अस्पताल और क्वारंटाइन सेंटर में नहीं कटेगी बिजली, ऊर्जा निगम ने की तैयारी
यूपीसीएल ने अस्पतालों और क्वारंटाइन सेंटरों को विद्युत आपूर्ति के लिए प्लान-बी तैयार किया है। इनकी विद्युत आपूर्ति किसी भी सूरत में बाधित नहीं होने दी जाएगी।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने अस्पतालों और क्वारंटाइन सेंटरों को विद्युत आपूर्ति के लिए प्लान-बी तैयार किया है। इनकी विद्युत आपूर्ति किसी भी सूरत में बाधित नहीं होने दी जाएगी। यूपीसीएल ने बताया कि राज्य के ऐसे सभी केंद्रों के लिए मेन लाइन के साथ वैकल्पिक लाइन को भी चिह्नित कर लिया गया है। यदि अस्पताल या क्वारंटाइन सेंटर को जाने वाली लाइट बाधित होने की आशंका हो तो उसे दूसरी लाइन पर शिफ्ट कर दिया जाएगा।
उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड ने राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज के साथ ही छोटे-बड़े अस्पतालों और क्वारंटाइन सेंटरों की विद्युत आपूर्ति के लिए प्लान बी तैयार किया है। इसके तहत इन जगहों के नजदीक से गुजरने वाली लाइन को भी अस्पताल की लाइन से जोड़ा जा रहा है। यूपीसीएल के प्रवक्ता चीफ इंजीनियर एके सिंह ने बताया कि सभी उपकेंद्रों को निर्देश दिया गया है कि अस्पताल व क्वारंटाइन सेंटरों की विद्युत आपूर्ति पर 24 घंटे नजर रखी जाए। लाइन टिप होती है या लोकल फाल्ट से विद्युत आपूर्ति बाधित होती है तो जिन इलाकों में विद्युत आपूर्ति सामान्य है, वहां से सप्लाई दी जाए।
तैयारी में जुटा निगम
मंगलवार को निगम के कर्मचारी प्लान बी के तहत मेडिकल कालेज और क्वारंटाइन सेंटर की लाइन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था को बनाने में जुटे रहे। श्रीमहंत इंदिरेश मेडिकल कॉलेज और दून मेडिकल कालेज की लाइन के लिए फीडर बदलने का ट्रायल भी किया गया।
लोकल फॉल्ट में आई कमी
यूपीसीएल के बीसीके मिश्र ने बताया कि लॉकडाउन के चलते इन दिनों ऊर्जा की खपत आधी रह जाने से लोकल फाल्ट में भी काफी कमी आई है। निगम के टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1912 पर सामान्य दिनों में रोजाना औसतन पांच सौ शिकायतें आती थीं, लेकिन अब यहां बमुश्किल सवा सौ के करीब ही दर्ज हो रही हैं। सोमवार को 122, रविवार को 138 और शनिवार को 121 शिकायतें दर्ज की गई।
अस्पताल और क्वारंटाइन सेंटरों की विद्युत आपूर्ति पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इन लाइनों के अनुरक्षण के लिए हर दिन स्टाफ पेट्रोलिंग कर रहा है। साथ ही अस्पताल और क्वारंटाइन सेंटर की आपूर्ति के लिए वैकल्पिक व्यवस्था भी तैयार कर ली गई है।
एलोपैथिक दवा लिखने का मांगा अधिकार
राजकीय आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सा सेवा संघ ने आयुष चिकित्सकों को उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ही भांति एलोपैथिक दवा लिखने का अधिकार देने की मांग की है। वहीं हिमाचल की तर्ज पर आयुर्वेदिक चिकित्सालयों में भी एलोपैथिक दवाओं की आपूर्ति की भी मांग की।
कोरोना की रोकथाम में जुटे आयुष चिकित्सकों का बीमा न कराए जाने पर भी संघ ने रोष प्रकट किया। कहा कि क्वारंटाइन सेंटर, क्विक रिस्पांस टीम, मरीजों की स्कीनिंगआदि में लगे आयुष चिकित्सकों को पीपीई, मास्क आदि भी उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं। संघ ने इस संदर्भ में आयुष मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत को ज्ञापन भेजा है। संघ के प्रांतीय महासचिव डॉ. हरदेव सिंह रावत ने कहा कि आयुष चिकित्सक भी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में पूरी ईमानदारी से अपना कार्य कर रहे हैं।
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ऐसे में उन्हें एलोपैथिक दवा लिखने का अधिकार मिलना चाहिए, जिससे उत्तराखंड के दुर्गम और अति दुर्गम क्षेत्र के लोगों को लाभ मिलेगा। कहा कि राज्य सरकार मेडिकल स्टाफ का पांच लाख रुपये का बीमा करा रही है। जिस बावत मुख्य चिकित्साधिकारियों ने अपने अधिनस्थ कर्मचारियों का ब्योरा मांगा है। इस वक्त आयुष चितित्सक उनके अधीन हैं। पर उनकी कोई जानकारी नहीं ली गई। आयुष चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ को इससे वंचित रखना अनुचित है।
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