमण से बचाव के उपायों के साथ नवीं से 12वीं तक करीब छह लाख छात्रों की पढ़ाई के लिए स्कूलों के बंद दरवाजे खोलने का प्रस्ताव केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेजा गया था। लंबे समय तक स्कूलों को बंद रखने को लेकर शिक्षा महकमा और निजी स्कूलों परेशानी महसूस कर रहे हैं।
ऑनलाइन पढ़ाई की कवायद समस्या का समाधान नहीं कर पा रही है। बोर्ड की दसवीं और बारहवीं की अगले वर्ष होने वाली परीक्षाओं पर इसका बुरा असर पड़ सकता है। बीते तीन महीने जारी रही ऑनलाइन पढ़ाई का आकलन करने के बाद जो तस्वीर सामने आई है, उसे देखते हुए सुरक्षित तरीके से स्कूल खोलने की पैरवी खुद राज्य सरकार को करनी पड़ी। अब राज्य सरकार की नजरें भी अभिभावकों से मिलने वाले सुझावों पर गड़ी हैं।
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