Move to Jagran APP

जुर्माने के डर से अब बढ़ी बीएमसी गठन की रफ्तार, पढ़िए पूरी खबर

राज्य की पंचायतों में जैव संसाधनों के संरक्षण और वाणिज्यिक उपयोग के मद्देनजर जैवविविधता प्रबंधन समितियों (बीएमसी) के गठन की रफ्तार अब तेज हो चली है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 22 Jan 2020 04:55 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jan 2020 08:24 PM (IST)
जुर्माने के डर से अब बढ़ी बीएमसी गठन की रफ्तार, पढ़िए पूरी खबर
जुर्माने के डर से अब बढ़ी बीएमसी गठन की रफ्तार, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, केदार दत्त। इसे भारी-भरकम जुर्माने का डर कहें या कुछ और, बात चाहे जो भी हो, लेकिन राज्य की पंचायतों में जैव संसाधनों के संरक्षण और वाणिज्यिक उपयोग के मद्देनजर जैवविविधता प्रबंधन समितियों (बीएमसी) के गठन की रफ्तार अब तेज हो चली है। एनजीटी ने इसके लिए 31 जनवरी की कट ऑफ डेट रखी है। साथ ही तय अवधि में बीएमसी गठित न होने की दशा में 10 लाख रुपये प्रतिमाह जुर्माना अदा करने के आदेश भी दिए हैं। पंचायतीराज विभाग के मुताबिक राज्य में अब तक 6396 ग्राम पंचायतों में बीएमसी गठित हो चुकी हैं। शेष में इसकी कसरत तेजी से चल रही है। अपर सचिव पंचायतीराज एचसी सेमवाल के मुताबिक तय समयावधि से पहले सभी गठित पंचायतों में बीएमसी बन जाएंगी। 

loksabha election banner

जैवविविधता अधिनियम के तहत प्रत्येक पंचायत में बीएमसी का गठन अनिवार्य है। बीएमसी, पंचायत में उपलब्ध जैव संसाधनों का संरक्षण-संवर्धन तो करेगी ही इनके वाणिज्यिक उपयोग की अनुमति भी देगी। बीएमसी हर पंचायत में पीपुल्स बायोडायवर्सिटी रजिस्टर (पीबीआर) भी तैयार करेगी। एक्ट में प्रविधान है कि जैव संसाधनों का वाणिज्यिक उपयोग करने वाली कंपनियां और संस्थाएं, इसके एवज में सालाना टर्नओवर के आधार पर बीएमसी को हिस्सेदारी भी देंगे। 

पूर्व में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने राज्यों में बीएमसी के गठन की सुस्त रफ्तार पर कड़ा रुख अपनाते केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को पीबीआर व बीएमसी का गठन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए थे। इसके लिए कट आफ डेट तय करने के साथ जुर्माने का भी प्रविधान किया। इस पर उत्तराखंड में भी हलचल हुई और मुख्य सचिव ने पंचायतीराज विभाग को तय अवधि में पंचायतों में बीएमसी के गठन के निर्देश दिए। 

इसके फलस्वरूप पंचायतों में बीएमसी का गठन तेज हुआ है। अपर निदेशक पंचायतीराज मनोज तिवारी के मुताबिक सभी 13 जिला पंचायतों और 95 क्षेत्र पंचायतों में बीएमसी गठित की जा चुकी हैं। राज्य की 7791 ग्राम पंचायतों में से 6396 में बीएमसी गठित हो चुकी हैं, जबकि शेष में प्रक्रिया चल रही है। 

विविधता अधिनियम में साफ है कि पंचायत की खुली बैठक में ही बीएमसी का गठन होगा। 

यह भी पढ़ें: राजाजी लैंडस्केप के 60 गांवों होगी में वालेंटरी प्रोटेक्शन फोर्स

94 पंचायतों में नहीं हो पाएगा गठन 

राज्य में हरिद्वार को छोड़ शेष 12 जिलों में 202 ग्राम पंचायतों में अभी पंचायतों का गठन नहीं हो पाया है। हालांकि, इनमें से 108 में पूर्व में बीएमसी गठित हो चुकी हैं, लेकिन शेष 94 में गठन होना है। वर्तमान में पंचायत का गठन न होने के कारण 94 ग्राम पंचायतों में बीएमसी का फिलहाल गठन नहीं हो पाएगा। वजह ये कि जैव विविधता अधिनियम में साफ है कि पंचायत की खुली बैठक में ही बीएमसी का गठन होगा। 

यह भी पढ़ें: बारह हफ्ते में मिट्टी बनने वाला प्लास्टिक ईजाद, सीपैट ने भी दी मान्यता


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.