कर्मचारी संगठनों ने वेतन कटौती का किया विरोध, पुरानी पेंशन बहाली को रोपेंगे पौधे
चार फीसद डीए में कटौती एक वर्ष तक हर माह एक दिन दिन के वेतन की कटौती उच्चीकृत वेतनमान आदि पर प्रतिबंध को लेकर उत्तरांचल पर्वतीय शिक्षक संगठन ने विरोध शुरू कर दिया है।
देहरादून, जेएनएन। चार फीसद डीए में कटौती, एक वर्ष तक हर माह एक दिन दिन के वेतन की कटौती, उच्चीकृत वेतनमान आदि पर प्रतिबंध को लेकर उत्तरांचल पर्वतीय शिक्षक संगठन ने विरोध शुरू कर दिया है। वहीं, वेतन कटौती पर हाईकोर्ट के आदेश में सरकार से जवाब मांगने पर संगठन ने संतोष व्यक्त किया।
प्रेस बयान में संगठन के प्रदेश अध्यक्ष पंचम सिंह बिष्ट ने कहा कि जिस तरह सरकार ने सफाई कर्मचारियों के वेतन में कटौती के आदेश को वापस लिया, उसी तरह सभी कर्मचारी व शिक्षकों के वेतन में कटौती के आदेश को वापस लिया जाए। साथ ही जो मांगें लंबे समय से जारी हैं, उनका तत्काल समाधान किया जाएगा।
वहीं, प्रदेश महासचिव प्रताप सिंह पंवार ने कहा कि सरकार कोविड-19 की ड्यूटी में लगे कार्मिकों का मनोबल गिरा रही है। सरकार निरंतर कर्मचारी विरोधी निर्णय ले रही है। अध्यक्ष बिष्ट ने कहा कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद संगठन की बैठक बुलाई जाएगी। यदि सरकार ने अपने निर्णय वापस नहीं लिए तो आंदोलन छेड़ा जाएगा।
पुरानी पेंशन बहाली को संयुक्त मोर्चा लगाएगा पेड़
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा कोर कमेटी की ऑनलाइन बैठक में 12 जुलाई से एक पेड़ पुरानी पेंशन बहाली के नाम अभियान शुरू करने का निर्णय लिया गया। बैठक में उत्तराखंड समेत देश के कई राज्यों से प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी सिंह रावत ने कहा कि यह अभियान पूरे देश मे चलेगा। पुरानी पेंशन बहाली के लिए मोर्चा लगातार संघर्षरत है, जिसके क्रम में कार्यक्रम की घोषणा की गई है। इसके तहत 12 जुलाई को देशहित में पूरे देश के साठ लाख एनपीएस कार्मिक एक-एक पेड़ लगाने को पौधरोपण करेंगे।
इससे स्वच्छ भारत एवं स्वच्छ पर्यावरण के साथ साथ पुरानी पेंशन की आवाज को जन-जन तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने बताया कि अभियान में सभी एनपीएस कर्मचारियों, शिक्षक, अधिकारी, सफाई कर्मी, रेलवे कर्मी, पुलिसकर्मी, बैंक कर्मियों से शामिल होने का आह्वान किया गया है।
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ऑनलाइन बैठक में उत्तराखंड प्रदेश संयोजक मिलिंद बिष्ट व सह संयोजक सीताराम पोखरियाल, देवेंद्र बिष्ट, उत्तर प्रदेश से प्रदीप सरल व क्रांति सिंह, दिल्ली विश्वविद्यालय से डॉ. अनिल स्वदेशी, पंजाब से जसबीर सिंह तलवाड़ा, हिमाचल प्रदेश से एलडी चौहान, छत्तीसगढ़ से संजय शर्मा व वीरेंद्र दुबे, गुजरात से डॉ. पंकज प्रजापति, तेलंगाना से एस कुमार स्वामी, मध्यप्रदेश से जगदीश यादव शामिल हुए।
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