अब आर्किटेक्ट से प्रमाणित कराएं भवन के नक्शे, पढ़िए पूरी खबर
भवन निर्माण के लिए नक्शा पास कराने के लिए प्राधिकरणों के चक्कर काटने के झंझट से लोगों को मुक्ति मिल गई है। आर्किटेक्ट अब नक्शे को प्रमाणित करने के लिए अधिकृत हो गए हैं।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। भवन निर्माण के लिए नक्शा पास कराने के लिए प्राधिकरणों के चक्कर काटने के झंझट से अब लोगों को मुक्ति मिल गई है। प्राधिकरणों के पैनल में शामिल आर्किटेक्ट अब 105 वर्ग मीटर के भूखंड में भवन नक्शे को प्रमाणित करने के लिए अधिकृत हो गए हैं। आमजन को सहूलियत देने के मकसद से बीती 28 अगस्त को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस मसौदे को हरी झंडी दी गई थी। कैबिनेट के निर्णय के क्रम में शासन ने इस सिलसिले में बुधवार को आदेश जारी कर दिए। आर्किटेक्ट की मुहर लगने के बाद एक पखवाड़े के भीतर निर्माण शुरू कराया जा सकेगा।
प्राधिकरणों में भवनों के नक्शे पास कराने के लिए आमजन को किस प्रकार ऐडिय़ां रगडऩी पड़ती हैं, यह किसी से छिपा नहीं है। ऑनलाइन आवेदन होने के बाद इसके साइट निरीक्षण समेत अन्य मसलों में खासा वक्त लग जाता है। इसे देखते हुए कैबिनेट ने ईज आफ डूइंग बिजनेस के साथ जनता को राहत देने का निर्णय लिया। इसके तहत भवन मानचित्र स्वीकृति की प्रक्रिया में ऐसे भवन जिनमें जोखिम की संभावना कम है, उनमें प्राधिकरण के पैनल में शामिल आर्किटेक्ट स्वप्रमाणित करने को अधिकृत होंगे।
अपर सचिव सुनीलश्री पांथरी की ओर से बुधवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए। आदेश के मुताबिक पैनल में शामिल आर्किटेक्ट से नक्शे प्रमाणित कराने वाले आवेदक इसकी सूचना प्राधिकरण को देगा। इसमें सभी प्रकार के शुल्क देय होंगे और 15 दिन के नोटिस के उपरांत निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा। भवन के निर्माण व पुनर्निर्माण कार्य बायलॉज के अनुसार होंगे।
आदेश के मुताबिक प्राधिकरण के पास यह अधिकार होगा कि वह भवन के नक्शे व निर्माण कार्य की जांच करे। इसमें कोई विचलन पाए जाने पर संबंधित भवन स्वामी इसे संशोधित करेगा। यदि आवेदक विचलन को संशोधित करने में विफल होता है तो इसे हटाने की कार्यवाही की जाएगी। साथ ही पैनल में शामिल आर्किटेक्ट के विरुद्ध कार्यवाही के लिए काउंसिल आफ आर्किटेक्टस को लिखा जाएगा। यही नहीं, संबंधित आर्किटेक्ट को ब्लैकलिस्ट भी किया जाएगा।
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लिपिकीय त्रुटि दूर की
एकल आवास, व्यावसायिक भवनों, आवासीय भू-उपयोग में व्यावसायिक दुकान और आवासीय क्षेत्रों में नर्सिंग होम, क्लीनिक, ओपीडी, पैथोलॉजी लैब, डायग्नोस्टिक सेंटर, चाइल्ड केयर, नर्सरी स्कूल, प्ले गु्रप के लिए एक बार समाधान योजना के तहत शमन व विनियमितीकरण संबंधी 27 अगस्त के आदेश से लिपिकीय त्रुटि दूर कर दी गई है। पूर्व में नर्सिंग होम, क्लीनिक, ओपीडी, पैथोलॉजी लैब, डायग्नोस्टिक सेंटर व चाइल्ड केयर से संबंधित शर्त में कहा गया था कि ऐसे प्रस्ताव स्वीकृत आवासीय ले आउट के अंतर्गत अनुमन्य नहीं होंगे। संशोधन के बाद अब इसमें नहीं शब्द हटा दिया गया है। यानी अब ऐसे प्रस्ताव आवासीय ले आउट के अंतर्गत मान्य होंगे।
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