देहरादून समेत तीन जिलों के सीईओ पर गिरेगी गाज, सख्त कार्रवाई के दिए निर्देश
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने लापरवाही बरतने पर तीन जिलों देहरादून हरिद्वार और नैनीताल के मुख्य शिक्षा अधिकारियों और अन्य संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश के तमाम विद्यालय भले ही शिक्षकों के लिए तरस रहे हों, लेकिन बीआरपी-सीआरपी बने शिक्षक मूल पद पर जाने को तैयार नहीं हैं। इससे खफा शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने बीआरपी-सीआरपी को मूल तैनाती स्थल पर भेजने के निर्देश दिए। साथ में उक्त मामले में लापरवाही बरतने पर तीन जिलों देहरादून, हरिद्वार और नैनीताल के मुख्य शिक्षा अधिकारियों और अन्य संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश कार्यवाहक शिक्षा सचिव रंजीत सिन्हा को दिए। प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी दूर होगी। कम छात्रसंख्या वाले विद्यालयों में कार्यरत अधिसंख्य शिक्षकों को हटाया जाएगा। इसके लिए शिक्षा मंत्री ने 95 ब्लॉकों में उक्त विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का सही आंकड़ा हफ्तेभर में तलब किया है।
विधानसभा स्थित सभाकक्ष में गुरुवार को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने विभागीय कामकाज की समीक्षा की। बैठक में अधूरी जानकारी के साथ मौजूद अधिकारियों को शिक्षा मंत्री और सचिव दोनों ने आड़े हाथों लिया। साथ में अगली बैठक में पूरी तैयारी के साथ आने की नसीहत दी गई। गौरतलब है कि बीआरपी-सीआरपी के पद समाप्त हो चुके हैं। हाईकोर्ट ने इन शिक्षकों को मूल पदों पर तैनाती के आदेश दिए हैं। शिक्षा मंत्री ने बीआरपी-सीआरपी को सात दिन के भीतर मूल विद्यालयों में भेजने की ताकीद की गई। वर्ष 2016 में पिछली कांग्रेस सरकार में देहरादून समेत सुविधाजनक स्थानों पर संबद्ध किए गए 450 से ज्यादा शिक्षकों को मूल तैनाती स्थल पर नहीं भेजा गया। वर्ष 2017 में प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद इन शिक्षकों की संबद्धता समाप्त की गई थी। इन शिक्षकों को भी मूल विद्यालयों में भेजने के हाईकोर्ट के आदेश का पालन विभागीय अधिकारियों ने अब तक नहीं किया। शिक्षा मंत्री ने हफ्तेभर में इन शिक्षकों को भी मूल विद्यालयों में वापस भेजने के निर्देश दिए हैं। ऐसा नहीं होने पर संबंधित अधिकारियों को निलंबित किया जाएगा।
एक ही परिसर में चल रहे प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और उच्चीकृत हाईस्कूलों के विलय के आदेश हो चुके हैं। बावजूद इसके 34 विद्यालयों में उक्त आदेश को अमल में नहीं लाया गया। मंत्री ने उक्त विद्यालयों के एकीकरण में हीलाहवाली छोडऩे को कहा है। शिक्षा मंत्री ने विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता के लिए मासिक परीक्षा नियमित रखने की हिदायत दी। साथ ही मासिक परीक्षा के प्रश्नपत्रों की उत्तरपुस्तिकाओं को एकदूसरे विद्यालयों के शिक्षकों से जांचने अथवा विद्यालय स्तर पर स्वमूल्यांकन की व्यवस्था, डायट से प्रत्येक ब्लॉक के सात विद्यालयों के प्रश्नपत्र निर्माण को लेकर बने संशय को दूर करने के लिए अधिकारियों को बैठक करने के निर्देश दिए। बैठक में कार्यवाहक शिक्षा सचिव रंजीत सिन्हा, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आरके कुंवर, शोध एवं प्रशिक्षण अकादमी निदेशक सीमा जौनसारी, अपर निदेशक विमला गब्र्याल, आरके उनियाल, कुलदीप गैरोला, प्रदीप रावत व बीएस नेगी समेत बड़ी संख्या में विभागीय अधिकारी मौजूद थे।
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