उत्तराखंड में 44 हजार अभ्यर्थियों ने दी सहायक अध्यापक की परीक्षा, बनाए गए थे 95 केंद्र
सहायक अध्यापक (एलटी) के 1431 पदों के लिए 44302 अभ्यर्थियों ने रविवार को लिखित परीक्षा दी। पहली बार बंगाली व पंजाबी भाषा अध्यापकों के लिए अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए। पंजाबी उर्दू बंगाली हिंदी व संस्कृत के प्रश्न पत्र केवल संबंधित भाषा में थे।
जागरण संवाददाता, देहरादून : सहायक अध्यापक (एलटी) के 1431 पदों के लिए 44,302 अभ्यर्थियों ने रविवार को लिखित परीक्षा दी। पहली बार बंगाली व पंजाबी भाषा अध्यापकों के लिए अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए। पंजाबी, उर्दू, बंगाली, हिंदी व संस्कृत के प्रश्न पत्र केवल संबंधित भाषा में थे। अन्य प्रश्न पत्र हिंदी व अंग्रेजी में उपलब्ध कराए गए।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने यह परीक्षा दो पालियों में प्रदेश के 95 केंद्रों पर कराई। आयोग ने 51,160 अभ्यर्थियों को प्रवेश पत्र जारी किए, जिनमें से 44,302 उपस्थित रहे। आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने बताया कि परीक्षा दो पालियों में हुई। पहली पाली सुबह दस से 12 बजे व दूसरी पाली दोपहर दो से चार बजे तक चली। परीक्षा के लिए नैनीताल में 16, देहरादून में 15, हरिद्वार में दस, उधमसिंह नगर व अल्मोड़ा में नौ-नौ, उत्तरकाशी में सात, पिथौरागढ़ में छह, पौड़ी गढ़वाल, टिहरी, रुद्रप्रयाग, चमोली में चार-चार व बागेश्वर में तीन केंद्र बनाए गए थे। संतोष बडोनी ने बताया कि कोविड संक्रमण से संबंधित प्रोटोकाल का सभी केंद्रों में सख्ती से पालन किया गया। किसी भी केंद्र से गड़बड़ी की कोई सूचना नहीं हैं।
चयन आयोग के नियम से गरीब छात्र हो रहे वंचित
देहरादून : उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के एक नियम ने प्रदेश के सैकड़ों गरीब अभ्यर्थियों के नौकरी पाने के सपने पर पानी फिरता दिख रहा है। आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को केंद्र सरकार ने 10 फीसद (ईडब्ल्यूएस) आरक्षण की व्यवस्था की है। लाभार्थी तहसीलदार से जारी होने वाले ईडब्लूएस आरक्षण प्रमाणपत्र को किसी भी आवेदन पत्र के साथ लगाकर लाभ ले सकते हैं। यह प्रमाण पत्र जारी होने की तिथि से एक वर्ष के लिए मान्य होता है। यह बात विवेकानंद पंत नाम के अभ्यर्थी पर अंकित है। मगर उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन के नियमों में ईडब्लूएस प्रमाण पत्र को केवल वित्तीय वर्ष के लिए मान्य ठहरा रहा है। आयोग के नियमानुसार, आरक्षण प्रमाण पत्र एक अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक मान्य होगा। ऐसे में जिस अभ्यर्थी को जनवरी 2021 में यह प्रमाण पत्र जारी हुआ, वह एक अगस्त, 2021 को आरक्षण का लाभ नहीं ले सकता है। इस प्रकार के कई लाभार्थी भर्ती परीक्षा से वंचित हो रहे हैं। उधर, आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने बताया कि आयोग को शासन की ओर से जो दिशा-निर्देश प्राप्त हुए हैं, उसी के मुताबिक एक वित्तीय वर्ष में ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है। अभ्यॢथयों की शिकायत मिल रही है। जिसे शासन को भेजा जा रहा है।
जेईई मेंस में बलूनी क्लासेस के छात्र अव्वल रहे
जागरण संवाददाता, देहरादून : बलूनी क्लासेस के होनहारों ने जेईई मेंस की जुलाई की परीक्षा में एक बार फिर अपनी काबिलियत दिखाते हुए जेईई मेंस में सफलता का परचम लहराया है।
संस्थान के आयुष भारद्वाज (99.00 परसेंटाइल), प्रथम कुमार (97.77 परसेंटाइल), अस्मित जुयाल (95.95 परसेंटाइल),आदित्य जैसवाल (95.38 परसेंटाइल), स्वास्तिक पटवाल (95.02 परसेंटाइल), गॢवत सती (94.71 परसेंटाइल), प्रदीप चौहान (94.62 परसेंटाइल), सुनीधि जोशी (94.12 परसेंटाइल), पवन कंसवाल (92.98 परसेंटाइल), आधित्या यादव (92.92 परसेंटाइल), दिव्यम थपलियाल (92.73 परसेंटाइल), अनुभव ध्यानी (92.51 परसेंटाइल), कृतार्थ सिंघल (92.48 परसेंटाइल), हासिल किए।
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इसके अलावा अमन रावत (92.24 परसेंटाइल), मनीष नेगी (92.12 परसेंटाइल), वैभव रावत (91.88 परसेंटाइल), अभिषेक सिंह नेगी (91.67 परसेंटाइल), अमन भट्ट (91.14 परसेंटाइल), हॢषत शर्मा (91.10 परसेंटाइल),गरिमा रावत (91.15 परसेंटाइल), राकेश कुमार (91.12 परसेंटाइल), नमन पांडे (90.98 परसेंटाइल), मृदुल बंसल (90.00 परसेंटाइल) समेत अन्य छात्र-छात्राओं ने सफलता हासिल की है। संस्थान के प्रबंध निदेशक विपिन बलूनी ने जेईई मेंस में चयन के लिए अनुभवी शिक्षकों के उचित मार्गदर्शन और छात्र-छात्राओं की मेहनत को श्रेय दिया। बलूनी ग्रुप आफ एजुकेशन के चेयरमैन डा. नवीन बलूनी ने सभी सफल छात्र-छात्राओं और अभिभावकों को शुभकामनाएं दी हैं।
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