पौराणिक नीलकंठ महादेव मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खुला, शारीरिक दूरी के पालन को बनाए गए हैं गोले
पांच महीने बाद नीलकंठ महादेव मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। मंदिर के मुख्य पुजारी सुभाष पुरी महाराज ने बताया कि इस दौरान शारीरिक दूरी का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
ऋषिकेश, जेएनएन। नीलकंठ मंदिर को पांच महीने बाद श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। कोरोना संक्रमण के चलते किए लॉकडाउन के दौरान मंदिर को बंद रखा गया था। वहीं, मंदिर के मुख्य पुजारी सुभाष पुरी महाराज ने बताया कि शारीरिक दूरी का पालन करने के लिए मंदिर में गोले बनाए गए हैं। इसके साथ ही एहतियातन सैनिटाइजर की भी व्यवस्था की गई है।
यमकेश्वर प्रखंड के अंतर्गत मणिकूट पर्वत की तलहटी पर पौराणिक श्री नीलकंठ महादेव मंदिर स्थित है। कोरोना काल में पांच माह बाद मंगलवार को मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। दरअसल, कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान 22 मार्च को जनता कर्फ्यू और उसके बाद लॉकडाउन जारी होने के बाद पौराणिक नीलकंठ महादेव मंदिर को भी श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया था। हालांकि, अनलॉक तीन में केंद्र सरकार ने जारी नई गाइडलाइन में धार्मिक स्थलों को सीमित संख्या में खोलने की अनुमति जारी की थी। परस्थानीय नागरिकों, जनप्रतिनिधियों और श्री नीलकंठ मंदिर समिति ने मंदिर को बंद रखने का फैसला लिया था। संपूर्ण श्रावण मास में यह मंदिर बंद रहा।
अब इसे मंगलवार को मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। नीलकंठ व्यापार वेलफेयर एसोसिएशन ने सुबह नौ बजे से चार बजे तक ही बाजार खोलने का निर्णय लिया है। मंदिर के मुख्य पुजारी सुभाष पुरी महाराज ने बताया कि शारीरिक दूरी का पालन करने के लिए मंदिर में गोले बनाए गए हैं। मुख्य शिवलिंग में जल लहरी के द्वारा श्रद्धालु जलाभिषेक कर रहे हैं। यहां सैनिटाइजर की भी व्यवस्था की गई है।
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हेमकुंड साहिब के लिए पहला जत्था रवाना
चमोली जिले में स्थित सिखों के पवित्र तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब के कपाट चार सिंतबर को श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे। सोमवार को दिल्ली से पहुंचे 48 श्रद्धालुओं का पहला जत्था यात्रा के लिए रवाना हुआ। इसी दिन लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के भी कपाट खुलने हैं। आपको बता दें कि सिखों के 10वें गुरु गोविंद सिंह की तपस्थली हेमकुंड साहिब के कपाट हर वर्ष मई महीने के दौरान खुलते थे, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते एहतियातन चार सितबर से हेमकुंड साहिब के कपाट खोलने का फैसला लिया गया।
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