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वेतन कटौती और पांच साल से वेतन बढ़ोतरी न होने से नाराज चिकित्‍सकों ने दिया धरना

वेतन कटौती और पांच साल से वेतन बढ़ोतरी न होने से नाराज श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के चिकित्सकों ने आंदोलन शुरू कर दिया है। वह शनिवार को तीन घंटे कार्य बहिष्कार पर रहे। इस दौरान उन्होंने सामान्य मरीज नहीं देखे। मुख्य गेट पर धरना-प्रदर्शन किया ।

By Sumit KumarEdited By: Published: Sun, 28 Nov 2021 05:17 PM (IST)Updated: Sun, 28 Nov 2021 05:17 PM (IST)
वेतन कटौती और पांच साल से वेतन बढ़ोतरी न होने से नाराज चिकित्‍सकों ने दिया धरना
वेतन बढ़ोतरी न होने से नाराज श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के चिकित्सकों ने आंदोलन शुरू कर दिया है।

जागरण संवाददाता, देहरादून: वेतन कटौती और पांच साल से वेतन बढ़ोतरी न होने से नाराज श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के चिकित्सकों ने आंदोलन शुरू कर दिया है। वह शनिवार को तीन घंटे कार्य बहिष्कार पर रहे। इस दौरान उन्होंने सामान्य मरीज नहीं देखे। मुख्य गेट पर धरना-प्रदर्शन किया और चिकित्सा अधीक्षक के माध्यम से ज्ञापन चेयरमैन को भेजा।

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चिकित्सकों का कहना है कि उन्होंने कोरोनाकाल में उच्च जोखिम के बीच काम किया। प्रोत्साहन के उलट उनके वेतन में तीस प्रतिशत कटौती कर दी गई। अस्पताल प्रबंधन से कई बार इस संबंध में बात की गई है, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है। पांच साल में कोई वेतन बढ़ोतरी भी नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि सोमवार तक का वक्त अस्पताल प्रबंधन को दिया गया है। इसके बाद आंदोलन तेज किया जाएगा।

इधर, अस्पताल के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी भूपेंद्र रतूड़ी का कहना है कि यह परिवार का मामला है और इसे साथ बैठकर सुलझा लिया जाएगा। शनिवार को प्राचार्य के बाहर होने के कारण बात नहीं हो सकी है। चिकित्सकों के प्रतिनिधिमंडल को सोमवार को वार्ता के लिए बुलाया गया है। वेतन संबंधी उनकी जो भी मांग है, उसका समाधान किया जाएगा।

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एकमुश्त पेयजल बिल जमा करने पर नहीं लगेगा विलंब शुल्क

ऋषिकेश: जलसंस्थान के पेयजल बिल का लंबे समय से भुगतान नहीं करने वालों यदि 31 मार्च तक एक मुस्त बिल की धनराशि जमा करने पर उसमें लगने वाले विलंब शुल्क में छूट मिलेगी।

जल संस्थान के सहायक अभियंता अनिल नेगी ने बताया कि पेयजल व स्वच्छता अनुभाग ने शुक्रवार को इस बाबत शासनादेश जारी किया है। इसका उद्देश्य वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पहले शत प्रतिशत वसूली करना है। ऋषिकेश में 10 हजार से अधिक के कई बकायेदार हैं, जिन पर विलंब शुल्क लगा है, ऐसे बकाएदारों को इस सुविधा का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने बताया कि जल कर के साथ ही सीवर कर वालों के विलंब शुल्क में भी छूट देने का प्रविधान है।

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