शराब तस्करों का नेटवर्क ध्वस्त करने में जुटी सरकार, अब डोजियर होगा तैयार
पिछले महीने जहरीली शराब पीने से हुई सात मौतों के बाद सरकार से लेकर पुलिस तक शराब तस्करों के नेटवर्क को ध्वस्त करने में जुट गई है।
देहरादून, जेएनएन। पथरिया पीर बस्ती में पिछले महीने जहरीली शराब पीने से हुई सात मौतों के बाद सरकार से लेकर पुलिस तक शराब तस्करों के नेटवर्क को ध्वस्त करने में जुट गई है। पुलिस ने देहरादून में सक्रिय शराब तस्करों से लेकर देहरादून में गैर प्रांतों से तस्करी के जरिए शराब लाकर बेचने वाले गिरोहों पर शिकंजा कसने में जुट गई है। इस कार्रवाई के असर को दूरगामी बनाने के लिए चिह्नित किए जा रहे शराब तस्करों का डोजियर भी तैयार किया जा रहा है, जिसमें उनके शराब तस्करी के तरीके से लेकर उनके इलाकों समेत तमाम छोटी-बड़ी जानकारियों को शामिल किया जा रहा है।
पथरिया पीर बस्ती में 19 और 20 सितंबर को जहरीली शराब पीने से छह लोगों की मौत हो गई थी, वहीं 27 सितंबर को एक अन्य शख्स की ऋषिकेश एम्स में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। इस वाकये ने आम लोगों झकझोर कर रख दिया, वहीं सरकार और पुलिस को भी आईना दिखा दिया कि जब राजधानी में शहर के बीचोबीच स्थित बस्ती का यह हाल है तो शहर के बाहर और राज्य के अन्य जिलों में क्या तस्वीर होगी। घटना को लेकर सरकार के सख्त रुख के बाद पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए पथरिया पीर बस्ती में शराब सप्लाई करने वाले गिरोह का न सिर्फ भांडा फोड़ा, चार दिनों के भीतर गिरोह के चार सदस्यों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।
मगर सूत्रों की मानें तो तफ्तीश में यह भी सामने आया कि देहरादून में अभी शराब तस्करी हो रही है और अन्य प्रांतों से भी शराब लाकर यहां बेची जा रही है। इस पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए पुलिस अब बड़े अपराधियों की तरह शराब तस्करों का भी डोजियर तैयार करने में जुट गई है। इसका उद्देश्य शराब तस्करों के नेटवर्क को ध्वस्त करते हुए उनकी कमर तोड़ना है, जिससे फिर से पथरिया पीर बस्ती जैसी घटना की पुनरावृत्ति न हो।
अन्य राज्यों के तस्करों का भी होगा डाटा
डोजियर में देहरादून के साथ उत्तराखंड से सटे पड़ोसी राज्यों के शराब तस्करों का भी डाटा रखा जाएगा। इसमें तस्करों के शराब की कालाबाजारी करने के तरीकों से लेकर गिरोह के सदस्यों पर दर्ज मुकदमे और उनकी स्थिति के बारे में सभी जानकारियां होंगी।
उत्तर प्रदेश पुलिस को भेजा पत्र
पुलिस केवल शराब तस्करों पर ही नहीं मादक पदार्थ मसलन स्मैक, अफीम आदि की सप्लाई करने वाले रैकेट की भी जड़ें खोदने की कोशिश में जुट गई है। इसके लिए एसएसपी की ओर से उत्तर प्रदेश पुलिस को पत्र भेज कर ऐसे तस्करों पर शिकंजा कसे जाने की बात कही है। दरसअल, देहरादून के स्कूल-कॉलेजों तक पहुंचने वाली नशे की खेप उत्तर प्रदेश के बरेली व अन्य जिलों से आती है। हाल के दिनों में पकड़े गए कई तस्करों ने उत्तर प्रदेश के गैंग और उसके सदस्यों का नाम भी लिया है।
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एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि शराब और मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं। अब तक प्रकाश में आए तस्करों के बारे में जानकारी जुटाने के साथ सभी का सत्यापन भी कराया जा रहा है। खासकर उन तस्करों के बारे में बारीकी से पड़ताल की जा रही है, जो जमानत पर बाहर हैं।
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