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मांगों को लेकर ऊर्जा निगम मुख्यालय पर गरजे कार्मिक, आंदोलन जारी रखने का किया एलान

उत्तराखंड विद्युत अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर बिजली कर्मियों ने बल्लीवाला चौक स्थित ऊर्जा निगम मुख्यालय में सत्याग्रह किया। संघर्ष मोर्चा के विभिन्न घटक संघों के पदाधिकारियों ने सत्याग्रह स्थल पर रामधुन भजन देशभक्ति गीत गाने के साथ ही महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया।

By Sumit KumarEdited By: Published: Sun, 26 Sep 2021 05:05 PM (IST)Updated: Sun, 26 Sep 2021 05:05 PM (IST)
पुरानी एसीपी की व्यवस्था लागू करने समेत 14 सूत्री मांगों को लेकर ऊर्जा के तीनों निगमों के कार्मिक आंदोलनरत हैं।

जागरण संवाददाता, देहरादून। पुरानी एसीपी की व्यवस्था लागू करने समेत 14 सूत्री मांगों को लेकर ऊर्जा के तीनों निगमों के कार्मिक आंदोलनरत हैं। शनिवार को कार्मिकों ने ऊर्जा निगम मुख्यालय में सत्याग्रह कर आवाज बुलंद की। उन्होंने मांगें न माने जाने तक आंदोलन जारी रखने का एलान किया है।

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उत्तराखंड विद्युत अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर बिजली कर्मियों ने बल्लीवाला चौक स्थित ऊर्जा निगम मुख्यालय में सत्याग्रह किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मोर्चा के संयोजक इंसारुल हक और संचालन दीपक शांडिल्य ने किया। संघर्ष मोर्चा के विभिन्न घटक संघों के पदाधिकारियों ने सत्याग्रह स्थल पर रामधुन, भजन, देशभक्ति गीत गाने के साथ ही महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया। अब आंदोलन के अगले चरण में 27 सितंबर को पिटकुल मुख्यालय पर सत्याग्रह किया जाएगा। इसके बाद पांच अक्टूबर तक राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में रैलियां निकाल सरकार को आगाह किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पांच अक्टूबर तक कर्मचारियों के समझौते के अनुरूप आदेश जारी नहीं होते हैं तो छह से बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी जाएगी। सभा में राकेश शर्मा, अमित रंजन, कार्तिकेय दुबे, पंकज सैनी, भानु जोशी, संदीप शर्मा, जगदीश प्रसाद पंत, राजवीर सिंह, वीके ध्यानी आदि शामिल हुए।

महाधिवेशन में कर्मचारियों ने उठाई समस्याएं

सिंचाई विभाग कर्मचारी महासंघ के द्विवार्षिक प्रांतीय महाधिवेशन में विभिन्न समस्याओं पर चर्चा हुई। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश रमोला ने कहा कि विभाग में दक्षता प्राप्त इंजीनियर व कार्मिक होने के बावजूद कार्य का अभाव है। इसलिए सिंचाई विभाग को कार्यदायी संस्था के अनुरूप प्रदेश के गैर तकनीकी विभागों के निर्माण कार्य के लिए स्थायी रूप से अधिकृत करने की आवश्यकता है।

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शनिवार को यमुना कालोनी स्थित अधिकारी क्लब में आयोजित महाधिवेशन में रमेश रमोला ने कहा कि राज्य गठन के बाद कार्मिकों की कई समस्याओं का निराकरण विभागाध्यक्ष स्तर पर हो जाता था। आज उन छोटी-छोटी समस्याओं को शासन स्तर पर प्रेषित कर दिया जाता है। इससे विभागाध्यक्ष पद की गरिमा पर भी प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था की जाए, जिससे अधिकांश समस्याओं का विभागाध्यक्ष स्तर पर ही समाधान हो जाए।

ये समस्याएं भी उठाईं

  • कर्मचारियों के कार्य के लिए कार्यालय एवं आवास का शीघ्र निर्माण
  • प्रदेश की परिसंपत्तियों को शीघ्र उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड को हस्तांतरित करवाया जाए
  • निर्माण कार्यों की जांच सिंचाई अनुसंधान संस्थान, रुड़की से करवाई जाए
  • कुमाऊं व गढ़वाल मंडल के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को बेस कैंप की सुविधा दी जाए।

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