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उत्तराखंड में भत्तों में कटौती से सेवानिवृत्त कर्मियों पर दोहरी मार

कोरोना संकट में डीए फ्रीज होने और अन्य भत्तों में कटौती से हाल में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों पर दोहरी मार पड़ेगी। इसे लेकर राज्य के कर्मचारी संगठनों में नाराजगी है।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Published: Tue, 19 May 2020 01:20 PM (IST)Updated: Tue, 19 May 2020 01:20 PM (IST)
उत्तराखंड में भत्तों में कटौती से सेवानिवृत्त कर्मियों पर दोहरी मार
उत्तराखंड में भत्तों में कटौती से सेवानिवृत्त कर्मियों पर दोहरी मार

देहरादून, जेएनएन। कोरोना संकट में डीए फ्रीज होने और अन्य भत्तों में कटौती से हाल में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों पर दोहरी मार पड़ेगी। इसे लेकर राज्य के कर्मचारी संगठनों में नाराजगी देखने को मिल रही है। संगठनों ने कहा कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने अपनी सेवानिवृत्ति की रकम बैंकों में जमा कर रखी है। बैंक की ब्याज भी कम कर दी गई है, जिससे सेवानिवृत्ति कर्मचारियों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है।

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महंगाई भत्ते समेत छह भत्तों की कटौती करने पर प्रदेश के राज्य कर्मचारी बिफर पड़े हैं। उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि ऐसा कर राज्य सरकार कर्मचारियों के साथ अन्याय कर रही है। सरकार ने इसमें शिथिलता नहीं बरती तो लॉकडाउन के बाद आंदोलन करने को विवश हो सकते हैं।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने कहा कि एक वर्ष के लिए महंगाई भत्ता सहित छह भत्तों पर रोक लगाना गलत है। अध्यक्ष प्रहलाद सिंह ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान केंद्र व राज्य कर्मचारियों द्वारा की जा रही सेवाओं को सरकार द्वारा गंभीरता से नहीं लिया गया है। वहीं, सेवानिवृत्त कर्मचारियों के भत्तों में भी कटौती की गई है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। सचिवालय संघ के महासचिव वीरेंद्र सिंह गुसाईं ने कहा कि मुख्यमंत्री को इस आदेश को वापस लेना चाहिए।

बिजली अभियंता-कर्मचारियों ने किया विरोध  

विद्युत अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने 18 माह का महंगाई भत्ता फ्रीज किये जाने और अन्य भत्तों को रोकने का विरोध किया है। मोर्चा के संयोजक ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार आदेश तत्काल वापस ले।

तबादला सत्र शून्य करे सरकार  

उत्तरांचल फेडरेशन ऑफ मिनिस्ट्रीयल सर्विसेज एसोसिएशन ने सरकार से 2020-21 को तबादला सत्र शून्य घोषित करने की मांग की है। प्रांतीय अध्यक्ष सुनील दत्त कोठारी ने कहा कि इस समय तबादले होने से कोरोना ड्यूटी में लगे कर्मचारी प्रभावित होंगे और कामकाज पर भी इसका असर पड़ेगा।

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18 संयुक्त निदेशक बने अपर निदेशक

शासन ने चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में 18 संयुक्त निदेशकों को अपर निदेशक पद पर पदोन्नति प्रदान की है। शासन द्वारा जारी आदेश के मुताबिक डॉ. देवेंद्र कुमार, डॉ. मनोज बहुखंडी, डॉ. बुद्धि चंद रमोला, डॉ. बंशीधर जोशी,डॉ. वागीश चंद्र काला, डॉ. धीरेंद्र कुमार बनकोटी, डॉ. ललित मोहन सिंह रावत, डॉ. भगत सिंह रावत, डॉ. ह्यात सिंह खडायत, डॉ. सुरेंद्र सिंह चौहान, डॉ. ललित सिंह टोलिया, डॉ. सविता ह्यांकि, डॉ. शिखा जंगपांगी, डॉ. भागीरथी जोशी, डॉ. भागीरथी जंगपांगी, डॉ. देवेंद्र सिंह पंचपाल, डॉ. गुमान सिंह राणा व डॉ. नरसिंह गुंज्याल को अपर निदेशक बनाया गया है।

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