रैंडम कॉल में डीएम ने पूछा ‘आपकी क्या शिकायत है’
जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने क्वारंटाइन सेंटरों की व्यवस्थाओं को परखने के लिए गुरुवार को रैंडम आधार पर पांच सेंटरों में कॉल कर वहां रखे गए 10 युवाओं से बात की।
देहरादून, जेएनएन। जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने क्वारंटाइन सेंटरों की व्यवस्थाओं को परखने के लिए गुरुवार को रैंडम आधार पर पांच सेंटरों में कॉल कर वहां रखे गए 10 युवाओं से बात की। जिलाधिकारी ने शुरुआत करते हुए पूछा कि उन्हें यहां किस तरह की दिक्कत पेश आ रही है। हालांकि, सभी ने व्यवस्थाओं के प्रति संतोष व्यक्त किया।
गुरुवार को जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने आशियाना ग्रांट, पर्ल हॉस्टल, ब्लेसिंग होम, अंकुर पैलेस, आशीर्वाद हॉस्टल में रखे गए 10 युवाओं से बात की। इनमें अधिकतर होटल में काम करते हैं, जबकि एक आइटी कंपनी में मल्टीमीडिया का काम करता है। जिलाधिकारी ने बताया कि सभी ने विशेषकर भोजन की तारीफ की। दोपहर को तेज हवाएं चलने के चलते कुछ देर बिजली बाधित हो गई थी, लिहाजा इसको लेकर भी बताया गया कि बिजली बार-बार गुल हो जा रही है।
ऋषिकेश के युवा से पूछा गया कि क्या वह अपने मल्टीमीडिया का हुनर प्रशासन के लिए कुछ रचना कर दिखाएंगे तो उसने कहा कि यहां से सुरक्षित निकलने के बाद वह जरूर यह काम करेंगे। जिलाधिकारी डॉ. श्रीवास्तव के मुताबिक, सभी उपजिलाधिकारियों व मुख्य विकास अधिकारी ने भी विभिन्न सेंटरों का औचक निरीक्षण किया। सभी जगह इंतजाम दुरुस्त पाए गए। इसके अलावा जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारियों व अन्य अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह 10-10 सेंटरों का रैंडम आधार पर निरीक्षण करते रहें। इस बात पर डॉ. श्रीवास्तव ने खुशी व्यक्त की कि सभी सेंटर में वहां रह रहे लोगों वाट्सएप ग्रुप बनाया गया है। इसमें नोडल अधिकारी को भी शामिल किया गया है।
क्वारंटाइन केंद्रों में लोगों को मिले मदद
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने गुरुवार को राजभवन में जिलाधिकारी देहरादून से कोविड-19 संबंधी कार्यो की जानकारी ली। उन्होंने सभी कार्यो में उच्च गुणवत्ता, लोगों की सुरक्षा और सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। उन्होंने क्वारंटाइन केंद्रों में रह रहे लोगों की बातों को संवेदना के साथ सुनकर उनकी सहायता करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी डॉ आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि देहरादून में संस्थागत क्वारंटाइन के लिए छात्रवासों व अन्य भवनों में संस्थागत व पेड क्वारंटाइन की व्यवस्था की गई है। बाहर से आने वाले प्रवासियों के रैपिड टेस्ट व स्वैब टेस्ट किए जा रहे है।
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बच्चों के लिए भेजे बिस्किट व नमकीन
जिन क्वारंटाइन सेंटरों में परिवार के साथ बच्चे भी रह रहे हैं, वहां जिलाधिकारी के निर्देश पर किट बनाकर बिस्किट, नमकीन, जूस आदि भेजे गए। हर सेंटर में एक शिकायत पंजिका रखने को भी कहा गया है।
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