राजाजी लैंडस्केप के 60 गांवों होगी में वालेंटरी प्रोटेक्शन फोर्स
टाइगर रिजर्व और इससे लगे हरिद्वार लैंसडौन नरेंद्रनगर व मसूरी वन प्रभागों के वन्यजीव प्रभावित 60 गांवों में वालेंटरी विलेज प्रोटेक्शन फोर्स के गठन की कवायद अंतिम दौर में पहुंच गई
देहरादून, राज्य ब्यूरो। राजाजी टाइगर रिजर्व लैंडस्केप में गहराते मानव-वन्यजीव संघर्ष को थामने के मद्दनेजर अब महकमा सक्रिय हो गया है। टाइगर रिजर्व और इससे लगे हरिद्वार, लैंसडौन, नरेंद्रनगर व मसूरी वन प्रभागों के वन्यजीव प्रभावित 60 गांवों में वालेंटरी विलेज प्रोटेक्शन फोर्स के गठन की कवायद अंतिम दौर में पहुंच गई है। फरवरी मध्य तक ये इन गांवों में ये फोर्स अस्तित्व में आ जाएंगी। प्रत्येक गांव की फोर्स में दो से तीन स्वयंसेवक होंगे, जिन्हें वन्यजीव महकमा प्रशिक्षित करेगा।
राजाजी रिजर्व व उससे लगे वन प्रभागों की 17 रेंज ऐसी हैं, जिनसे सटे 60 गांव अर्से से गुलदार, हाथी समेत दूसरे वन्यजीवों के आतंक से त्रस्त हैं। खासकर इन गांवों में गुलदारों की सक्रियता ने दिन का चैन और रातों की नींद उड़ाई हुई है। लगातार गहराती इस समस्या को देखते हुए वन्यजीव प्रभावित गांवों में वालेंटरी विलेज प्रोटेक्शन फोर्स गठित करने का निश्चय किया गया। पिछले वर्ष अगस्त में राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी दी गई। अब महकमे ने इसे धरातल पर उतारने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं।
वालेंटरी विलेज प्रोटेक्शन फोर्स में वन्यजीव प्रभावित गांव के ही युवाओं को बतौर स्वयंसेवक शामिल किया जा रहा है। राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक राजीव भरतरी के मुताबिक राजाजी लैंडस्केप के गांवों में मध्य फरवरी तक फोर्स गठित हो जाएगी, जो दो से तीन युवाओं की होगी। इन्हें वन विभाग न सिर्फ प्रशिक्षण देगा, बल्कि जरूरी साजोसामान भी मुहैया कराएगा।
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भरतरी के अनुसार स्वैच्छिक सेवा के तहत इस फोर्स के सदस्य ग्रामीणों व विभाग के मध्य सेतु का कार्य करेंगे। फोर्स के सदस्य लोगों को जागरूक करेंगे ही, खतरे वाले क्षेत्रों में लोगों को जाने से रोकना, गांव के नजदीक किसी वन्यजीव के सक्रिय होने पर तुरंत इसकी सूचना विभाग को देना, कोई घटना होने पर विभागीय कार्मिकों के पहुंचने तक स्थिति संभालना जैसे दायित्व भी इनके जिम्मे होंगे। उन्होंने बताया कि भविष्य में वालेंटरी विलेज प्रोटेक्शन फोर्स के सदस्यों को विभागीय योजनाओं से भी जोड़ा जाएगा। योजनाओं के क्रियान्वयन में भागीदारी पर उन्हें मानदेय भी मिलेगा।
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