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हत्या और साक्ष्य छिपाने में आठ अभियुक्त दोषी करार Dehradun News

पिकनिक मनाने देहरादून के कालसी आए युवक की हत्या व साक्ष्य मिटाने के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नसीम अहमद ने बागपत के आठ अभियुक्तों को दोषी ठहराया।

By Edited By: Published: Mon, 02 Sep 2019 08:48 PM (IST)Updated: Tue, 03 Sep 2019 11:35 AM (IST)
हत्या और साक्ष्य छिपाने में आठ अभियुक्त दोषी करार Dehradun News
हत्या और साक्ष्य छिपाने में आठ अभियुक्त दोषी करार Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। पिकनिक मनाने देहरादून के कालसी गए युवक की हत्या और साक्ष्य मिटाने के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नसीम अहमद ने बागपत के आठ अभियुक्तों को दोषी ठहराया। छह सितंबर को सजा पर सुनवाई होगी। इस मामले में संलिप्त एक अभियुक्त की मौत हो चुकी है, जबकि एक को साक्ष्यों के अभाव में बरी हो गया है। 

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शासकीय अधिवक्ता नरेंद्र चंद बहुगुणा ने घटनाक्रम की जानकारी देते हुए कहा कि राजकुमार राणा पुत्र महते सिंह राणा निवासी ग्राम धनौरा सिल्वर नगर थाना बिनौली जिला बागपत यूपी ने एक जनवरी 2016 को थाना कालसी में तहरीर दी थी। इसमें कहा गया था कि 31 दिसंबर 15 को उसका छोटा भाई सुरेंद्र राणा घूमने के इरादे से देहरादून आया था। उसके साथ परिचित संजीव राणा पुत्र दरियाव ¨सह, अनिल राणा पुत्र रामफल, विजयवीर सिंह नीटू मास्टर, किरण पाल पुत्र महेंद्र, अरविंद कुमार, संजय पुत्र भोपाल सिंह, जितेंद्र पुत्र सुखबीर, चंदर पुत्र प्रकाश, कुलदीप शर्मा पुत्र सुरेश शर्मा निवासीगण ग्राम धनौरा सिल्वर नगर थाना बिनौली जिला बागपत यूपी, कुलदीप पुत्र रामनिवास निवासी सेक्टर 12 पंचकुला, हरियाणा हाल निवासी निर्मल निवास पंचकुला हरियाणा भी आए थे। 

सभी ने खैरवा के पास नदी किनारे पिकनिक मनाई और इसी बीच उन्होंने सुरेंद्र राणा की हत्या कर दी। बाद में आरोपित संजीव राणा ने कालसी थाना पहुंचकर सुरेंद्र राणा की गुमशुदगी दर्ज करा दी। सुरेंद्र के भाई राजकुमार राणा ने थाने पहुंचकर प्रकरण की गंभीरता से जांच कर पिकनिक मनाने आए सभी लोगों ने पूछताछ की मांग कालसी थाना पुलिस से की। 

जांच में जुटी पुलिस ने विवेचना के बाद दस आरोपितों के खिलाफ हत्या, साक्ष्य मिटाने आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। कालसी थाने की पुलिस ने जांच में डाग स्कवाड, गोताखोरों की मदद से 13 जनवरी 16 को सुरेंद्र राणा का शव पिकनिक स्थल से एक किमी आगे नदी से बरामद किया था। 

झाड़ियों से पुलिस ने कपड़े बरामद किए थे। पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक ने मौत गला घोंटने व मृत्यु पूर्व चोट लगने से होना बताया। मृतक के सीने, चेहरे व शरीर पर चोट के निशान थे। 

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इस मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नसीम अहमद ने गवाहों के बयान, पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों, अभियोजन पक्ष व बचाव पक्ष की बहस सुनने के बाद अभियुक्त अनिल राणा, संजीव राणा, विजय वीर को हत्या में दोषी करार दिया। साथ ही किरण पाल पुत्र महेंद्र, अरविंद कुमार, संजय पुत्र भोपाल सिंह, जितेंद्र पुत्र सुखबीर, चंदर पुत्र प्रकाश को साक्ष्य मिटाने में दोषी करार दिया। 

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अभियुक्त कुलदीप शर्मा पुत्र सुरेश शर्मा निवासीगण ग्राम धनौरा सिल्वर नगर थाना बिनौली जिला बागपत यूपी की मौत हो चुकी है। इसके अलावा आरोपित कुलदीप पुत्र रामनिवास निवासी सेक्टर 12 पंचकुला, हरियाणा हाल निवासी निर्मल निवास पंचकुला हरियाणा जो घटनास्थल से सीधे पंचकुला चला गया था, उसे साक्ष्य अभाव में दोषमुक्त किया।

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