Move to Jagran APP

Coronavirus: कोरोना संक्रमण का केंद्र बन रही मंडी, सिस्टम गंभीर नहीं; फैल सकता है पूरे शहर में

देहरादून स्थित निरंजनपुर मंडी भी अब संक्रमण का केंद्र बनने लगी है। एक हफ्ते में मंडी के अंदर सात लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 08:46 AM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 08:46 AM (IST)
Coronavirus: कोरोना संक्रमण का केंद्र बन रही मंडी, सिस्टम गंभीर नहीं; फैल सकता है पूरे शहर में
Coronavirus: कोरोना संक्रमण का केंद्र बन रही मंडी, सिस्टम गंभीर नहीं; फैल सकता है पूरे शहर में

देहरादून,  विजय जोशी। उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार इजाफा होने के साथ ही देहरादून स्थित निरंजनपुर मंडी भी अब संक्रमण का केंद्र बनने लगी है। एक हफ्ते में मंडी के अंदर सात लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। हालांकि, अभी यह भी नहीं कहा जा सकता कि यहां कितने और लोग संक्रमित हो चुके हैं। साथ ही अब तक पाए गए संक्रमित किन-किन लोगों के संपर्क में आ चुके हैं।

loksabha election banner

चिंता वाली बात यह भी है कि अब मंडी के जरिये पूरे शहर में संक्रमण फैलने का खतरा बन गया है। शुरू से ही हाई रिस्क एरिया रही मंडी में एहतियात को उठाए जाने वाले कदमों पर सिस्टम गंभीर नहीं रहा। जबकि, दैनिक जागरण शुरू से ही मंडी में कोरोना संक्रमण को लेकर आगाह करता रहा। मंडी समिति ने यहां सुरक्षा के तमाम इंतजाम करने का दावे किए, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने यहां समय पर सैंपलिंग की आवश्यकता नहीं समझी।

हफ्ते में दो दिन बंद रहेगी मंडी

निरंजनपुर मंडी अब सप्ताह में दिन दो बुधवार और रविवार को बंद रहेगी। इन दोनों दिन यहां सैनिटाइजेशन किया जाएगा। गुरुवार को मंडी समिति के अध्यक्ष राजेश शर्मा ने आढ़तियों के साथ बैठक की, जिसमें निर्णय लिया गया कि मंडी में हफ्ते में दो दिन सैनिटाइजेशन किया जाए। मंडी अध्यक्ष ने बताया कि मंडी में बढ़ रहे कोरोना के मामलों को देखते हुए नियमित सैनिटाइजेशन किया जा रहा है, लेकिन रोजाना यहां कारोबार के चलते सैनिटाइजेशन को पर्याप्त समय नहीं मिल पाता। 

ऐसे में अब सप्ताह में दो दिन मंडी परिसर पूरी तरह सैनिटाइज किया जाएगा। इसलिए बुधवार और रविवार को मंडी में कोराबार नहीं किया जाएगा। अध्यक्ष राजेश शर्मा ने बताया कि मंडी में 50 वर्ष से अधिक वर्ष की आयु के लोगों का प्रवेश पहले ही वर्जित किया जा चुका है। मंडी में सख्ती के साथ सुरक्षा मानकों का पालन कराया जा रहा है। बैठक में मंडी सचिव विजय थपलियाल, निरीक्षक अजय डबराल, आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र आनंद उपस्थित थे।

सीधे फुटकर मंडी में पहुंचेगी सब्जी  

निरंजनपुर सब्जी मंडी में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों से मंडी के पूरी तरह बंद होने की आशंका गहराने लगी है। मंडी समिति भी वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार कर रही है। निरंजनपुर मंडी के बंद होने की स्थिति में बाहर से आने वाले फल-सब्जी के ट्रकों को सीधे फुटकर मंडी भेजा जा सकता है।

निरंजनपुर सब्जी मंडी में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़कर सात हो गई है। यहां संक्रमण के और मामले आने से भी इन्कार नहीं किया जा सकता। इसीलिए मंडी में रैंडम सैंपलिंग भी की जा रही है। यहां से शहरभर में फल-सब्जी की आपूर्ति होने के कारण कोरोना संक्रमण के घरों तक पहुंचने की भी आशंका है। अगर मंडी में अगले कुछ दिनों में बड़ी संख्या में कोरोना मरीज पाए गए तो संभव है कि मंडी को पूर्ण रूप से कारोबार के लिए बंद कर दिया जाए। 

ऐसी स्थिति में शहर में फल-सब्जी की आपूर्ति किस प्रकार की जा सकती है, इसके विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। मंडी समिति के सचिव विजय थपलियाल ने बताया कि अगर मंडी को पूर्ण रूप से बंद करने की नौबत आती है तो मंडी समिति का प्रयास रहेगा कि बाहर से आने वाले ट्रकों से सीधे फुटकर मंडियों में सब्जी पहुंचाई जाए। इसके अलावा आइएसबीटी के पास स्थित खेतों में भी माल उतरवाया जा सकता है। जिसे यहां से शहर के विभिन्न क्षेत्रों में सप्लाई किया जाएगा।

दैनिक जागरण के आगाह करने के बाद भी नहीं ली सुध

मंडी में संक्रमण के खतरे को देखते हुए दैनिक जागरण शुरू से ही यहां रैंडम सैंपलिंग की व्यवस्था पर जोर दे रहा है। जागरण में 14 मई के अंक में 'मंडी को छोड़ा भगवान भरोसे' शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था, जिसमें मंडी में रैंडम सैंपलिंग की आवश्यकता बताई गई थी। मंडी समिति की ओर से स्वास्थ्य महकमें को पत्र भी लिखा गया, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। अब सीएमओ कार्यालय से नोडल अधिकारी को मंडी में रैंडम सैंपलिंग को कहा गया है।

हर दिन पहुंचते हैं करीब डेढ़ हजार लोग

निरंजनपुर मंडी में रोजाना करीब 15 हजार से 20 हजार कुंतल फल सब्जी का कारोबार होता है। यहां आढ़ती, वेंडर और श्रमिकों को मिलाकर करीब डेढ़ हजार लोगों की आवाजाही अब भी प्रतिदिन हो रही है। जिनमें शहर के कोने-कोने से आने वाले लोग शामिल हैं। इसके अलावा यहां दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र आदि राज्यों से रोजाना करीब डेढ़ सौ ट्रक व अन्य वाहन दून की मंडी पहुंचते हैं। कुल मिलाकर निरंजपुर मंडी में संक्रमित व्यक्ति के पहुंचने पर कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा सर्वाधिक है।

संक्रमण का खतरा फुटकर मंडियों में भी कम नहीं

शहर में अभी लालपुल, मोती बाजार, धर्मपुर, नेहरू कॉलोनी, छह नंबर पुलिया आदि क्षेत्रों में फुटकर की बड़ी मंडियां हैं। यहां भी कोरोना संक्रमण का खतरा बहुत ज्यादा है। फल-सब्जी खरीदने बड़ी संख्या में इन मंडियों में लोग पहुंचते हैं। अक्सर यहां शारीरिक दूरी के नियम का उल्लंघन पाया जाता है। साथ ही दिनभर में एक ठेली पर सब्जी खरीद रहे दर्जनों लोगों के सब्जी को छूने से भी संक्रमण की आशंका बनी रहती है। इसके अलावा सब्जी विक्रेता की बात करें तो वे मास्क और ग्लव्स तो पहन रहे हैं, लेकिन दिनभर एक जोड़ी ग्लव्स और उन्हें सेनिटाइज न करना भी खतरा बढ़ा रहा है। जबकि, फल-सब्जियों को ग्राहकों के छांटकर ले जाना भी संक्रमण की वजह बन सकता है।

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. बीसी रमोला का कहना है कि मैने कुछ दिन पूर्व ही पदभार संभाला है। मंडी सचिव की ओर से रैंडम सैंपलिंग को भेजा गया पत्र मुङो हाल ही में मिला है। जिस पर नोडल अधिकारी आलोक जैन को मंडी में आढ़तियों और उनके कर्मचारियों की रैंडल सैंपलिंग के निर्देश दिए गए हैं।

अब मोहल्लों में वाहनों से बेचेंगे सब्जी

मंडी सचिव ने बताया कि मंडी के बंद होने की सूरत में छोटे वाहनों से विभिन्न कॉलोनियों में फल-सब्जी बेची जाएगी। इससे लोगों को घर में ही सब्जी मिल सकेगी। लॉकडाउन लागू होने के बाद से शहर में 20 वाहनों से फल-सब्जी की बिक्री की भी जा रही है। इनकी संख्या को 50 किया जाएगा।

ए-ब्लॉक की दुकानें भी सील

मंडी में कोरोना के तीन नए मामले आने के बाद अब ए-ब्लॉक की दुकानें भी सील कर दी गई हैं। इसमें ए-6 से ए-12 तक की दुकानें शामिल हैं। डी-ब्लॉक की दुकानें पहले से ही सील चल रही हैं।

 यह भी पढ़ें: Coronavirus: एम्स में कोरोना संक्रमितों की रिमोट पद्धति से मॉनिटरिंग शुरू

शहर की फुटकर मंडियों में व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की दरकार

  • शहर में विभिन्न क्षेत्रों में स्थित फुटकर मंडियों में ठेलियों के बीच निश्चित दूरी बनाई जाए और गोले बनाकर ग्राहकों से शारीरिक दूरी का पालन कराया जाए।
  • विक्रेता फल और सब्जी खुद ही पैक कर ग्राहक को दें या एक किलो और दो किलो पैक करके रखें और ग्राहक को तौलकर दें।
  • पैसे के लेनदेन को डिजिटल माध्यम अपनाएं। कैश के लेन-देन से संक्रमण का खतरा अधिक है, ऐसे में पेमेंट एप के माध्यम से लेने-देन संभव है।

यह भी पढ़ें: LIVE Uttarakhand Coronavirus Update: 500 के पार पहुंचा कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा, पांच की हो चुकी है मौत


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.