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विभिन्न निगमों व समितियों में अब जल्द हो सकता है दायित्व वितरण

राज्य सरकार के अंतर्गत विभिन्न निगमों व समितियों में दायित्व की आस लगाए बैठे भाजपा नेताओं की यह साध जल्द पूरी होने की उम्मीद जगी है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की दिल्ली प्रवास के दौरान को इससे जोड़कर देखा जा रहा है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 17 Jun 2021 07:55 AM (IST)Updated: Thu, 17 Jun 2021 01:22 PM (IST)
विभिन्न निगमों व समितियों में अब जल्द हो सकता है दायित्व वितरण
विभिन्न निगमों व समितियों में अब जल्द हो सकता है दायित्व वितरण।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। राज्य सरकार के अंतर्गत विभिन्न निगमों व समितियों में दायित्व की आस लगाए बैठे भाजपा नेताओं की यह साध जल्द पूरी होने की उम्मीद जगी है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की दिल्ली प्रवास के दौरान पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री एवं उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रामलाल से हुई भेंट को इससे जोड़कर देखा जा रहा है।

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सरकार में नेतृत्व परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पिछली त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल में बांटे गए दायित्व निरस्त कर दिए थे। केवल आयोग और किसी अधिनियम के तहत दिए गए दायित्व बरकरार रखे गए । तब ये कहा गया था कि जल्द ही दायित्व वितरित कर दिए जाएंगे। अप्रैल में इसे लेकर कसरत भी हुई, लेकिन कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारण यह संभव नहीं हो पाया। अब जबकि विधानसभा चुनाव के लिए समय बहुत कम रह गया है तो सरकार इस मामले में फूंक-फूंककर ही कदम उठाएगी। ऐसा फार्मूला निकाला जा रहा है, जिससे दायित्व भी बंट जाएं और कहीं कोई नाराजगी का सुर भी न उभरे।

माना जा रहा कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से मंथन के बाद ही दायित्व वितरण के संबंध में फैसला लेंगे। उनके पिछले दिल्ली दौरे के दरम्यान भी दायित्व वितरण को लेकर पार्टी नेताओं से चर्चा होने की बात थी, मगर ऐसा नहीं हो पाया। इस बार मुख्यमंत्री ने दिल्ली दौरे में केंद्रीय मंत्रियों के अलावा भाजपा और संघ के नेताओं से भी मुलाकात की। हालांकि, पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री गौतम और संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रामलाल से उनकी भेंट को शिष्टाचार बताया जा रहा है, लेकिन चर्चा है कि दौरान दायित्व वितरण को लेकर भी विमर्श हुआ। ऐसे में सभी की नजरें मुख्यमंत्री पर टिकी हैं कि दिल्ली से लौटने के बाद वह दायित्व वितरण के संबंध में क्या फैसला लेते हैं।

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