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Lockdown: बाजार खुलते ही अधिकतम सीमा पर पहुंचा दून का वायु प्रदूषण

लॉकडाउन 3.0 में बाजार क्या खुले कि सड़कों पर वाहनों की आवाजाही बढ़ने से वायु प्रदूषण का ग्राफ भी ऊपर चढ़ा है। हमें प्रदूषण के प्रति संवेदनशील होने की जरूरत है।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Published: Thu, 07 May 2020 11:53 AM (IST)Updated: Thu, 07 May 2020 11:53 AM (IST)
Lockdown: बाजार खुलते ही अधिकतम सीमा पर पहुंचा दून का वायु प्रदूषण

देहरादून, सुमन सेमवाल। लॉकडाउन 3.0 में बाजार क्या खुले कि लोगों में बिना कारण भी बाहर निकलने की होड़ सी मच गई। सड़कों पर वाहनों की आवाजाही बढ़ने से वायु प्रदूषण का ग्राफ भी ऊपर चढ़ा है। लॉकडाउन के पहले चरण (छह अप्रैल) के आंकड़ों की अपेक्षा पांच मई को प्रदूषण के ग्राफ (पीएम-10) में 30.10 फीसद का इजाफा पाया गया। इसके साथ ही यह आंकड़ा वायु प्रदूषण की अधिकतम सीमा 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के करीब पहुंच गया है।

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उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक वैज्ञानिक अधिकारी एसएस चौहान ने बताया कि कार्मिकों की सीमित संख्या के चलते अभी सिर्फ घंटाघर स्टेशन से रीडिंग ली गई। यहां पर पीएम-10 की मात्रा 98.89 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पाई गई। लॉकडाउन के पहले चरण में जब बाजार बंद थे और जरूरी वस्तुओं की खरीद के लिए भी समय सीमित था, तब पीएम-10 की मात्रा छह अप्रैल को 76.01 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पाई गई थी।

दून में सामान्य दिनों में यह मात्रा 200 के पार पहुंच जाती है। इस लिहाज से लॉकडाउन में घंटाघर, आइएसबीटी और रायपुर स्टेशन (सर्वे चौक) में प्रदूषण का ग्राफ 76 फीसद तक कम हो गया था। बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अमित पोखरियाल का कहना है कि सामान्य दिनों के लिहाज से अभी भी वायु प्रदूषण अपनी हद में है, मगर जब हालात पूरी तरह दुरुस्त हो जाएंगे, तब भी हमें प्रदूषण के प्रति संवेदनशील होने की जरूरत है।  

अधिकतम सीमा को पार कर गया 2.5 का स्तर

कोरोना संक्रमण के लिहाज से पीएम-10 की अपेक्षा अधिक छोटे 2.5 के प्रदूषण कण अधिक खतरनाक होते हैं। विभिन्न अध्ययन में यह बात सामने आई है कि सूक्ष्म धूल कणों या सूक्ष्म बूंदों के जरिये हवा के माध्यम से कोरोना वायरस कई मीटर तक पहुंच सकता है। 

लॉकडाउन में मिली अतिरिक्त छूट के चलते पीएम-2.5 की मात्रा घंटाघर स्टेशन पर मानक से अधिक 79.28 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर हो गई है। इसकी अधिकतम सीमा 60 होनी चाहिए। इस स्टेशन के छह अप्रैल के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, मगर इसी के पास सर्वे चौक स्टेशन के आंकड़े देखें तो यहां लॉकडाउन के पहले चरण में यह मात्रा 33.99 थी। इस तरह अधिक सूक्ष्म प्रदूषण कणों में 133.24 फीसद का इजाफा हुआ है।

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लॉकडाउन में यह रहा प्रदूषण का स्तर

-22 मार्च को जनता कफ्र्यू वाले दिन पीएम 2.5 का स्तर 20 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पाया गया। यह आंकड़े अंतरराष्ट्रीय वेबसाइट विंडी के सेटेलाइट के थे।

-छह अप्रैल को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दून के आंकड़े लिए, जिसमें घंटाघर पर पीएम-10 76.01, सर्वे चौक पर पीएम-10 72.58, पीएम-2.5 33.99, आइएसबीटी पर पीएम-10 67 व 2.5 की मात्रा 23.44 पाई गई।

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