केंद्र सरकार के संकल्प को डीआरडीओ ने दिया मूर्त रूप, दो माह में विकसित कर दिया पीएसए आक्सीजन संयंत्र
कोरोना की दूसरी लहर में आक्सीजन की किल्लत के बाद केंद्र सरकार ने आक्सीजन की उपलब्धता को बढ़ाने का फैसला लिया था। केंद्र सरकार ने देशभर में 1226 पीएसए आक्सीजन प्लांट तैयार करने की जिम्मेदारी डीआरडीओ को सौंपी थी।
दुर्गा नौटियाल, ऋषिकेश। कोरोना महामारी की दूसरी लहर में देश भर में सामने आई आक्सीजन की किल्लत के बाद केंद्र सरकार ने देश में चिकित्सा आक्सीजन की उपलब्धता को बढ़ाने का फैसला लिया था। इसके लिए प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम केयर्स) से देश के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में 1226 प्रेशर स्विंग एडजार्प्शन (पीएसए) चिकित्सीय आक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की स्थापना करने का लक्ष्य रखा गया। पीएम केयर्स फंड से वित्त पोषित 1100 से अधिक पीएसए आक्सीजन प्लांट भारत के 35 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में स्थापित किए गए हैं। जिनमें से आज प्रधानमंत्री 35 पीएसए आक्सीजन प्लांट देश को समर्पित करेंगे।
केंद्र सरकार ने देशभर में 1226 पीएसए आक्सीजन प्लांट तैयार करने की जिम्मेदारी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) को सौंपी थी। डीआरडीओ ने स्वदेशी फाइटर जेट, एलसीए तेजस में प्रयुक्त आक्सीजन तकनीक का उपयोग करते हुए पीएसए आक्सीजन संयंत्र को महज दो माह में विकसित कर दिया। यह प्लांट में वातावरण में मौजूद आक्सीजन को अवशोषित कर उसे चिकित्सा आक्सीजन में परिवर्तित करता है। इस तकनीक पर आधारित आक्सीजन प्लांट सबसे पहले लेह और उत्तर-पूर्व के राज्यों में लगाए थे। डीआरडीओ ने देश में आक्सीजन संयंत्रों की स्थापना के लिए टाटा कंपनी, कोयम्बटूर की ट्राईटेंड न्यूमैटिक प्राइवेट लिमिटेड, इंडियन इंस्टीट्यूट आफ पेट्रोलियम (आइआइपी) को यह तकनीक सौंपी है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्विट कर जानकारी दी कि 1224 पीएसए आक्सीजन संयंत्रों को पीएम केयर्स के तहत वित्त पोषित किया गया है, जिनमें से 1100 से अधिक संयंत्रों को चालू किया गया है, जिससे प्रतिदिन 1750 मीट्रिक टन से अधिक आक्सीजन का उत्पादन होता है। ऋषिकेश एम्स में स्थापित पीएसए आक्सीजन प्लांट को टाटा सिस्टम ने तैयार किया है।
एम्स ऋषिकेश में दोगुनी हो जाएगी आक्सीजन क्षमता
एम्स ऋषिकेश स्थापित किए गए पीएसए आक्सीजन प्लांट की क्षमता प्रति मिनट एक हजार लीटर आक्सीजन का उत्पादन की है। इस प्लांट से एक समय पर 190 सामान्य मरीजों को पांच लीटर प्रति मिनट तथा 64 वेंटीलेटर को 15 लीटर प्रति मिनट आक्सीजन की आपूर्ति की जा सकती है। वहीं इस प्लांट में 195 आक्सीजन सिलिंडर को रीफिल किया जा सकता है। अब तक एम्स ऋषिकेश में लिक्विड आक्सीजन स्टोरेज प्लांट से चिकित्सा आक्सीजन की आपूर्ति की जाती थी। जिसकी आक्सीजन स्टोरेज क्षमता 30 हजार लीटर है। जबकि नए पीएसए आक्सीजन प्लांट से एक दिन (चौबीस घंटे) में 24 हजार लीटर आक्सीजन का उत्पादन होगा। इस तरह अब एम्स की आक्सीजन क्षमता 54 हजार लीटर हो गई है, जो लगभग दोगुनी क्षमता है।
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